RE: Desi Porn Kahani विधवा का पति
अपने कमरे में पहुंचकर डॉक्टर भारद्वाज ने उस युवक के केस के सम्बन्ध में ही अपने तीन सहयोगी डॉक्टरों से फोन पर बात की—बल्कि कहना चाहिए कि इस केस पर विचार-विमर्श करने के लिए उन्होंने इसी समय तीनों को अपने कमरे में आमंत्रित किया था। तीसरे डॉक्टर से सम्बन्ध विच्छेद करके उन्होंने रिसीवर अभी क्रेडिल पर रखा ही था कि धड़धड़ाता हुआ दीवान अन्दर दाखिल हुआ।
इस वक्त पहले की अपेक्षा वह कुछ ज्यादा बौखलाया हुआ था।
"क्या बात है इंस्पेक्टर, कुछ पता लगा ?"
"नहीं!" कहने के साथ ही दीवान 'धम्म ' से कुर्सी पर गिर गया। डॉक्टर भारद्वाज ने उसे ध्यान से देखा—सचमुच यह बुरी तरह बेचैन , उलझा हुआ और निरुत्साहित-सा नजर आ रहा था। उसे ऐसी अवस्था में देखकर भारद्वाज ने पूछा—"क्या बात है इंस्पेक्टर? फोन सुनने के लिए जाते वक्त तो तुम इतने थके हुए नहीं थे ?"
"एस oपी o साहब का फोन था। ”
"फिर ?"
"इस युवक की कार जिस ट्रक से भिड़ी थी , उस ट्रक के बारे में छानबीन करने पर पता लगा है कि वह ट्रक स्मगलर्स का है।"
"ओह!”
"सारा ट्रक स्मगलिंग के सामान से भरा पड़ा था और उस पर इस्तेमाल की गई नम्बर प्लेट भी जाली थी—इससे भी ज्यादा भयंकर बात यह पता लगी है कि इस युवक की कार से टकराने से पहले रोहतक में यह ट्रक एक बारह वर्षीय बच्चे को कुचल चुका था।"
"ओह , माई गॉड।"
“इस ट्रक पर लगी नम्बर प्लेट वाला नम्बर बताते हुए हरियाणा पुलिस ने वायरलेस पर सूचना दी है कि उस बारह वर्षीय खूबसूरत बच्चे की लाश अभी तक सड़क पर ही पड़ी है, वह ट्रक उसके सिर को पूरी तरह कुचलकर वहां से भागा था। ”
"कैसा जालिम ड्राइवर था वह?"
"क्या तुम समझ रहे हो डॉक्टर कि यह सब मैं तुम्हें क्यों बता रहा हूं ?"
“क्यों ?”
"ताकि तुम एहसास कर सको कि इस युवक की याददाश्त समाज , पुलिस और कानून के लिए कितनी जरूरी है—ट्रक में कागजात नहीं हैं , यानि पता नहीं लग सका कि वह किसका है, यदि उसके ड्राइवर का पता लग जाए तो निश्चित रूप से हम उसके मालिक तक पहुंच जाएंगे, और उस ड्राइवर को केवल एक ही शख्स पहचान सकता है, वह युवक।"
"तुम इतने विश्वासपूर्वक कैसे कह सकते हो ?"
