RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
दीपा:- दीदी आपके यह बात तो सही है कि उसे आपको देखकर झटका लग सकता है परंतु यह क्यों नहीं सोच रही है कि अगर हम लोग से आज नहीं मिले तो शायद फिर कभी नहीं मिल पाएंगे।
सीमा:- दीया दीपा सच बोल रही है हमें चलकर एक बार प्रेम से मिलना चाहिए और उसकी दीदी बात करना चाहिए कि वह प्रेम को कुछ दिन के लिए यहां पर छोड़ दे।
दिया:- मां मेरे हिसाब से तो ठीक नहीं रहेगा किंतु अगर आप यह कहती हो कि मिल लेना चाहिए तो हम लोग उससे जरूर मिलेंगे परंतु इस बात का ध्यान रखना कि कोई भी यह बात ना करें कि उसे यहां पर छोड़ दिया जाए मेरे हिसाब से उसके घर वाले बहुत पैसे वाले हैं और वह इसका इलाज अच्छे से अच्छे से करा सकते हैं हमें तो खाने के लिए भी सोचना पड़ता है तो हम उसके लिए दवा कहां से करेंगे।
यह फैसला करके तीनों हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं और वहां पर पहुंचते हैं तो तू देखते हैं कि जाने की सारी तैयारी हो चुकी थी सिर्फ को कागजी कार्रवाई बाकी थी इसलिए ही अभी तक वहां से कोई गया नहीं था ।
अन्नू उन्हें देखती है तो ज्योति को लेकर उनके पास आती है और उनका परिचय करवाती है आपस मे।
ज्योति सीमा को देखकर तुरंत ही उसका पर सोती है और कहती है कि
ज्योति:- आंटी आपने मेरे भाई की देखभाल की और उसे अपने बेटे जैसा रखा है जिसके लिए हम आपके सदा आभारी रहेंगे अगर जरूरत पड़े तो आप हमें जरूर याद कीजिएगा हम आपकी यथा संभव मदद करने की कोशिश जरूर करेंगे।
सीमा:- बेटी मुझको तुमसे कुछ बात करनी है अगर तुम चाहो तो हम अकेले में कुछ बातें कर सकते हैं।
ज्योति:- हां जी क्यों नहीं हूं जरूर बातें कर सकते है।
ज्योति अनु से बोलती है कि चलो हम लोग कहीं से नाश्ता करके आते हैं तो फिर वहां से अनु ज्योति और सीमा तीनों ही ज्योति की गाड़ी में बैठ कर एक रेस्टोरेंट की तरफ चल देते हैं। वहां पहुंचकर अनु तीनों के लिए काफी का ऑर्डर देती है और तीनों एक टेबल पर बैठ जातेहै।
ज्योति:- आंटी बोली आप क्या कहना चाहती हैं जो वहां पर आप नहीं बोलना चाहती थी।
सीमा:- देखो बेटा मैं झूठ नहीं बोलूंगी कि मैंने प्रेम को बचपन से पाला है हां मैंने उसकी 4 साल से देखभाल की है और उसे अपने बेटे के समान ही प्यार और ममता दी है। कल उसे झूठा इल्जाम लगाकर इतना सब कुछ उसके साथ किया गया और आज तो मेरी ही बेटी ने उसे मार दिया जिसके कारण उसका यह हाल हुआ है।
अन्नू:-आंटी जी दीया से मारने के लिए मैन ही कहा था कि उसे ऐसा मरना की वह बेहोश ही जाए परन्तु मुझे यह पता नही था कि ऐसा करने से उसके दिमाग पर इतना गहरा असर होगा कि उसकी यादाश्त चली जायेगी ।इसके लिए मैं आपसे माफी मांगती हु ।
सीमा:-नही बेटी इसके लिए तुम माफी क्यों मांगती यह तो अच्छा ही हुआ कि उसकी यादाश्त चली गयी जिसके कारण उसे तकलीफ थोड़ी कम होगी।किन्तु मैं कहना चाहती हु की क्या आप लोग प्रेम को कुछ दिन मेरे साथ नही छोड़ सकती है।
अन्नू:-आंटी वह पर प्रेम का इलाज अच्छे से हो सकेगा इसलिए उसे वह जाने दे ।आप को जब भी प्रेम से मिलने जा सकती है।
ज्योति:-आंटी मैं आपके दुख को समझ सकती हूं अगर आपको बुरा न लगे तो मेरे पास आपके लिए एक उपाय है ।
अन्नू:-मैं कुछ समझी नही तू कहना क्या चाहती है?
ज्योति:-आंटी अंकल क्या करते यंहा गांव में?
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