RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू उसे बोला की "जान, मुझे भी अपने साथ मार्केट ले चलती तो मैं तुम्हारी वन पीस में नीचे से हाथ अंदर डालकर तुम्हारी जांघ और गांड को सहलाता और फिर तुम्हारी पैंटी उतार कर अपने पॉकेट में रख लेता। फिर वहीँ मार्केट में ही तुम्हारी चुत सहलाता और जहाँ अकेले में मौका मिलता, वहीँ तुम्हे पकड़ कर तुम्हारे रसीले होठ को चूसता और तुम्हारी चूचियों की गोलाई नापता। अपने लण्ड को निकाल कर तुम्हारी गोरी चिकनी चुत में सटा देता और फिर वहीँ तुम्हे चोदता।"
गुड्डू की बातों से नंगी पूनम की गीली चुत और गीली हो गयी और वो फिर से गुड्डू से फ़ोन पे चुदवाई और जैसे जैसे गुड्डू उसे बोलने बोला वो सब बोली। पूनम बोली की "हाँ, अपना लण्ड मेरी चुत से सटा देना और फिर मैं धक्का लगाकर उसे अपनी चुत में भर लूँगी और तुमसे चुदवाऊँगी। वहीँ पे झुक जाऊँगी और तुम पीछे से अपना लण्ड मेरी गांड में डालकर मेरी गांड मार लेना। तुम सारा वीर्य मेरे मुँह में गिरा देना और मैं उसे पी जाऊँगी और चेहरे पे लग जाने दूँगी।"
पूनम गुड्डू की बातें सुनती रही और ये सब बोलती रही और साथ ही साथ अपनी गर्मायी हुई चुत में ऊँगली अंदर बाहर करती रही। जब उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया तो वो कॉल कट कर दी और फिर से नंगी सो गयी। आज भी वो कल की ही तरह आगे से कभी ये सब नहीं करने का और गुड्डू से बात नहीं करने का फैसला ली।
अगले दिन भी संडे था तो पूनम दिन भर घर पे ही रही और आज दोपहर में ही जब उसके मम्मी पापा सो रहे थे और वो अपने रूम में अकेली थी तो वो एन्वेलोप निकाल ली और कहानी पढ़ ली। वो अपनी ट्रोउजर के अंदर हाथ डालकर चुत सहला रही थी और फिर पानी निकलने के बाद एन्वेलोप को वापस आलमीरा में रख कर सो गयी। रात में न तो गुड्डू का कॉल या मैसेज आया और न ही पूनम को उसकी याद आयी। वो फिर से नंगी होकर पूरी कहानी पढ़ी और फिर चुत से पानी निकालकर नंगी ही सोई।
उसका मन हाँ और ना के बीच झूल रहा था। वो गुड्डू से चुदवा लेना चाहती थी, लेकिन उसे डर भी लग रहा था। अगले दिन पूनम ऑफिस गयी लेकिन उसे सुबह में भी और शाम में भी दोनों में से कोई नहीं दिखा। रात होते ही पूनम की चुत गीली होने लगी। आज भी दिन भर में गुड्डू का बस 2-3 मैसेज ही आया था।
पूनम अपने रूम में आयी और गेट बंद करते ही नंगी हो गयी। वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी, लेकिन इसमें उसे आज मज़ा नहीं आ रहा था। वो अपने मोबाइल को देखने लगी, लेकिन उसमें कोई मैसेज या मिस्ड कॉल नहीं था।
पूनम अपनी चुत को सहला रही थी और ऊँगली भी अंदर बाहर कर रही थी, लेकिन न तो उसे चुत सहलाने में मज़ा आ रहा था और न ही कहानी पढ़ने में। वो मोबाइल उठा ली और गुड्डू को कॉल करने के बारे में सोचने लगी।
'कॉल करुँगी तो वो क्या सोचेगा? क्या सोचेगा, यही न की मैं उससे चुदवाना चाहती हूँ। हाँ, तो चाहती हूँ। एक बार चोद ही लेगा तो क्या हो जायेगा। नहीं, फ़ोन करेगा तो उसे बोलूंगी की जब मना की हूँ तो मैसेज क्यों करते हो। फिर तो वो अंट शंट बोलेगा ही और मुझे चोदेगा ही।' सोचते सोचते पूनम के पैर खुद ब खुद खुल गए जैसे गुड्डू सच में वहाँ हो और पूनम को चोदने वाला हो।
पूनम गुड्डू को मिस्ड कॉल कर दी। लेकिन जब गुड्डू ने कोई कॉल नहीं किया तो पूनम फिर से थोड़ा लम्बा मिस्ड कॉल की। इस बार गुड्डू ने कॉल कट कर दिया और तुरंत ही कॉल बैक कर दिया। पूनम के दिल की धड़कन तेज़ हो गयी। वो कॉल रिसीव कर ली और धीरे से "हेल्लो" बोली। बगल के कमरे में उसके मम्मी पापा सो रहे थे, तो वो अपनी आवाज़ इतनी ही रखती थी की वो लोग न सुन पायें।
गुड्डू के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं थी। वो अपने नार्मल साउंड में ही बोलता था। पूनम के हेल्लो बोलते ही गुड्डू बोला "म्म्म कैसी हो जान... कब चोदने दोगी।" पहले ही लाइन में ये सुनते ही पूनम के मुँह से आहः निकल गयी जिसे वो अपने अंदर ही दबा ली। उसकी चुत पूरी गर्म थी।
वो खुद को सम्हालती हुई बोली "क्यों मैसेज करते हो इस तरह के, मना की हूँ न।"
गुड्डू उसकी बातों को पूरी तरह इग्नोर करता हुआ बोला "क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम शॉक्ड हो गयी। उसे इस सवाल की उम्मीद नहीं थी। बोली "क्यूँ?"
गुड्डू बोला "बोलो न, क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम झूठ बोल दी "टॉप ट्रोउजर।"
गुड्डू फिर आगे पूछा "और अंदर?"
पूनम की चुत का गीलापन बढ़ गया। बोली "क्यों पूछ रहे हो ये सब?"
गुड्डू बोला "बोल न, क्या पहनी हुई है अंदर में?"
पूनम शर्मा गयी, लेकिन अब भला उस लड़के से क्या शर्माना जिसके साथ चुत, लण्ड और चुदाई की बात कर चुकी हो। वो अपने पैर फैलाते हुए बोली "पैंटी ब्रा।" उसे बहुत मज़ा आया था। इसलिए तो वो गुड्डू के कॉल का वेट कर रही थी। उसे पता नहीं था कि गुड्डू ये क्यों पूछ रहा है, लेकिन उसे अच्छा लग रहा था। नंगे बदन में आग जलने लगी थी।
गुड्डू बोला "उतार दे न सब। नंगी हो जा न।"
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