RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
कहने की आवश्यकता नहीं, कमाण्डर करण सक्सेना को इस बार सीधे मौत के मुंह में धकेला जा रहा था ।
कमाण्डर, हर बार मौत के पंजे से पंजा लड़ाना जिसका शौक बन चुका है । रॉ (रिसर्च एंड एनलायसिस विंग) का वह जांबाज जासूस, जिसके नाममात्र से ही आज दुनिया के बड़े-बड़े अपराधी और दुश्मन देश के जासूस थर्रा उठते हैं । छः फुट से भी निकलता हुआ क़द । गोरा-चिट्टा रंग । काला लम्बा ओवरकोट और काला गोल क्लेंसी हैट पहनने का शौकीन है ।
एक कोल्ट रिवॉल्वर वह हमेशा अपने ओवरकोट की जेब में रखता है, जबकि दूसरी कोल्ट रिवॉल्वर अपने काले गोल क्लेंसी हैट की ग्लिप में रखता है । हैट की ग्लिप में मौजूद रिवॉल्वर किसी खतरनाक जगह फंसने पर उसके काफी काम आती है । वह अपने दिमाग की मांस-पेशियों को जरा भी हरकत देता है, तो फौरन हैट की ग्लिप में फंसी रिवॉल्वर निकलकर खुद-ब-खुद उसके हाथ में आ जाती है । गोली चलाने से पूर्व वह रिवॉल्वर के साथ ‘जगलरी’ भी करता है । रिवॉल्वर उसकी उंगलियों की गिर्द फिरकनी की तरह घूमती है ।
“कमाण्डर !” हवाई जहाज का पायलेट बड़ी सहानुभूतिपूर्ण नज़रों से कमाण्डर की तरफ देखता हुआ बोला- “क्या आपको ऐसा नहीं लग रहा कि भारत सरकार ने इस बार एक बहुत गलत कदम उठाया है ?”
“क्यों ?”
“आखिर आपको जानबूझकर मौत के एक ऐसे अंधे कुएं में धकेला जा रहा है, जहाँ से आपके जीवित वापस लौटने का कोई चांस नहीं है ।”
कमाण्डर मुस्कराया ।
“मैं मानता हूँ , इस बार मिशन कुछ ज़्यादा खतरनाक है ।” कमाण्डर बोला-“परन्तु मैं इतना नाउम्मीद नहीं हूँ, जो अभी से मरने की बात सोचने लगूं ।”
“लेकिन वो दुनिया के सबसे ज़्यादा खतरनाक बारह योद्धा हैं कमाण्डर !” पायलेट शुष्क स्वर में बोला ।
“वह न सिर्फ खतरनाक बारह योद्धा है बल्कि मैं यह भी जानता हूँ कि वह बर्मा के खौफनाक जंगल में अपनी पूरी फौज के साथ मौजूद हैं ।”
“फिर भी आप नाउम्मीद नहीं है ।”
“हाँ ।”
“जबकि आप वहाँ बिल्कुल अकेले होंगे कमाण्डर !” पायलेट के चेहरे पर हैरानी के भाव पैदा हुए- “आपकी कोई मदद करने वाला भी वहाँ नहीं है । फिर आप इतने खतरनाक योद्धाओं का अकेले मुकाबला कैसे कर पायेंगे ?”
“उनका मुकाबला करने के लिए कुछ न कुछ तो मैं ज़रूर करूँगा ।” कमाण्डर मुस्कुराया- “हो सकता है, बर्मा के जंगल में घुसते ही वह सब ख़ुद-ब-ख़ुद मेरा शिकार बन जायें ।”
“आप शायद मजाक कर रहे हैं कमाण्डर !”
“कभी-कभी मजाक करना भी सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है यंगमैन !”
पायलेट के चेहरे पर हैरानी के भाव बढ़ गये ।
उसे महसूस हुआ, कमाण्डर करण सक्सेना सचमुच हाड़-मांस का बना इंसान नहीं है ।
वह फौलाद था ।
फौलाद !
कोई फौलाद ही ऐसे हालात में भी मुस्करा सकता था ।
बर्मा की सीमा अब शुरू हो चुकी थी, नीचे दूर-दूर तक फैले वो ख़तरनाक जंगल नजर आ रहे थे, जो अपनी भयानकता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है ।
“आपसे विदाई का समय आ चुका है कमाण्डर !”
“ठीक कह रहे हो तुम ।”
कमाण्डर फौरन सब-पायलेट वाली सीट छोड़कर खड़ा हो गया और लगभग दौड़ता हुआ कॉकपिट से बाहर निकला ।
उस पूरे थ्री सीटर विमान में उन दोनों के सिवाय कोई न था ।
वह विमान सिर्फ कमाण्डर को ही बर्मा के खौफनाक जंगल में छोड़ने के लिए आया था ।
वहीं एक हैवरसेक बैग (फौजियों का पीठ पर बांधने वाला पिट्ठू) रखा था ।
हैवरसेक बैग- जिसमें कमाण्डर का काफी सारा सामान था ।
कमाण्डर ने फौरन उस हैवरसेक बैग को उठाकर अपनी पीठ पर कस लिया तथा फिर पैराशूट को बाँधना शुरू किया ।
“कमाण्डर, क्या आप मेरी आवाज सुन रहे हैं ?” तभी विमान के एक लाउडस्पीकर पर पायलेट की आवाज उभरी ।
“हाँ , मैं सुन रहा हूँ ।” कमाण्डर ने वहीं दीवार पर लगे एक माइक में कहा ।
“क्या आप नीचे कूदने के लिए तैयार हैं ?”
“यस, आई एम रेडी !” कमाण्डर जल्दी-जल्दी पैराशूट को बांधता हुआ बोला ।
“मे यू ऑलवेज बी लकी कमाण्डर !”
“थैंक्स !”
उसी क्षण उस थ्री सीटर विमान की स्पीड कम होने लगी ।
अब विमान बर्मा के ख़ौफनाक जंगल के चारों तरफ मंडरा रहा था ।
तब तक कमाण्डर ने भी पैराशूट अच्छी तरह कसकर बांध लिया ।
पैराशूट बांधते ही उसने खिड़की खोल दी । तत्काल हवा का एक तेज झोंका उसके शरीर से आकर टकराया ।
हवा बहुत ठण्डी थी ।
वह सुइयों की तरह उसके शरीर में चुभी ।
“गुड बाय कमाण्डर !” पायलेट की आवाज़ लाउडस्पीकर पर फिर उभरी ।
“गुड बॉय ।”
कमाण्डर ने उड़ते हुए विमान से नीचे छलांग लगा दी ।
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