RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम को फिर से अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। दरअसल उसने फ़ोन कट कर दिया था और अपने पॉकेट में रख लिया था लेकिन गलती से फ़ोन कट हुआ नहीं था। पूनम को बाँकी आवाज़ सुनाई दे रही थी। वो फ़ोन कान में लगाये अमित के कुछ बोलने का वेट कर रही थी। तभी उसके कान में अमित की आवाज़ आयी "वही, साली रण्डी पूनम का, तबाह किये हुए है।" फिर किसी और की आवाज़ आयी "क्या बोल रही है अब।" फिर अमित की आवाज़ आयी "वही सब। मत जाओ, मैं जी नहीं सकती। वही जो ड्रामा होता है इन सबका।"
पूनम को समझ आ गया कि अमित ने गलती से कॉल डिसकनेक्ट नहीं किया है। वो अमित की बात सुनने लगी। शायद अमित अपने दोस्तों के साथ था और उसी के बारे में बातें हो रही थी। अमित की आवाज़ फिर से आयी "साला कौन पड़ने जायेगा विक्की और गुड्डू के चक्कर में। साली उनकी रण्डी बन गयी है तो बीच में मुझे क्यू मरवा रही है।" अमित के दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों के चक्कर में पड़ना भी मत बेटा। नहीं तो पता भी नहीं चलेगा कि कहाँ गायब हो जाओगे।" तभी एक और दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों की माल को कैसे पटा लिया बे तूने।"
अमित की हँसती हुई आवाज़ आयी "अबे साले, उनलोगों ने मेरी माल को पटा लिया है।" फिर एक और आवाज़ आयी "अबे मैं तो पहले ही कहता था कि रण्डी है साली। मज़े कर और फिर निकल ले। लेकिन तू ही चूतिया उसके पीछे लगा हुआ था।" एक दूसरे लड़के की आवाज़ आयी "माल भी तो टँच है, मैं तो उसे देखता था कि मेरा लण्ड टाइट हो जाता था। साली लाइन तो देती ही थी, लेकिन मैं तो इसलिए छोड़ा हुआ था कि भाई की माल है।"
पूनम को नफरत हो रही थी अमित से। अमित ने अपने दोस्तों के बीच में उसकी ऐसी इमेज बनायीं हुई थी। एक लड़के की आवाज़ आयी "ठीक किया जो छोड़ दिया। लेकिन छोड़ने से पहले चोदा की नहीं?" एक और आवाज़ आयी "बिना चोदे अगर किसी माल को छोड़ दिया, तो फिर तो गलत है बॉस, फिर तो नुकसान हो गया। इसलिए बाँकी सब बाद में, पहले ठुकाई करता हूँ मैं अपनी माल की।" फिर एक आवाज़ आयी "बोल न बे, चोदा की नहीं रण्डी को, की ऐसे ही खाली खर्चा करता रहा है।"
पूनम साँस रोककर सारी बात सुन रही थी। उनके मुँह से अपने लिए रण्डी शब्द सुनकर उसका अमित के प्रति नफरत और बढ़ रहा था। वो अमित का रिप्लाई सुनना चाहती थी की अमित क्या बोलेगा। अमित की आवाज़ आयी "चूतिया हूँ क्या बे मैं। पूछ लेना कुणाल से, उसी के घर में सील तोड़ा था। उसका चादर भर गया था खून से। धोने के बाद भी नहीं हटा था तो इसी तरह छोड़ दिया था हमने। कुणाल धोया था उसे हमारे जाने के बाद" अमित ये बात इतनी शान और अकड़ से बोल रहा था जैसे उसने कोई किला जीत लिया हो। पूनम शर्मिंदगी से डूब गयी। अमित अपने दोस्तों के बीच में उसकी इज़्ज़त उछाल रहा था। जो पूनम के लिए सबसे रोमांटिक क्षण था, अमित उस पल को सबके सामने ज़ाहिर करते हुए पूनम की इज़्ज़त उछाल रहा था। और उसकी बात सच साबित करने के लिए उसके पास गवाह भी था।
