non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
06-11-2020, 04:44 PM,
#42
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम को फिर अपने आप पे बहुत गुस्सा आ रहा था कि पता नहीं उसके साथ ऐसा क्यू हो रहा है। वो लड़के जब सामने होते हैं तो मुझे हँसी क्यू आ जाती है। पूनम ऑफिस आयी और मोबाइल देखी तो 5 नये मैसेज आये हुए थे। पूनम मौका देखकर वो पढ़ी। उसी तरह के नॉनवेज चुटकुले। ना चाहते हुए भी पूनम के चेहरे पे मुस्कराहट फ़ैल गयी और वो ऑफिस में काम करने लगी।

शाम को पूनम घर आयी तो अमित को फिर कॉल लगायी। आज भी उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया था उसके मेसेजेस और कॉल्स का। अभी अमित ने दूसरी बार में कॉल रिसीव कर लिया और गुस्से में बोला "बोलो, क्या है?" पूनम को उम्मीद थी की वो इसी तरह से गुस्से में ही बात करेगा। पूनम उसके गुस्से को शांत करने की कोशिश करती हुई बोली "क्यू ऐसे कर रहे हो। मैंने किया क्या है जो मुझे खुद से दूर कर रहे हो।" इतने दिन बाद अमित की आवाज़ सुनकर पूनम खुद को रोक नहीं पाई और उसकी आँखों में आंसू छलक पड़े। उसकी आवाज़ रुआंसी थी, लेकिन अमित को इन सब से कोई मतलब नहीं था।

वो गुस्से में ही बोला "किसने क्या किया है और किसने क्या नहीं किया है, इसका कोई मतलब नहीं है। मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं है और प्लीज़ मेरा रिक्वेस्ट है कि मुझे बार बार कॉल और मैसेज करके परेशान मत करो।" अमित के सीधे जवाब से पूनम की रही सही हिम्मत भी टूट गयी। उसे यकीं था कि अमित अभी गुस्सा है, लेकिन वो उसके पास जरूर आएगा। उसका प्यार सच्चा है। लेकिन अभी अमित की आवाज़ सुनकर उसे लग रहा था कि वो अपने अमित को खो दी है। उसे उन लड़कों पे बहुत गुस्सा आ रहा था और उसका बस चलता तो वो उनदोनो का खून कर देती।

पूनम रोती हुई बोली " तुम्हारे बिना मैं जी नहीं सकती। प्लीज़ मुझे इस तरह छोड़ कर मत जाओ। तुम्हारे बिना मैं बिलकुल अकेली हो जाऊँगी।" अमित ने कोई जवाब नहीं दिया। पूनम आगे बोली " मैंने तुम्हे अपना सब कुछ सौंप दिया है अमित, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ। अपनी जानू को ऐसे मत तड़पाओ।" अमित अभी भी कुछ नहीं बोला। पूनम को लगा की पता नहीं वो सुन रहा भी है या नहीं।

वो फिर बोली "बोलो अमित, अब मेरे पास मेरा बचा क्या है। तन मन सब तुम्हे दे चुकी हुँ, और तुम मुझे उनके ......" पूनम की बात ख़त्म भी नहीं हुई थी की अमित का और गुस्से और नफरत से भरी हुआ आवाज़ आया "तो मैंने कहा था तुम्हे अपना तन देने। जब तक तुमने कहा नहीं, तब तक मैंने तुम्हे टच भी नहीं किया था। तुम बोली तभी अपने दोस्त के घर ले गया, तुम बुलाई तभी तुम्हारे घर आया।" पूनम कुछ नहीं बोली। उसके कानों में उस लड़के की आवाज़ सुनाई दे रही थी की जब एक लड़के को लड़की की चुत मिल जाती है तो फिर उसे उसमे कोई इंटरेस्ट नहीं रहता। अमित उसकी बात को सही साबित कर रहा था। अब भला उसे पूनम में क्या इंटरेस्ट रहता। उसकी सील तोड़ चूका था और रात भर उसके बिस्तर में उसके जवान जिस्म का मज़ा ले चुका था।

पूनम के पास अब बोलने के लिए कुछ बचा नहीं था। वो अपने आंसुओं का घूँट पी गयी और बोली "तुम्हे जैसा ठीक लगे वैसा करो अमित। सही है की मैं खुद सब कुछ करवाई तुमसे, तभी तुम किये। लेकिन तुम मुझे उन लड़कों के कारण ठुकरा रहे हो जिन्होंने कहा है कि वे मुझे बर्बाद कर देंगे अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी। मुझे बस तुम्हारा ही सहारा था, लेकिन ....."
अमित फिर से आधे में ही उसकी बात काट कर बोला " मुझे बर्बाद नहीं होना है एक लड़की के लिए। मैं उन लोगों से दुश्मनी नहीं कर सकता। वो लोग पता नहीं मेरे साथ क्या करेंगे अगर उन्होंने मुझे फिर से तुमसे बात करते देख लिया तो। ज़िन्दगी रहेगी तो बहुत सी लड़कियाँ मिलेंगी। तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे अब वापस तो नहीं किया जा सकता, लेकिन तुम्हे अगर बुरा लग रहा है कि मैं सब कुछ करके तुम्हे छोड़ा है तो मैं उसका हर्जाना देने के लिए तैयार हूँ। तुम जितने रूपये कहोगी उतने मैं तुम्हे पहुँचा दूँगा। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सकता। प्लीज़ अब मुझे फ़ोन या मैसेज करके परेशान मत करना।"

अमित की बात सुनकर तो पूनम के जैसे होश ही गुम हो गए। वो लड़का उसके प्यार की कीमत लगा रहा था। पूनम को समझ नहीं आया की क्या करे। कुछ देर तो वो इसी तरह खड़ी रही लेकिन जब उसके दिमाग ने काम करना स्टार्ट किया तो वो गुस्से और नफरत में बोली "बहुत अच्छे अमित। वाह !!! तो अब तुम मुझे उसकी कीमत दोगे जो तुमने मेरे साथ किया है। तो तुम्ही बताओ कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। पूरी रात साथ बिताने की।" पूनम को अब अमित से नफरत था। नहीं चाहिए था उसे वो वापस। वो हरामी गिरा हुआ घटिया लड़का था। वो लड़के सही थे और उसका प्यार गलत। सारी दुनिया सही थी जो कहती है कि प्यार करोगे तो सिर्फ गम और आँसू मिलेंगे और उसका प्यार गलत।

उसे अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। वो फ़ोन का स्क्रीन देखी तो फोन चालू था। वो फिर से बोली। वो रो रही थी। "बोलो अमित कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। विश्वास तोड़ने की भी कीमत दोगे क्या?"
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RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार - by hotaks - 06-11-2020, 04:44 PM

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