RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
तभी काफी सारे जंगली जोर-जोर से रणहुंकार करते हुए वहाँ आ पहुंचे ।
वह नजदीक के ही एक गांव में रहते थे और एक हथियारबंद गार्ड उन्हें वहाँ बुलाकर लाया था ।
सब अधनंगे थे ।
उन्होंने अपनी गुप्तांगों वाली जगह पर मामूली सी कपड़े की धज्जी लपेटी हुई थी, बाकी जांघों के चारों तरफ एक धागे में बंधे हुए लम्बे-लम्बे पत्ते झूल रहे थे ।
सिर पर भी पत्तों का झुरमुट था ।
उन सब जंगलियों के हाथ में बड़े नुकीले भाले थे और वह खूब उछल-उछलकर बर्मी भाषा में ही अजीब-अजीब सी आवाजें निकाल रहे थे ।
कानों में कुण्डल पड़े हुए ।
शरीर पर जगह-जगह नीले गोदने के चिन्ह ।
एक जंगली के गले में छोटी-सी ढोलक भी पड़ी थी, जिस पर वह बार-बार थाप देता ।
“सब खामोश हो जाओ ।” ली मारकोस अपने दोनों हाथ उठाता हुआ जंगलियों के सामने खड़ा हो गया और बर्मी भाषा में ही चिल्लाया- “सब खामोश हो जाओ ।”
जंगली चुप हो गये ।
वहाँ सन्नाटा छा गया ।
घोर सन्नाटा ।
“जैसाकि तुम लोगों को मालूम ही है ।” ली मारकोस जंगलियों के सामने चिल्लाता हुआ ही बोला- “कि हमारे इन जंगलों में एक बहुत खतरनाक दुश्मन घुस आया है और उसने यहाँ का सारा अमन चैन उजाड़कर रख दिया है । उसने हूपर जैसे खतरनाक योद्धा को भी मार डाला है और ढेरो हथियारबंद गार्डों की हत्या भी कर दी है ।”
“आप हमें यह बताइये मारकोस साहब !” एक जंगली ने भी चिल्लाकर ही कहा- “कि हमें क्या करना है ?”
उसी क्षण दूसरे जंगली ने ढोलक पर थाप भी दी ।
“मैं चाहता हूँ कि आज रात तुममें से कोई भी न सोये ।”
“क्यों ?”
“क्योंकि दुश्मन जंगल में यही कहीं आसपास मौजूद है । तुम सब लोगों ने मिलकर आज रात उस दुश्मन को पकड़ने में हमारी पूरी मदद करनी है । दुश्मन तुम लोगों को कहीं भी दिखाई दे, तो तुमने उसे बिना कोई मौका दिये मार डालना है । बोलो, क्या तुम यह काम करने के लिए तैयार हो ?”
“बिल्कुल तैयार हैं ।” कई सारे जंगली एक साथ चिल्लाकर बोले- “जंगल देवता की ख़ुशी के लिए हम कुछ भी करेंगे ।”
वह जोर-जोर से उछले और ढोलक पर रणभेदी अंदाज में पुनः थाप दी गयी ।
“मैं एक बात तुम्हे और बताना चाहता हूँ ।”
“क्या ?”
“दुश्मन जैसे ही तुम्हें जंगल में कहीं दिखाई दे, तो तुमने फौरन ही उसका मुकाबला करने के साथ-साथ एक काम और करना है । तुमने ढोलक पर जोर-जोर से थाप देकर हमें सूचित भी करना है कि दुश्मन तुम्हें मिल गया हैं, ताकि फौरन ही तमाम लोग तुम्हारी मदद के वास्ते उस जगह पहुँच सके ।”
“लेकिन उस एक दुश्मन से निपटने के लिए हम सब ही बहुत हैं ।” जंगली बोले ।
“नहीं । जो मैं कह रहा हूँ , सिर्फ वह सुनो । तुमने तुरंत ढोलक की ध्वनि द्वारा सूचना देनी है ।”
“ठीक है ।”
जिस तरह कभी अफ्रीका में ओझा सम्प्रदाय के लोग ध्वनियों द्वारा सूचनायें इधर से उधर पहुँचाते थे, उसी प्रकार उन जंगलियों को भी ध्वनि शास्त्र में महारथ हासिल थी ।
उन्होंने अलग-अलग ध्वनियों के अलग-अलग संकेत बनाये हुए थे, जिसके कारण वह ध्वनियों द्वारा अपनी बात बड़ी आसानी से एक-दूसरे तक पहुँचा देते थे । जबकि दुश्मन को पता भी नहीं चल पाता था, वह क्या कर रहे हैं ।
“अब तुम लोग जंगल में घुसकर फौरन ही अपने-अपने काम में जुट जाओ ।”
आदेश की देर थी, तुरंत वह सारे जंगली पहले की तरह ही जोर-जोर से रणहुंकार करते हुए और अपने भाले ले-लेकर जंगल में अंदर की तरफ दौड़ पड़े ।
थोड़ा आगे पहुँचते ही उनकी आवाजें आनी बंद हो गयीं ।
“मैं समझती हूँ ।” बार्बी बोली- “अब हमें भी समय नष्ट करने की बजाय उन लोगों के पीछे-पीछे ही आगे बढ़ना चाहिये ।”
“ठीक बात है ।” ली मारकोस बोला ।
उसके बाद ली मारकोस ने बड़ी सक्रियता का परिचय दिया ।
उसके साथ जितने भी गार्ड थे, उसने उन्हें दो अलग-अलग टुकड़ियों में बांट दिया ।
पहली टुकड़ी का लीडर खुद ली मारकोस बना ।
दूसरी टुकड़ी की लीडर, बार्बी ।
फिर वह दोनों टुकड़ियां अलग-अलग दिशाओं में जंगल में आगे की तरफ बढ़ी । ली मारकोस वाली टुकड़ी जहाँ जंगल में दो तरफ से आगे बढ़ी, वहीं बार्बी वाली टुकड़ी बायीं तरफ से ।
कुल मिलाकर वह उस जंगल को चारों तरफ से घेरते हुए आगे बढ़ रहे थे ।
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