फिर एक आवाज़ आयी "उसके बाद भी चोदे की बस वही एक बार होकर रह गया?" अमित उसी अकड़ से बोला "काम से कम 10-15 बार चोदा होऊँगा। रात रात भर उसके घर में रहा हूँ। पुरे नंगे होकर,.... सबकुछ फुर्सत में....।" अमित पुरे स्टाइल और शान से बोल रहा था। उसके दोस्त पुरे इंटरेस्ट से उसकी बात सुन रहे थे। सच है कि पूनम जैसी माल की सील तोड़ने और चुदाई की बात कौन नहीं सुनना चाहेगा।
एक आवाज़ आयी "बोल न क्या क्या किया। गांड मारा?" अमित उसी रॉब के साथ फिर से चालू हो गया "अबे पूछो क्या क्या नहीं किये। गांड मारा, लण्ड चुसवाया, वीर्य भी पिलाया। कामसूत्र के हर आसन में चोदा हूँ उसे। पूरा उलट पुलट कर। फुल मज़ा देती थी।" एक आवाज़ आयी "हट साला फेंकता है।"
अमित चिढ़ कर बोला "अबे देख, बता इसे की मैं सच कह रहा हूँ की नहीं। यही मुझे रात में उसके घर तक पहुँचाता था।" एक लड़का बोला "सच कह रहा है ये।" तभी एक लड़का हँसता हुआ बोला "तभी तो साली की चुच्ची और गांड पहले से बड़ी हो गयी थी।" सब हँसने लगे।
अमित बोला "10-15 रात रहा हूँ उसके घर में, बस हम दोनों, और कोई नहीं। साला क्या वैसे हस्बैंड वाइफ रहते होंगे। पुरे टाइम नंगे। नंगी ही खाना बनाती थी मेरे लिए। जब चुदाई हो गयी तो मैं तो जैसे बेड पे ही रहता था, वो नंगी ही उठ कर पानी लाती थी, कॉफी बनाकर लाती थी, इधर उधर कुछ करती थी। एक दम बिंदास। साथ में नहाना। बाथरूम में चोदा हूँ उसे नहाते हुए साथ में, किचन में चोदा हूँ, वो खाना बना रही है और मैं पीछे से उसकी चुत और गांड में पेला हूँ, बैडरूम में तो क्या क्या नहीं किया। पूरा लण्ड मुँह में अंदर पेल कर फिर वीर्य पिलाया हूँ उसे। मज़े से पीती थी। मस्त एकदम। "
पूनम बस अमित की बात सुनती जा रही थी. कह तो वो सही ही रहा था, लेकिन बस थोडा बढ़ा चढ़ा कर बोल रहा था. पूनम को बहुत गुस्सा आ रहा था अमित पे की वो अमित जैसे लड़के को अपनी जवानी क्यू दी. फिर से एक लड़के की आवाज़ आई “तो छोड़ क्यू रहा है बे गांडू, इतना मज़ा तो दी रही है तुझे.” अमित चिढने के अंदाज़ में बोला “जितना मज़ा लेना था ले लिया. अब क्या जिन्दगी भर सर पे बिठा कर रखूं. अब गुड्डू विक्की से चुदवा रही होगी रंडी.”
अमित के मुँह से ये सुनते ही सारे लड़कों के एक साथ हँसने की आवाज़ आई और पूनम का खून खौल उठा. अमित का बोलना चालू था “अब पता नहीं कितनो से चुद्वायेगी. मेरा काम ख़तम हो गया उसके से. अब वो जहाँ गांड मरवाना चाहती है मरवाए, मुझे क्या.” अमित का एक दोस्त की आवाज़ आई “तुझे तो हम शरीफ समझते थे, तू तो साला एक नम्बर का हरामी है बे.” अमित भी हंस दिया और बांकी सारे लड़के भी फिर से एक साथ हँस दिया.
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