RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
राज ने देखा इमारत का मुख्य द्वार खुला था । दोनों रोशनी के बैडरूम में पहुंचे । रोशनी गायब थी।
मार्गरेट के चेहरे पर गहरी उलझन के भाव उभर आये।
राज बेहद शांत था ।
दोनों हाल में वापिस लौट आये ।
"मेरा बैग !" - एकाएक मार्गरेट बोली ।
"क्या हुआ तुम्हारे बैग को ?" - राज ने तीव्र स्वर से पूछा।
"मैंने उस मेज पर" - मारिट हाल में द्वार के समीप रखी एक गोल मेज की ओर संकेत करती हुई बोली - "अपना बैग रखा था । बैग गायब है
"बैग में क्या मोटरबोट के इग्नीशन की चाबी भी थी?"
"नहीं । बैग में बाकी चाबियां थी लेकिन मोटरबोट की चाबी नहीं थी । वह चाबी मैं बैग में
डालना भूल गयी थी । वह चाबी मैंने अनजाने में अपनी पतलून की जेब में डाल ली थी।"
“वैरी गुड ।" - राज सन्तुष्ट स्वर में बोला । राज मुख्य द्वार की ओर बढा ।
अभी उसने दरवाजा बन्द करने के लिये हाथ बढाया ही था कि उसे बाहर अंधकार में एक साया दिखाई दिया । राज ने जल्दी से द्वार बन्द करने की कोशिश की लेकिन साया उससे ज्यादा फुर्तीला था । साया एक छलांग मारकर दरवाजे
के दोनों पल्लों के बीच पहुंच गया ।
राज दो कदम पीछे हट गया ।
वह साया इन्स्पेक्टर मार्श का था । उसके पीछे दो ब्रेनगनों से लैस पुलिसमैन थे । इन्स्पेक्टर के अपने हाथ में रिवाल्वर थी।
"सो वी मीट अगेन ।" - इन्स्पेक्टर मार्श अन्दर हाल में कदम रखता हुआ बोला ।
"आप यहां कैसे टपक पड़े, इन्स्पेक्टर साहब ?" - राज निराशापूर्ण स्वर से बोला ।
इन्स्पेक्टर ने उसके प्रश्न का उत्तर नहीं दिया ।
"एण्ड हाउ आर यू, मैडम ?" - इन्स्पेक्टर मार्गरेट को सम्बोधित करता हुआ बोला "आपने ट्रेन रोक कर एक अपराधी को भगाने में मदद की थी लेकिन फिर भी मैं आपकी हिम्मत की दाद देता हूं।"
मार्गरेट चुप रही।
"इन्स्पेक्टर साहब" - राज फिर बोला - "लेकिन आप यहां पहुंचे कैसे? बाई गॉड, मैं हैरानी से मरा जा रहा हूं | मेरी निगाह में तो आपके पास यह जानने का कोई साधन ही नहीं था कि हम यहां आये हैं ?"
"लेकिन तुम्हारे अनिल साहनी नाम के लम्बे-चौड़े साथी को मालूम था कि तुम लोग यहां आने वाले थे।"
“अनिल साहनी ! लेकिन वो तो मर चुका है ।" “कब मर चुका है ।" - इन्स्पेक्टर कब शब्द पर विशेष जोर देता हुआ बोला ।
"क्या मतलब ?" - राज ने पूछा |
"तुम्हें कैसे मालूम कि वह मर चुका है?"
"है मालूम मुझे । वह ट्रेन के नीचे आकर मरा है
"तुम्हें यह बात जरूर रोशनी नाम की लड़की ने बताई है।"
राज ने तनिक हिचकिचाते हुये सहमतिसूचक ढंग से हिला दिया ।
"रोशनी कहां है?"
"पहले आप मेरी बात का तो जवाब दीजिये ?"
इन्स्पेक्टर कुछ क्षण चुप रहा और फिर बोला "अनिल साहनी चलती ट्रेन की चपेट में जरूर आ गया था लेकिन फौरन मरा नहीं था । मरने से पहले उसने हमे बताया था कि उसे उसकी सहयोगिनी रोशनी ने मालगाड़ी के डिब्बे में से दूसरी पटरी पर विपरीत दिशा से आती चलती गाड़ी के सामने धक्का दे दिया था ।"
मार्गरेट बुरी तरह चौंकी लेकिन राज के चेहरे पर हल्के से आश्चर्य के भाव भी नहीं उभरे ।
"अनिल साहनी ने ही मरने से पहले हमें यह बताया था कि रोशनी और तुम लोग इस टापू पर जरूर जाओगे ।" - इन्स्पेक्टर फिर बोला ।
"अनिल साहनी ने यह नहीं बताया कि रोशनी ने उसे धक्का क्यों दिया ?" - राज ने पूछा ।
"नहीं ।"
"और क्या कहा था उसने ?"
"कुछ नहीं । और कुछ कह पाने से पहले ही उसके प्राण निकल गये थे । ...
वह लड़की कहां आखिरी शिकार है?"
"कौन-सी लड़की ?"
"रोशनी । मैं उसे अनिल साहनी की हत्या के इल्जाम में गिरफ्तार करना चाहता हूं।"
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