RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम का ध्यान पिक्स की तरफ था. पिक्स बहुत ही साफ़ और अछे क्वालिटी का था और पूनम गौर से अगली पिक को देख रही थी जिसमे लड़की लड़के के लंड को हाथ में पकड़े खड़ी थी और लड़का उसकी एक चुच्ची को हल्के से पकड़े हुए था. लड़के का लण्ड पूरा लम्बा, काला और मोटा था और ऐसा लण्ड देखकर पूनम की चुत में खुजली होने लगी। जब गुड्डू फिर से बोला “पिक्स देख कर चुदवाने का मूड बन गया क्या जान? आ जाऊँ क्या अपने लण्ड को तुम्हारी चुत की सैर करवाने.” तब पूनम को ध्यान आया. बोली “तुम मुझे अब से ये सब मत दिया करो.” हालाँकि अब उसे लग रहा था की बेकार में अभी गुड्डू को कॉल कर दी, रात में उसे बोल देती. उसका मन सारे पिक्स को देखने और कहानी पढने था, लेकिन अब तो कॉल लग चूका था. पिक्स ने पूनम के बदन पे असर दिखाना शुरू कर दिया था.
गुड्डू बोला “क्यूँ? क्या हुआ? पसंद नहीं आई क्या?” पूनम का ध्यान पिक्स पे था और उस लड़के का लण्ड ऐसा था कि पूनम उसे गौर से देखे जा रही थी. बोली “नहीं.” गुड्डू मुस्कुराता हुआ सा बोला “ऐसा तो हो ही नहीं सकता जान की तुम्हे पसंद नहीं आये. ये पिक्स तो तुम्हारी चूत में आग लगा देंगे. तुम देखी की नहीं.” पूनम झूठ बोल दी की “नहीं, एन्वेलोप वैसे ही रखा हुआ है.” जबकि वो और भी कई सारी पिक्स देख चुकी थी और उसकी चूत ने रिसना शुरू कर दिया था. गुड्डू बोला “तो कैसे बोल दी की पसंद नहीं आया.”
पूनम अब पॉइंट पे आई. बोली “कहीं किसी ने देख लिया मुझे तुमसे एन्वेलोप लेते हुए तो.” पूनम अपनी लेग्गिंग्स उतारने लगी और फिर साथ में ही पैंटी भी उतार दी. अब वो नीचे से नंगी थी और अब आराम से अपनी टांगों को फैला कर पिक्स देख रही थी. अभी जो पिक्स पूनम के सामने था उसमे वो लड़की अपनी दोनों टांगों को फैलाये हुए सीधा लेटी हुई थी और लड़का का लंड उसकी चूत के छेद पे टिका हुआ था. ऐसा लग रहा था की जैसे अब बस एक धक्का लगेगा और वो मोटा काला लंड उस गोरी लड़की की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक पहुँच जायेगा. लड़की पुरे मज़े में उस लण्ड को अपनी चुत में उतारने के लिए रेडी थी। पूनम अपनी चूत को सहला रही थी.
गुड्डू बोला “तो, क्या हो जायेगा.” पूनम का ध्यान लण्ड पे टिका हुआ था और अपनी चूत सहलाने पे था. बोली “मैं बदनाम हो जाउंगी. लोग सोचेंगे की तुम मुझे लव लैटर देते हो और हमारे बीच में कुछ है.” गुड्डू हंसने लगा. बोला “मेरे बारे में सबको पता है की मैं किसी को लव लैटर नहीं देता. जो भी देखेगा वो वही सोचेगा जो तुम्हे दिया हूँ. चुदाई की चीज़, मस्ती की चीज़.” पूनम शर्मा गयी. गुड्डू की बात तो सही है. लोग यही सोचेंगे की गुड्डू ने मुझे भी फंसा लिया है.
बोली “तो ये तो और बुरा है न, लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी किया है.” बोलते ही पूनम को लग गया की अब गुड्डू उस से पूछेगा की क्या किया है. और तुरंत ही गुड्डू बोल भी पड़ा “क्या किया है?” पूनम भला अब क्या विरोध करती. वो कई बार बोल चुकी थी, अभी नीचे से नंगी थी और हाथ में चुदाई की पिक्स और कहानिया लिए थी. वो शर्माती हुई बोली “तुम्हे तो हमेशा बस यही रहता है।" गुड्डू बोला "तो तू बोलती क्यू नहीं ठीक से।" पूनम बहस करने के मूड में नहीं थी। उसका मूड अभी मस्त बन रहा था। बोली "चोदा है.” पूनम के हाथ की बीच वाली ऊँगली अभी चूत के अन्दर थी. वो कल और पर्सों कई बार इस शब्द का इस्तेमाल कर चुकी थी, लेकिन अभी फिर से उसे अपनी चुत में अचानक से करंट दौड़ता हुआ महसूस हुआ।
गुड्डू फिर से बोला “फिर पूरा नहीं बोली। किसे चोदा है, क्या चोदा है? ठीक से तो बोल जान।” पूनम अब शर्मा भी रही थी और बोलना भी चाहती थी. गुड्डू की बातें उसके चुत के गीलेपन को बढ़ा रही थी। बोली “लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी ....... च् .... च.... हट.... मैं नहीं बोलूंगी." कल तक पूनम किसी और के बारे में बोल रही थी, लेकिन अभी अपने बारे में बोलना मुश्किल हो रहा था उसके लिए। गुड्डू बोला "आहः जान, तू तो रोड पे ही लण्ड टाइट करवा दी। बोल न बोल न ... अच्छे से, प्लीज़." पूनम को कुछ ज्यादा ही शर्म आ रही थी। वो पूरी तरह शर्माती हुई इठलाती हुई बोली "कुछ नहीं, तुम रखो फ़ोन और अब से मुझे ये सब कुछ मत देना." गुड्डू बोला "ठीक है, रख देता हूँ. बस एक बार बोल दे न जो अभी बोल रही थी."
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