FreeSexkahani नसीब मेरा दुश्मन
06-13-2020, 01:05 PM,
#29
RE: FreeSexkahani नसीब मेरा दुश्मन
सारी रात मिक्की सो न सका।
कभी मस्तिष्क विनीता के कमरे से निकलने वाले साए के बारे में सोचने लगता तो कभी अलका से सम्बन्धित अपनी कारगुजारी के बारे में।
वह जानता था कि सुरेश सुबह सात बजे बिस्तर छोड़ देता था, सो—वह भी ठीक सात बजे उठा, एक घण्टे में नित्यकर्मों से निवृत्त होने के बाद ठीक आठ बजे नाश्ते के लिए डायनिंग टेबल पर।
कुर्सी पर बैठने के बाद उसने ठीक सुरेश की-सी स्टाइल में एक सिगरेट सुलगाई और हाथ बांधे खड़े काशीराम से पूछा—"विनी कहां है?"
"आने वाली हैं, साहब।"
हकीकत ये है कि उसे ट्रिपल फाइव में बिल्कुल मजा नहीं आ रहा था, किन्तु सुरेश के-से ही शाही अंदाज में उसे पीते रहना मिक्की ने अपनी मजबूरी बना ली थी।
"हैलो सुरेश!" खनखनाती आवाज उसके कानों में पड़ी।
मिक्की का चेहरा स्वतः आवाज की दिशा में घूम गया और तेजी के साथ डायनिंग टेबल की तरफ बढ़ी चली आ रही विनीता पर नजर पड़ते ही मिक्की के भीतर कहीं नफरत की चिंगारियां भड़कीं।
उसके जिस्म पर साड़ी नहीं बल्कि एक चुस्त पैंट और ब्रेजरी जैसा ब्लाउज था—न मांग में सिन्दूर, न मस्तक पर बिन्दिया।
कलाइयों में चूड़ियां तक नहीं।
किसी भी तरह वह शादीशुदा नजर नहीं आती थी—ठोस व गदराए जिस्म वाली खूबसूरत विनीता के जिस्म पर इस वक्त कपड़े थे, किन्तु मिक्की को वह पूर्णतया नग्न नजर आ रही थी।
अपने बेडरूम में।
किसी गैर और अज्ञात मर्द की बांहों में।
दिल तो मिक्की का ऐसा किया कि भारतीय नारी के नाम पर कलंक विनीता के गाल पर ऐसा थप्पड़ जड़े कि वह सात जन्म तक तिलमिलाती रहे, परन्तु अपनी समस्त भावनाओं को दबाए उसने सुरेश के अन्दाज में हौले से मुस्कराकर कहा— "गुड मॉर्निंग, विनी।"
"मॉर्निंग।" कहने के साथ ही वह उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई।
"कैसी हो?" सुरेश ने पूछा।
अपनी रेशमी जुल्फों को झटका देती हुई विनीता बोली— "यह सवाल तो मुझे तुमसे पूछना चाहिए।"
"क्या मतलब?"
"आज तीन दिन बाद तुम्हारी शक्ल देखी है।"
"क्या तुम्हें मालूम नहीं कि मिक्की.....।"
"हां, अखबार में पढ़ चुकी हूं।"
"परसों रात मैं बिजनेस के काम से आउट ऑफ स्टेशन था, कल दस बजे सीधा ऑफिस पहुंच गया और थोड़ा काम निपटाकर यहां आने के बारे में सोच ही रहा था कि पुलिस ने मिक्की की खबर दी—सारे दिन व्यस्त रहने के बाद रात को.....।"
"मैंने तुमसे बाहर गुजारे गए टाइम का हिसाब नहीं मांगा।" उसकी बात बीच में ही काटकर विनीता ने लापरवाही के साथ कहा।
"तुम इन दो दिनों में क्या करती रहीं?" मिक्की ने कटाक्ष किया।
विनीता मुंह बिचकाकर बोली— "तुम शायद मेरे और अपने बीच हुआ समझौता भूल गए.....न मुझे तुम्हारी दिनचर्या से कुछ लेना-देना है और न तुम्हें मेरी से।"
"सॉरी।" मिक्की ने धीमे से कहा— "मैं तो सिर्फ यह कहना चाहता था कि अगर कल शाम के न्यूज पेपर में मिक्की के बारे में पढ़ लिया था तो थोड़ी देर के लिए ही सही.....तुम्हें मिक्की की अन्त्येष्टि में आना चाहिए था।"
"मुझे.....क्यों?"
"आखिर वह तुम्हारा जेठ था।"
"ज.....जेठ?" विनीता ने बुरा-सी मुंह बनाया, बोली—"तुम जानते हो कि उस 'लीचड़' आदमी को मैंने कभी अपना कुछ नहीं समझा—वह इस लायक ही नहीं था कि उसे कोई अपना कुछ समझे।"
"विनी—।" मिक्की ने थोड़े गुस्से का प्रदर्शन किया।
"ऐसे गलीज आदमी को तुम जैसा कोई मूर्ख ही सारा जीवन भाई कहता रह सकता है।" विनीता उसके गुस्से से तनिक भी प्रभावित हुए बिना कहती चली गई—"और मैं तो कहती हूं कि अच्छा ही हुआ जो वह मर गया, अब कम-से-कम उसकी मनहूस सूरत तो मेरी आंखों के सामने नहीं आएगी?"
