RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
अगले दिन विजय ने ट्रासंमीटर पर सारी रिपोर्ट ब्लैक ब्वॉय को दे दी और कहा कि सबके साथ वह स्वयं भी कल सुबह ही यहां पहुंच जाए!
सारा होटल खाली हो गया था। फिलहाल केवल दो ही कमरे आबाद थे, एक अलफांसे का और दूसरा विजय का—आज से मेहमान आने शुरू हो जाने थे—अब सारे लंदन में अलफांसे की शादी की ही चर्चा थी।
अखबारों ने विशेष कॉलम्स में यह खबर छापी थी, सम्पादकीय लेख लिखे थे, दोपहर तक ऐसा लगने लगा जैसे हर ब्रिटिश को एक ही बुखार हो—अलफांसे की शादी का जिक्र करने का बुखार।
होटल का स्टाफ सारे होटल को किसी दुल्हन की तरह सजाने में जुट चुका था।
अलफांसे की शादी का लोगों में विशेष क्रेज इसलिए था, क्योंकि अखबारों के अलावा बी.बी.सी. ने भी यह समाचार दिया था कि इस अवसर पर संसार के खूंखारतम अपराधी और दुनिया के महानतम जासूस लंदन में इकट्ठे हो रहे हैं।
लोग उन्हें देखना चाहते थे!
ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की थी कि अगर कोई विशेष ही परिस्थिति न हुई तो सरकार इस शादी में शरीक होने वाले अलफांसे के किसी मेहमान को गिरफ्तार नहीं करेगी!
सारे लंदन की पुलिस व्यवस्था बनाए रखने के लिए सक्रिय हो उठी—फ्लाइंग स्क्वायड के दस्ते सारे शहर में बिखर गए, जिन सड़कों से दूल्हा-दुल्हन को गुजरना था, उनके दोनों तरफ रेलिंग तैयार किए जाने लगे, दर्शकों के लिए स्थान बनाए जा रहे थे।
ब्रिटिश सरकार स्वयं इस भव्य आयोजन का कार्यभार संभाले थी। लोगों को भनक लग चुकी थी कि अलफांसे के मेहमान आज ही से आने शुरू हो जाएंगे, अतः देखते-देखते एलिजाबेथ के बाहर भीड़ लग गई—पुलिस को नियंत्रण रखने के लिए विशेष प्रबन्ध करना पड़ा और बिना इजाजत ऐलिजाबेथ में किसी की भी ऐण्ट्री अवैध घोषित कर दी गई।
आज सबसे पहले आने वाले मेहमान थे—अमेरिकन जैकी, जूलिया, हैरी और माइक!
एयरपोर्ट पर उतरते ही पुलिस ने सुरक्षा हेतु उन्हें अपने घेरे में ले लिया और फिर उन्हें एक विशेष कार में बैठाया गया, कार के आगे-पीछे पुलिस जीपें थीं।
एलिजाबेथ होटल तक पहुंचने से पहले ही होटल के बाहर खड़ी भीड़ को जाने कैसे पता लग गया कि वे आ रहे हैं और लोगों में उन्हें देखने के लिए आगे बढ़ आने की होड़-सी लग गई। फोन पर अलफांसे और विजय को भी उनकी सूचना दे दी गई थी!
स्वागत हेतु अलफांसे के साथ विजय भी ग्राउण्ड फ्लोर पर हॉल में पहुंच गया था और तब जबकि पुलिस जीपों से घिरी कार होटल के सामने पहुंची, भीड़ में जबरदस्त शोर उठा।
कार के रुकने पर सबसे पहले जैकी बाहर निकला। भीड़ में से कोई चिल्लाया—“व...वह जैकी है, जासूसों का देवता।”
“व...वह जूलिया है, जैकी की पत्नी!”
हैरी निकला तो चारों तरफ जोर-जोर से सीटियां बजने लगीं। कोई चिल्लाया—“वह हैरी है, जैकी और जूलिया का बेटा—अमेरिकन विकास कहलाता है वह!”
“व...वो...वो देखो, वह माइक है— अमेरिकन सीक्रेट सर्विस का नम्बर वन एजेण्ट!”
वे चारों ही एलिजाबेथ की चौड़ी सीढ़ियों पर ठिठके, घूमे और हाथ हिलाकर उन्होंने जनता का अभिवादन किया, भीड़ की तरफ से हजारों हाथ हिले—दो मिनट तक वे जनता का अभिवादन कबूल करते रहे, उसके बाद शीशेदार दरवाजा पार करके हॉल में पहुंचे।
भीड़ के शोर-शराबे से इधर आते ही अलफांसे ने उनका स्वागत किया, आगे बढ़कर सबसे पहले अलफांसे ने जैकी के चरण स्पर्श किए!
जैकी ने उठाकर उसे गले से लगा लिया, पीठ थपथपाकर बोला—
“मुबारक हो अलफांसे, बहुत-बहुत मुबारक हो। तुम्हारी जोड़ी हमेशा सलामत रहे!”
इसके बाद अलफांसे जूलिया के पैरों में झुका, ठहाका लगाती हुई जूलिया ने उसका कान पकड़ा और ऊपर उठाया तो अलफांसे कह उठा—“ऊई-अई—क्या करती हो भाभी, कान उखड़ जाएगा!”
“भाभी की छाती पर मूंग दलने देवरानी ला रहा है—और कहता है कि कान भी न उखाङू!”
माइक से गले मिला अलफांसे, माइक ने गर्मजोशी से मुबारकबाद दी—हैरी ने आगे बढ़कर अलफांसे के चरणस्पर्श किए तो अलफांसे ने उस लम्बे लड़के को उठाकर अपनी बाहों में भींच लिया, शरारती हैरी ने कहा—“मैं बताऊं अंकल, आण्टी क्या किया करेगी—ऐसे—ऐस—ऐसे।”
बार-बार यही शब्द कहने के साथ उसने अलफांसे के चेहरे पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी।
बरबस ही सब खिलखिलाकर हंस पड़े।
तभी वहां विजय की आवाज गूंजी—“अगर आप लोगों को इस लूमड़ के बच्चे से फुर्सत मिले तो जरा एक नजर-सी नाचीज, आड़ू के बीज की तरफ भी डाल लें।”
अलफांसे सहित एक साथ सबने विजय की तरफ देखा।
“अरे, विजय भइया!” जूलिया के मुंह से निकाल। जैकी कह उठा—“तो तुम यहां हमसे भी पहले पहुंच गए विजय?”
“जिन्न हूं गुरुदेव और जिन्न हर जगह सबसे पहले पहुंच जाता है—पांय लागू!” कहने के साथ ही आगे बढ़कर उसने जैकी के चरणस्पर्श कर लिए –जूलिया के पैर छूने के बाद उसने माइक से कहा—“कहो प्यारे साइकल चेन, तुम ये ऊंट की तरह गरदन अकड़ाए क्यों खड़े हो?”
माइक ने मुस्कराकर बांहें फैला दीं!
दोनों दोस्त बांहों में समा गए, उसी समय पूरी श्रद्धा के साथ विजय के चरणस्पर्श करके, सीधे खड़े होते हुए हैरी ने पूछा—“विकास नहीं आया अंकल?”
“कल सुबह तक आएगा प्यारे!”
जूलिया ने चुटकी ली—“अब तो तुम भी शादी कर लो विजय भइया, कुंआरे अच्छे नहीं लगते!”
संयुक्त ठहाके से मानो हॉल की छत उड़ गई।
|