RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
ये सुन के शालिनी को मन में हँसी आ गयी ...उसे थोड़ा अजीब तो लगा होगा पर मन में कही न कहीं वो खुश भी हुई कि मैं उसके लिए कैसे तड़प रहा हूं .....और क्या क्या बहाने बना रहा हूं..
शालिनी:- अ..वो.. भैय्या..मै
मैं :- ओह्ह्ह कोई बात नहीं ...मैं खुद ही लगा लेता हु... थोड़ा तो आराम मिलेगा...तुम अपना काम कर लो,,,
मैंने ऐसा बोला तो शालिनी पिघल गयी...उसे लगा होगा सिर की मालिश करने में क्या बुराई है...दस मिनट में मालिश कर दूंगी...
शालिनी :- नहीं नहीं भाई...मैं वो ये सोच रही थी कि...जाने दीजिये आप लाईये तेल....
मैं :- तुम्हे कोई प्राब्लम तो नहीं...मतलब की तुम्हारा काम??
शालिनी :- काम हो ही गया है...बाकी सुबह कर लुंगी मैं यही सोच ही रही थी...वो मुझे नींद भी आ रही थी... ठीक है आज आपकी मस्त मालिश कर देती हूं ....
हां मैं यहाँ नीचे बैठ जाता हूं तुम बेड पे बैठ जाओ... ये ठीक रहेगा ।
मैंने देखा शालिनी ने आज एक थोड़ी टाइट समीज पहनी थी..अंदर ब्रा तो वो नहीं पहनी थी...और नीचे निक्कर पहना था... ब्रा नहीं पहनी थी तो क्या पैंटी भी नहीं पहनी होगी ये सोच के मेरे मन में लड्डू फूटने लगे...
और मैंने देखा कि उसके निप्पल कड़क होने लगे थे... जिसकी वजह से उसके समीज के पतले कपड़े से साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था की उसके निप्पल खड़े है... मैं नीचे बैठ गया... शालिनी मेरे सिर के पीछे बेड पे बैठ गयी... और हमारे ठीक सामने तो अलमारी में लगा आदमकद आइना था... हम दोनों उसमे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे...
मैंने अपने पैर फर्श पर लंबे किये और अपने दोनों हाथ अपने लंड को छुपाने के हिसाब से अपनी फ्रेन्ची पर रखे हुए थे.... मैं शालिनी के दोनों पैरों के बीच बेड पे पीठ टिकाए बैठा हुआ था...
.... शालिनी की नंगी जांघे मेरे कंधो से टकरा रही थी।
शालिनी ने कुछ तेल मेरे सिर पर डाला और कुछ अपने हाथ पे लिया और धीरे धीरे मालिश करने लगी... शालिनी के मुलायम हाथों का स्पर्श जैसे ही मेरे सिर के बालों को हुआ तो मेरा रोम रोम रोमांचित हो उठा... और मेरा लंड अंगड़ाई लेने लगा...जिसको मैंने हाथों से थोड़ा दबा दिया...
मैं :- आहा हा ..ह्म्म्म कितना अच्छा लग रहा है...
शालिनी:- क्या भाईजी ??
मैं- तुम्हारे मुलायम हाथ....
शालिनी बस थोड़ा मुस्कुराई....शालिनी ने आईने में देखा कि मैं अपने लंड को लगातार धीरे धीरे दबा रहा हूं .. तो उसकी हँसी निकल गयी।
शालिनी:- ह्म्म्म... स....
और वो अपने निचले होंठ को अपने दांतों से काट रही थी .....
शालिनी धीरे धीरे मालिश करने लगी... मैं अपना सर थोड़ा थोड़ा पीछे लेके जा रहा था...
मैं :- शालिनी थोड़ा जोर लगा के करो...सर में तेल नहीं लगाना है सिर्फ ,,,, थोड़ा दबाना भी है...
शालिनी :- ओके भाई .....
शालिनी अब थोड़ा जोर लगाने लगी और थोड़ी चम्पी करने लगी जिसकी वजह से बिना ब्रा की उसकी चुचियां उछलने लगी... मैं ये नजारा आईने में देख रहा था.... मेरा लंड ये देख के और भी जोर मारने लगा... शालिनी का ध्यान जब आईने पे गया और देखा की मैं उसकी उछलती हुई चुचियों को आँखे फाड़ के देख रहा हूं तो वो शरमा गयी...
एक अजीब सी लहर मेरे दिल में उठी जो सीधा मेरे लौड़े पे जाके खत्म हुई... मेरे लन्ड में प्रीकम का पहला बून्द आ गया था...
मैं- शालिनी थोड़ा आगे सरको ना...ये बेड मेरे गर्दन को चुभ रहा है....
शालिनी न चाहते हुए भी थोड़ा आगे सरक आयी.... शालिनी अब बिल्कुल बेड के कार्नर पे बैठी थी और पैर फैले होने के कारण उसकी बुर आगे की ओर आ गयी थी,,,,,, मैंने झट से अपना सर पीछे किया और अपने सर का पिछला हिस्सा शालिनी की बुर पे निक्कर के उपर से रख दिया....
जैसे ही उसने वो महसूस किया वो अपने आप ही थोड़ा आगे खिसक गयी... मेरा सर उसकी बुर से बस कुछ ही दुरी पे था. मुझको ये समझ आ गया की शालिनी थोड़ा आगे खिसक चुकी है... मैंने आईने में देख के अंदाजा लगा लिया की मेरा सर शालिनी की बुर से कितनी दूरी पे है। मैंने शालिनी के हाथ पकड़ लिये और अपने माथे पे रख दिए।
मैं :- यहाँ पे दबाओ थोड़ा....बहुत दर्द कर रहा है।
मेरे हाथ हटाने की वजह से मेरे लंड का
उभार शालिनी को ऊपर से साफ़ दिखाई देने लगा। शालिनी उसे आँखे फाड़ के देखने लगी। ये चीज मैंने आईने में देख ली.... मैंने दुबारा अपना हाथ लंड को छुपाने के लिए नहीं रखा...शालिनी मेरा खड़ा लंड देख के और भी उत्तेजित होने लगी थी। शालिनी अब थोड़ा जोर लगा के मेरा सर दबा रही थी जिससे मैं जानबुझकर अपना सर पीछे ले जा रहा था.... ।।
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