RE: Incest Kahani एक अनोखा बंधन
ज़रीना किचन में आ गयी और अपने काम में लग गयी. आदित्य कुछ देर चुपचाप सोफे पर बैठा रहा. फिर अचानक उठा और किचन में आकर ज़रीना को पीछे से जाकड़ लिया.
“मैं यहा तड़प रहा हूँ आपके लिए और आप खाना बना रही हैं.”
“आप नहा लीजिए ना जाकर. आपकी तड़प थोड़ी शांत हो जाएगी.”
“इस तड़प का इलाज सिर्फ़ आपके पास है. चलिए छ्चोड़िए ये सब.” आदित्य ने ज़रीना को गोदी में उठा लिया.
“आज अचानक इतनी दीवानगी कहा से आ गयी.”
“ये दीवानगी तो हमेशा से थी. बस थामे हुवे था खुद को. शादी से पहले मैं बहकना नही चाहता था.”
“किस मे आदित्य.”
“क्या कहा तुमने?”
“किस मे.”
“ऑम्ग ये कैसे हो गया.”
“अपने दीवाने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ मैं.”
“वैसे मुझे पता है तुम मुझे किस दे कर टरकाने के चक्कर में हो. पर ऐसा नही होगा.”
“ओह गॉड तुम तो पीछे पड़ गये मेरे.”
“जी हां शादी की है आपसे कोई मज़ाक नही. पीछे नही पड़ूँगा आपके तो कुछ मिलने वाला नही है मुझे... ये मैं जान गया हूँ.” आदित्य ज़रीना को बेडरूम में ले गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.
हम सब की सीमा यही समाप्त होती है. बेडरूम में झाँक कर वाहा के सीन का वर्णन करने से दोनो डिस्टर्ब हो जाएँगे. हमें दोनो को अकेला छ्चोड़ देना चाहिए अब. पर ये क्या कुछ आवाज़े आ रही हैं अंदर से. शायद प्रेम-रस में डूब गये हैं दोनो. भगवान से यही दुआ है कि ये दोनो दुनिया की बुरी नज़र से बचे रहें और ये ख़ुसनूमा प्यार दोनो के बीच हमेशा बना रहे.
प्यार एक ऐसी ताक़त है जो कि इंसान को भगवान बना देता है. ये हमारे चरित्र को निखारता है. जीवन की बहुत सारी बुराईयाँ प्यार की आग में जल कर खाक हो जाती हैं. यही देखा हमने इस अनोखे बंधन में. नफ़रत करते थे आदित्य और ज़रीना एक दूसरे से. धरम एक बहुत बड़ा कारण था इस नफ़रत के पीछे. प्यार ने धरम की दीवार भी गिरा दी और दोनो के दिलों में मौजूद नफ़रत को भी ख़तम कर दिया. ये कोई चमत्कार नही है. ऐसा रोज हो रहा है इस देश में. हां पर हर कोई ज़रीना और आदित्य की तरह प्यार की मंज़िल तक नही पहुँच पाता. तभी इसे एक अनोखा बंधन नाम दिया मैने. ये बंधन कुछ ऐसा है कि अगर आदित्य और ज़रीना चाहें तो भी नही तौड सकते इसे. प्यार ही कुछ ऐसा हो गया है दोनो को एक दूसरे से. दुआ यही है कि ऐसा प्यार भगवान हर किसी को दे. अल्लाह से भी यही फरियाद है. भगवान से भी यही प्रार्थना है. दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
दा एंड
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