मिक्की को वास्तव में गुस्सा आ गया। आंखें सुर्ख हो उठीं और मुंह से गुर्राहट निकली—"कम-से-कम किसी के मरने के बाद उसके बारे में.....।"
वाक्य अधूरा रह गया।
दूर, एक कोर्निस पर रखे टेलीफोन की घण्टी घनघना उठी।
काशीराम उस तरफ लपका।
विनीता उसके गुस्से से लेशमात्र भी प्रभावित हुए बिना डबल-रोटी के पीस पर मक्खन लगाने में व्यस्त थी—मिक्की की नजरों में वह एक महाबदतमीज और बदमिजाज औरत थी। सो, उसके मुंह लगना उसे अच्छा न लगा।
उधर, रिसीवर उठाने और दूसरी तरफ से बोलने वाले की आवाज सुनने के बाद माउथपीस पर हाथ रखकर काशीराम ने कहा— "कोई औरत आपसे बात करना चाहती है, साहब।"
मिक्की ने विनीता की तरफ देखा।
काशीराम के वाक्य का उस पर कोई असर न हुआ—मिक्की ने सोचा, होगा भी क्यों—किसी औरत के अपने पति से बात करने की बात पर उस पत्नी के कान खड़े होते हैं जो खुद पतिव्रता हो।
मिक्की उठा।
काशीराम से रिसीवर लेकर उसने कहा— "हैलो, सुरेश हियर।"
"मैं बोल रही हूं, सुरेश।" दूसरी तरफ से कहा गया।
मिक्की के मुंह से निकला—"मैं कौन?"
"क्या मतलब.....क्या अब मेरी आवाज भी तुम नहीं पहचान सकते?"
"स.....सॉरी, मैं नहीं पहचान पाया।"
दूसरी तरफ से दांत भींचकर कहा गया—"मैं नसीम हूं।"
मिक्की का जी चाहा कि पूछ ले—“ कौन नसीम?”
मगर।
उसने जल्दी ही स्वयं को नियंत्रित कर लिया। दरअसल 'कौन नसीम' कहना उसके लिए घातक सिद्ध हो सकता था—जिस ढंग से नसीम ने बात शुरू की थी और उसके आवाज न पहचानने पर जिस कदर वह नाराज हुई थी, उससे जाहिर था कि वह सुरेश के 'क्लोज' थी। सो, संभलकर बोला, "ओह, अच्छा नसीम—तुम बोल रही हो, कहो क्या बात है?"
"तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या?" दूसरी तरफ से गुर्राहट उभरी।
मिक्की के मुंह से निकला—"क.....क्या मतलब?"
"फोन पर मेरा नाम लेकर क्यों अपनी मौत को दावत दे रहे हो?" शब्दों के साथ नसीम के दांतों की किटकिटाहट भी सुनाई दे रही थी—"क्या इस वक्त तुम्हारे फोन के पास काशीराम और विनीता नहीं हैं?"
"हैं।"
"फिर?"
मिक्की का दिमाग चकराकर रह गया। कहने के लिए कुछ सूझा नहीं उसे और परिणामस्वरूप लाइन पर अजीब-सा पैनापन लिए सन्नाटा-सा छा गया, फिर इस सन्नाटे को नसीम ने ही तोड़ा—"मुझे तुमसे कुछ जरूरी बातें करनी हैं।"
"करो।" हतप्रभ मिक्की के मुंह से निकला।
पुनः गुर्राहट—"तुम होश में तो हो?"
"म.....मैं समझा नहीं।" मिक्की हकला गया।
"अपने बेडरूम में जाओ बेवकूफ.....वहां रखे फोन पर मुझसे बात करो।"
"अच्छा।" कहकर उसने रिसीवर क्रेडिल पर रख दिया।
दिमाग सांय-सांय कर रहा था—उसकी समझ में बिल्कुल नहीं आ रहा था कि नसीम कौन है, सुरेश से वह इस लहजे में कैसे बात कर सकती है और फिर ऐसी कौन-सी बात है, जिसे वह फोन पर नहीं कह सकती?
अनेक सवाल।
मिक्की का दिमाग झन्नाकर रह गया।
यह सोचकर कि शायद बेडरूम वाले फोन पर बात करने से कोई 'गांठ' खुले, वह सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। अपने ही विचारों में गुम था वह कि काशीराम ने टोका—"क्या नाश्ता नहीं करेंगे साहब?"
मिक्की की तंद्रा भंग हुई। काशीराम के बाद उसने एक नजर विनीता पर डाली। वह ऐसा दर्शा रही थी जैसे ध्यान इस तरफ न हो—मिक्की आहिस्ता से नाश्ते को इन्कार करके सीढ़ियों की तरफ बढ़ा। एकाएक पीछे से विनीता की आवाज उसके कानों से टकराई—"हमें नहीं बताओगे कि नसीम कौन है?"
पलटकर मिक्की सिर्फ उसे देखता रहा।
¶¶
Reply


Messages In This Thread
RE: FreeSexkahani नसीब मेरा दुश्मन - by desiaks - 06-13-2020, 01:05 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,462,070 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,976 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,216,347 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,834 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,630,599 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,062,316 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,919,535 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,952,855 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,991,566 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,174 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)