Hindi Sex Kahani ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
कुछ हो ना हो पर रिश्तों को निभाने के लिए जिन्दगी में प्यार होना ज़रूरी है। पर क्या सच में? अगर ऐसा है तो फिर आज प्यार से जोड़े गये रिश्ते क्यों टूटते हैं?क्यों अधिकतर लोग नयी उम्र में जिससे प्यार करते हैं, शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं? सच तो ये है कि हमने रिश्तों को निभाने में ज़रूरी भरोसे को खोया। प्यार करना तो हमने फिल्म देखकर सीख लिया पर प्यार के लिए ज़रूरी भरोसा करना,हम नही सीख पाए।
ये कैसी दूरियाँ एक ऐसी लड़की की कहानी है,जिसे इस दुनिया की कोई समझ नही होती है। हालात कुछ ऐसे होते हैं कि उसे अपना घर छोड़ना पड़ता है । घर छोड़ने के बाद उसकी जिंदगी में ना जाने कितने मोड़ आते है। उस इंसान ने उसे समझा जिससे उसका कोई रिश्ता नही था और उसके अपने माँ-बाप उसे नही समझ सके। किसी के भरोसे के सहारे वो सम्भल तो गयी, पर कितनी ही बार उसे अपनों और गैरों से दिए ज़ख़्मों को सहना पड़ा।
1.
बहुत देर से वो सड़क के किनारे खड़ी किसी रिक्शे का इंतज़ार कर रही थी , पर उधर से कोई भी रिक्शा नही गुज़रा। अंधेरा भी थोड़ा थोड़ा होने लगा था । उसने अब लिफ्ट माँगनी शुरू कर दी,लेकिन उसे डर भी लग रहा था। इससे पहले वो कभी भी इतनी देर तक बाहर नही रही थी और ना ही कभी उसने किसी से लिफ्ट ली थी , पर उसके पास कोई रास्ता भी नही था। तभी एक गाड़ी उसके पास आकर रुकी ,कोई 19-20 साल का लड़का था।
"आप मुझे राजापुर तक छोड़ सकते हैं ,"शीतल ने कहा।
उस लड़के ने कुछ नही कहा और बैठने का इशारा किया। शीतल को ये लड़का थोड़ा अजीब लगा। उसने जिस तरह से उससे बैठने का इशारा किया जिस तरह से वो उसे देख रहा था, ये सब उसे अजीब लग रहा था। उस लड़के के लिए जैसे शीतल कुछ थी ही नही। इतनी सुंदर लड़की को देखकर आम-तौर पर जैसा व्यवहार उसने लड़कों का देखा था वो उन सब से अलग था,वो बिल्कुल शांत और खुद में खोया हुआ था। उसने शीतल को उसकी बताई जगह पर छोड़ दिया। जैसे ही वो चलने को हुआ की शीतल बोली-"थैंक्स ,अपना नाम तो बता दो। "
"राज,"इतना कह कर वो वहाँ से चला गया।
पूरी रात वो सिर्फ उस लड़के के बारे में सोचती रही। सुबह उठी तो उसने देखा की उसकी माँ घर की सफाई कर रही थी।
"मम्मी,आज कुछ है क्या?"शीतल ने पूछा।
"नही बेटा,आज कोई आने वाला है,"उसकी माँ ने जवाब में कहा।
"कौन मम्मी ?"
उसकी माँ ने कुछ भी नही कहा। उसने फिर पूछा पर कोई जवाब नही मिलता। वो कॉलेज के लिए तैयार होने लगी।
"बेटा आज कॉलेज मत जाओ,"उसकी माँ ने कहा।
"क्यों मम्मी?"
"बस, ऐसे ही।"
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