XXX Hindi Kahani घाट का पत्थर
05-30-2020, 02:12 PM,
#87
RE: XXX Hindi Kahani घाट का पत्थर
'मुनीमजी, आप जानते हैं कि मेरा प्रत्येक निश्चय अटल होता है

'जी।'

'यह लो तिजोरी की तालियां और दरवाजा खोलो।'

मुनीमजी ने कांपते हाथों से तालियां पकड़ी और धीरे-धीरे तिजोरी की ओर बढ़ने लगे। बड़ी कठिनता से वह तिजोरी के पास पहुंचे और तिजोरी का दरवाजा खोल दिया। जमींदार साहब ने तिजोरी के पास जाकर उसमें से नोटों का एक पुलिंदा निकाला और बोले 'यह पूरे पंद्रह हजार हैं। जिन व्यापारियों से पेशगी रुपया लिया हुआ है उन्हें वापस कर दो। यह लो पांच हजार तुम्हारी सेवा का पुरस्कार!'

'मालिक, आप यह सब क्यों कर रहे हैं?'

'सब ठीक कर रहा हूं। देखो सायंकाल ठीक छ: बजे घोड़ागाड़ी तैयार रहे परंतु नदी के किनारे सड़क पर।' राज बाबू ने फिर तिजोरी से कागजात निकाले और उन्हें खोलते हुए बोले, 'मैंने दस्तखत कर दिए हैं, गवाही तुम भर दो और शाम को जब रंजन आए तो ये सब उसके हवाले कर देना ताकि जायदाद पर वह अधिकार पा सके।'

मुनीमजी ने भी कागजात ले लिए और पढ़ने लगे। उनमें सब जायदाद रंजन के नाम कर दी गई थी। वह आश्चर्यचकित थे कि आज जमींदार साहब यह क्या कर रहे हैं, परंतु उनसे पूछे कौन?

'क्यों मुनीमजी, कुछ और पूछना है?'

'नहीं तो मालिक, अच्छा मैं चलता हूं।'

"देखिए, खेतों में घास कटने लगी कि नहीं।'

'आज सवेरे से ही शुरू की है।'

"बंद करवा दो और सबका हिसाब चुका दो। देखो, शाम को पांच बजे से पहले सब मजदूर खेतों को खाली कर दें और गाड़ी....।'

'मुझे याद है। नदी किनारे वाली सड़क पर...।'


और मुनीमजी जल्दी-जल्दी कमरे से बाहर चले गए। जमींदार साहब ने कुसुम को, जो बिल्ली की भांति दुबकी एक कोने में खड़ी यह सब तमाशा देख रही थी, पास बुलाया और तिजोरी के निचले खाने से एक बंद डिब्बा निकालते हुए बोले, 'कुसुम, यह धरोहर जो आज इतने समय से मैंने संभाल कर रखी है, तुम्हारी मां जाते समय दे गई थी कि कुसुम जब ससुराल जाने लगे, उसे दे देना, सो संभाल लो। ससुराल जाने में तो अभी देर है।'

'कुसुम ने डिब्बा हाथ में ले लिया।'

'और यह नकदी एक मजबूत डिब्बे में सावधानी से रख लो। अब हमारी तो यही पूंजी है।' और जब राज बाबू के नोटों के बंधे हुए पुलिंदे को खींचा तो उसके साथ पड़ा एक चित्र पृथ्वी पर आ गिरा। कुसुम ने उसे उठा लिया। 'बाबा यह....।' 'आप तो कहते थे उनका कोई चित्र....' 'कहीं इस चित्र की भांति आपने मेरी मां को भी कहीं छिपा तो नहीं रखा?'

'कुसुम....!' वह जोर से चिल्लाए और दूसरे कमरे में चले गए। कुसुम ने समझा शायद उसने यह बात कहकर भूल की। वह बाबा के पास जाकर अपनी भूल के लिए क्षमा मांगने लगी।

'नहीं कुसुम, ऐसी कोई बात नहीं है। दिमाग मेरा ही कुछ....।'

'इतनी परेशानी में दिमाग भला क्या काम करे....!' कुसुम ने बात काटते हुए कहा।

"तुम ठीक कहती हो। अच्छा जल्दी से अपना सामान तैयार कर लो, समय बहुत कम है।'
Reply


Messages In This Thread
RE: XXX Hindi Kahani घाट का पत्थर - by hotaks - 05-30-2020, 02:12 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,554,508 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,382 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,255,228 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 949,071 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,684,539 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,106,707 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,995,505 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,202,922 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,085,884 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,096 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)