RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
शादी की पूर्व संध्या!
मिस्टर गार्डनर अपनी महल जैसी कोठी में इधर-उधर बौखलाए से फिर रहे थे—शादी की जबरदस्त तैयारियां चल रही थीं-सारी कोठी को बल्बों, झालरों, कनातों और शामियानों से दुल्हन के समान सजाया जा रहा था।
कोठी के चारों तरफ सशस्त्र पुलिस का पहरा था।
मिस्टर गार्डनर ने जेम्स बाण्ड को विशेष रूप से काम में हाथ बंटाने के लिए बुला लिया था और इस वक्त बाण्ड यह समझाने कि भरपूर कोशिश कर रहा था कि सब काम बिल्कुल ठीक चल रहा है, इतनी भाग-दौड़ करने की कोई जरूरत नहीं है, मगर मिस्टर गार्डनर सुनें तब न!
अपनी सहेलियों के साथ बैठी इर्विन रह-रहकर खिलखिला उठती थी, वे बालकनी में बैठी थीं!
अचानक ही उस वक्त हल्की-सी गड़बड़ फैल गई, जब सशस्त्र पुलिस का घेरा तोड़कर तीर की तरह सांय से एक सफेद कार कोठी की सीमा में दाखिल होकर लॉन के समीप रुकी।
जवानों ने एकदम अपने हथियार हाथों में ले लिए। सफेद कार का दरवाजा एक झटके से खुला और उसमें से युवाओं से भी कहीं अधिक फुर्तीला एक अधेड़ रूसी निकला, गोरा चिट्टा—आकर्षक और बिल्कुल गंजा—दर्पण के समान चमकने वाले सिर का मालिक।
जेम्स बाण्ड उसे दूर से देखते ही चिल्ला उठा—“बागारोफ चचा!”
“अबे हट उल्लू की दुम फाख्ता!” बागारोफ चीख पड़ा—“खबरदार, जो मुझे चचा कहा!”
उसका इतना कहना था कि सशस्त्र जवानों की उंगलियां ट्रेगर्स पर पहुंच गईं, स्थिति की गम्भीरता को एक ही पल में भांपकर बाण्ड जोर से चीख पड़ा—“ये रूसी जासूस बागारोफ हैं, कोई गोली न चलाए और याद रखें कि ये जिसको जितनी ज्यादा गालियां देते हैं, उससे उतना ही ज्यादा प्यार करते हैं!”
“अच्छा, गोलियां चलाने की धमकी देता है रायते की औलाद, चलवा साले, गोली चलवा—देखूं तो सही कि अंग्रेजी कारखाने में बनी गोली बागारोफ के जिस्म में कैसे धंसती है?” हाथ उछाल-उछालकर कहता हुआ वह बाण्ड के नजदीक पहुंच गया।
मुस्कराकर बाण्ड ने कहा—“मैंने तो गोलियां न चलाने का हुक्म दिया है चचा!”
“अबे तू क्या चलवाएगा गोली—खैर, तुझे मैं बाद में देखूंगा—यहां मैं उस हरामी से मिलने आया हूं, जिसका नाम गार्डनर है और साथ ही मुझे इर्विन नाम की उस कुतिया से भी मिलना है, जिसने मेरे अन्तर्राष्ट्रीय पूत पर ऐसे डोरे डाले कि यह चारों खाने चित्त जा गिरा है।”
बाण्ड के अलावा उसके इन शब्दों पर सभी चकित रह गए—एक अजीब-सी सनसनी फैल गई वहां।
मिस्टर गार्डनर जहां गुस्से से कांप उठे, वहीं बागरोफ के शब्द सुनकर इर्विन और उसकी सहेलियों के चेहरे फक्क पड़ गए, हक्की-बक्की-सी सहेलियां इर्विन की तरफ देखने लगीं, जबकि पीला जर्द चेहरा लिए इर्विन लॉन में मौजूद उस अधेड़ आयु के बूढ़े को देख रही थी, जो बहुत गुस्से में नजर आ रहा था!
आगे बढ़कर मिस्टर गार्डनर बोले—“जी, मुझे गार्डनर कहते हैं।”
“ओह, तो तुम हो वो बागड़ बिल्ले!” बागरोफ ने गार्डनर को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहा—“जिसने उस हरामखोर पिलिया को पैदा किया है, जिसने हमारे पूत को उठाकर ऐसा पटका कि वह इश्क के अखाड़े में चारों खाने चित्त गिरा है—खैर, तुझे बाद में भुगतूंगा-पहले मुझे अपनी उस पिलिया से मिला!”
“वह रही इर्विन!” गार्डनर ने बालकनी की तरफ संकेत किया। बागारोफ ने एक झटके से उधर देखा, उसका चेहरा देखते ही इर्विन के सारे जिस्म में झुरझुरी-सी दौड़ गई, जबकि उसे खा जाने वाली नजरों से कई पल तक लगातार घूरने के बाद बागारोफ चीखा—
“बस, तुझे देख लिया है बैंगन की चटनी—तुझे देखने ही मैं एयरपोर्ट से एलिजाबेथ जाने की जगह यहां आया था—खूबसूरत है, चलेगी- लेकिन सुन, अगर सादी के बाद तूने मेरे उस हरामी पूत को कोई दुख दिया तो तेरी चोटी हैलीकॉप्टर में बांधकर सारे लंदन के सात चक्कर लगाऊंगा, समझी कि नहीं?”
“लेकिन चचा, अगर अलफांसे ने इसे दुख दिया तो?”
“अबे चुप हो अंग्रेज की दुम, वरना एक ही थप्पड़ में तेरे गाल पर ‘ए’ से ‘जैड’ तक के तुम्हारे सारे अक्षर बना दूंगा और सुन, अगर उस ऊंटनी वाले ने मेरी इस बेटी को दुख दिया तो साले की नाक में नकेल डालकर, ऊंट की पूछ से बांधकर रेगिस्तान में छोड़ दूंगा—सारी जिन्दगी चोट्टी का रेगिस्तान में घिसटता रहेगा—क्यों मुर्गी की, यह सजा सही रहेगी न?”
इर्विन उलझकर रह गई, उसकी समझ में नहीं आया कि ये आदमी कैसा है?
तभी बागारोफ चीख पड़ा— “अरे बोल चटनी की, चुप क्यों है?”
“ठ...ठीक रहेगी!” इर्विन के मुंह से बौखलाहट में निकल पड़ा।
“अरे बोली—अरे बोली—अरे बोली!” यही कहता हुआ बागारोफ लॉन में ठुमके लगा-लगाकर नाचने लगा, कुछ ऐसे अन्दाज में कि सभी हंसने लगे—ठहाका लगाने वालों में मिस्टर गार्डनर भी थे और अब तो इर्विन भी खिलखिलाकर हंस रही थी।
अचानक ही बागारोफ रुक गया और इर्विन को घूरता हुआ बोला—
“ओए मुर्गी की, हंसना छोड़कर मेरी बात ध्यान से सुन, बड़े काम की बात है—मुझे चचा बोला कर, सारी दुनिया चचा कहती है मुझे!”
इर्विन की खिलखिलाहट और तेज हो गई।
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