RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
दिन निकल आया था ।
बस्ती की वो सुबह बड़ी दुःख से भरी हुई थी ।
सारे जंगली बस्ती में एक ही जगह जमा थे और उनके बीच सरदार का गर्दन कटा शव रखा था । उस समय तमाम जंगलियों की आँखों में आंसू थे ।
उनमें ऐसा कोई जंगली न था, जो न रो रहा हो ।
“मुझे बड़ा अफसोस है ।” जैक क्रेमर उन सबके बीच खड़ा ‘बर्मी’ जबान में बोल रहा था- “कि रात कमाण्डर करण सक्सेना ने यह सब किया । हमें मालूम ही न हुआ, वो शैतान कब बस्ती के अंदर घुस आया और सरदार को मारकर भाग खड़ा हुआ ।”
“अगर हमें उसके आने की जरा भी भनक मिल जाती ।” रोनी आक्रोश में भैंसे की तरह डकराया- “तो यकीन मानों, रात ही हमने उस हरामजादे की यहाँ लाश बिछा देनी थी ।”
जंगली रोते रहे ।
कुछ नौजवान तो लाश से लिपटकर दहाड़े मार-मारकर रो रहे थे ।
वो सचमुच अपने सरदार से बेइंतहा प्यार करते थे ।
“बल्कि मुझे तो एक बात का और भी शक है ।” अबू निदाल बोला- “हो सकता है, सरदारनी को भी उसी शैतान ने गायब किया हो ।”
“हाँ, यह भी संभव है ।”
“हम उस शैतान को मार डालेंगे ।” जंगली चीख उठे- “हम उसे नहीं छोड़ेंगे ।”
“हाँ-हाँ । हम उससे अपने सरदार की मौत का बदला लेंगे । उससे अपनी सरदारनी को छुड़ायेंगे ।”
वह सब भड़क उठे ।
जैक क्रेमर ने उन्हें बड़ी मुश्किल से शांत किया । उसके बाद बड़े ही संजीदा माहौल में सरदार के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हुईं ।
जब सरदार का अंतिम संस्कार किया गया, तब वह सारे जंगली पुनः बहुत भावुक हो उठे ।
पुनः फूट-फूटकर रोने लगे ।
☐☐☐
“मेरा ख्याल है, अब हमें और ज्यादा वक्त इस बस्ती के अंदर नहीं ठहरना चाहिये ।” जैक क्रेमर अपने सफेद बालों को पीछे झटककर काफी धीमे स्वर में बोला- “अब कमाण्डर करण सक्सेना के ऊपर हमला करने का वक्त आ चुका है ।”
वह सारे यौद्धा उस वक्त झोंपड़े में जमा थे ।
“एक बात मैं भी कहना चाहूँगा ।” रोनी बोला ।
“क्या ?”
“इस मर्तबा हम सब लोग एक साथ मिलकर कमाण्डर करण सक्सेना पर हमला करेंगे । इससे पहले दो-दो या तीन-तीन योद्धाओं के ग्रुप में हमला करने की जो गलती हम कर चुके हैं, वह गलती अब दोहराई नहीं जायेगी । इससे खामखाह ताकत कम हो जाती है ।”
“बिल्कुल ठीक कहा ।” जैक क्रेमर भी बोला- “इस मर्तबा हमें एक साथ ही मिलकर हमला करना होगा, बिल्कुल बंद मुट्ठी की तरह ! हम सभी छः यौद्धा एक साथ रणक्षेत्र में उतरेंगे ।”
“छः नहीं ।” मास्टर बोला- “पांच ।”
“पांच ।”
“यस सर ! फिलहाल आपका हमारे साथ जाना ठीक नहीं होगा ।”
“क्यों ?”
“क्योंकि अगर मान लो, हम सभी छः यौद्धाओं ने एक साथ हमला किया और इत्तेफाक से हम सभी मारे गये, तो बर्मा पर कब्जा करने और यहाँ की बहुमूल्य खदानों को लूटने का जो सपना हमने देखा है, वह उसी क्षण धूल में मिल जायेगा । परन्तु अगर हममें से एक यौद्धा भी जिन्दा रहा, तो वह दोबारा से ताकत इकटठी करके इस सपने को साकार करेगा और वह हम सब मृत यौद्धाओं के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।”
सारे यौद्धाओं ने सकपकाकर एक-दूसरे की तरफ देखा ।
मास्टर ने हालांकि बहुत ज्यादा कड़वी बात कही थी, लेकिन सच कही थी ।
“मास्टर ठीक कह रहा है ।” अबू निदाल भी संजीदगी के साथ बोला- “हम पांचों को ही कमाण्डर पर हमला करना चाहिये ।”
“आपका इस संबंध में क्या कहना है सर ?” हवाम ने जैक क्रेमर की तरफ देखा ।
“मुझे कुछ नहीं कहना । इस सम्बन्ध में तुम लोग ही जो फैसला करोगे, वह मुझे मंजूर होगा ।”
“तो फिर हमारा वही फैसला है सर, जो मास्टर ने कहा ।” हवाम बोला ।
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