"हमारे एस oपी o साहब की यही राय है, खुद मेरी भी और हमारी यह राय निराधार नहीं है। उसका आधार है, एक्सीडेण्ट की सिचुएशन, युवक की कार और ट्रक की भिड़न्त बिल्कुल आमने-सामने से हुई है। एक्सीडेण्ट होने से पहले इस युवक ने ट्रक ड्राइवर को बिल्कुल साफ देखा होगा या उसे पहचान सकता है। डॉक्टर, अगर तुम यह न कहो कि उसकी याददाश्त गुम हो गई है तो मैं स्मगलर्स से सम्बन्धित समझे जाने वाले सभी ड्राइवरों के फोटो युवक के सामने डाल दूंगा। ”
"म...मगर दिक्कत तो यह है इंस्पेक्टर कि युवक की याददाश्त वाकई गुम हो गई है, तुम ट्रक ड्राइवर की शक्ल की बात करते हो—एक्सीडेण्ट की बात करते हो। उसे तो यह भी याद नहीं है कि उसके पास कोई कार भी थी।"
"उसे ठीक करना होगा, उसकी याददाश्त वापस आने के लिए अपनी एड़ी से चोटी तक का जोर लगाना होगा तुम्हें, यह बहुत जरूरी है। वह स्मगलर ही नहीं , एक ग्यारह वर्षीय मासूम बच्चे का हत्यारा भी है।"
"समझ रहा हूं इंस्पेक्टर। मैं तो खुद ही कोशिश कर रहा हूं। इसी केस पर विचार-विमर्श करने के लिए मैंने अपने तीन सहयोगी डॉक्टर्स को यहां बुलाया है, वे आते ही होंगे।”
कुछ कहने के लिए दीवान ने अभी मुंह खोला ही था कि एक नर्स ने आकर सूचना दी—“एक बार फिर आपका फोन है इंस्पेक्टर।”
बिना किसी प्रकार की औपचारिकता निभाए दीवान वहां से तीर की तरह निकल गया। दौड़कर उसने गैलरी पार की—ऑफिस में पहुंचा-क्रेडिल के पास ही रखे रिसीवर को उठाकर बोला— "इंस्पेक्टर दीवान हियर।"
"वांछित नम्बर की कार का पता लग गया है।"
दीवान ने धड़कते दिल से पूछा— “क्या है उसका नाम?"
"अमीचन्द जैन—यमुना पार , प्रीत विहार में रहते हैं।"
"ओह।"
"मगर प्रीत विहार पुलिस स्टेशन से पता लगा है कि आज सुबह ही मिस्टर अमीचन्द जैन ने अपनी गाड़ी चोरी हो जाने की रपट लिखवाई थी। ”
"क...क्या?” दीवान का दिमाग झन्नाकर रह गया।
“रपट के मुताबिक अमीचन्द ने रात ग्यारह बजे लायन्स क्लब की मीटिंग से लौटकर अपनी गाड़ी अच्छी-भली गैराज में खड़ी की थी , मगर सुबह जाने पर देखा कि गैराज का ताला टूटा पड़ा है और गाड़ी उसके अन्दर से गायब है।"
"यानि गाड़ी रात के ग्यारह के बाद किसी समय चुराई गई ?"
“जी हां।"
कहने के लिए दीवान को एकदम से कुछ नहीं सूझा। उसका दिल ढेर सारे सवाल करने के लिए मचल रहा था , मगर स्वयं ही समझ नहीं पा रहा था कि वह जानना क्या चाहता है। अत: कुछ देर तक लाइन पर खामोशी रही—फिर दीवान ने कहा— "तुम वायरलेस पर प्रीत विहार पुलिस स्टेशन को सूचना दे दो कि वे अमीचन्द से यह कहकर कि उसकी कार मिल गई है , उसे मेडिकल इंस्टीट्यूट भेज दें।"
“ओ oके o।" कहकर दूसरी तरफ से कनेक्शन ऑफ कर दिया गया। दीवान हाथ में रिसीवर लिए किसी मूर्ति के समान खड़ा था—किरर्रर...किर्रर्रर की अवाज उसके कान के पर्दे को झनझना रही थी। वहीं खड़ा वह सोच रहा था कि युवक के बारे में कुछ जानने का यह 'क्लू ' भी बिल्कुल फुसफुसा साबित हुआ है-कार चोरी की थी। क्या वह युवक चोर है ?
यह विचार उसके कण्ठ से नीचे नहीं उतर सका , क्योंकि आंखों के सामने शानदार सूट , हीरे की अंगूठी , विदेशी घड़ी , बाईस हजार रुपये और हीरा जड़ित वह सोने का नेकलेस नाच उठा।
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