RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
“जी कहिए—क्या कहना है?”—उसने संयत स्वर में पूछा।
“आप तो एक शानदार बंगले के मालिक निकले मिस्टर ब्रैन्डन।”—लेपस्कि ने अपने ठेठ पुलिसिए अंदाज़ में बात कहनी आरंभ की।
केन खामोश रहा।
उसके चेहरे से पसीना फूट रहा था और आँखें बारी-बारी से उन्हीं दोनों पर भटक रही थीं।
लेपस्कि ने जानबूझकर कुछ देर तक कुछ न कहा तो केन को कहना पड़ा—“कहिए!”
“वैल—जैसा कि मैंने कहा ही है कि हम एक कत्ल के मामले में तहकीकात कर रहे हैं सो उसी सिलसिले में हम दरअसल आपसे यह जानना चाहते थे कि”—लेपस्कि ने अपनी शर्ट की जेब से एक बटन निकालकर पूछा—“क्या ये आप ही का है?”
लेपस्कि की हथेली पर रखे बटन पर निगाह पड़ते ही केन की रीढ़ की हड्डी में आतंक की एक लहर दौड़ गई।
“क्या ये आपका है?”—लेपस्कि ने इस बार ज़रा तीखे अंदाज़ में पूछा।
“न....नहीं तो।”—आतंक और भय में जकड़े केन के मुंह से बामुश्किल ये शब्द फूटे।
“मिस्टर ब्रैन्डन”—लेपस्कि ने कहा—“यह एक बेहद गैरमामूली बटन है जिसके बारे में हम अब जानते हैं कि ये अब तक लेवाइन के यहाँ सिली हुई चार खास जैकेटों में ही इस्तेमाल हुआ है। हमारे हिसाब से आपके अलावा सिर्फ तीन और लोग ऐसे हैं जिनके कब्ज़े में वो खास जैकेट और उसमें लगे ऐसे गैरमामूली बटन हो सकते हैं। ये बटन हमें वहीं, बुरी तरह काटी-पीटी गई लाश से चन्द गज के फासले पर बरामद हुआ है—सो हम इस तरह के सभी बटनों और इन खास जैकेटों की जाँच पड़ताल में लगे हुए हैं।”
भयाक्रान्त केन के मुंह से कुछ न निकला।
वो बुत बना बैठा रहा।
“क्या आपके पास इस किस्म की खास बटनों वाली कोई जैकेट है?”—लेपस्कि ने उसकी आँखों में झांकते हुए पूछा।
“ह....हाँ।”—केन ने अपने होठों पर जुबान फिराते हुए कहा।
“बढ़िया”—लेपस्कि ने एक निगाह जैकोबी पर डाली और दुबारा केन की ओर देखते हुए कहा—“क्या मैं वो जैकेट देख सकता हूँ।”
“जी मैं अभी लाता हूँ।”—केन ने आशंकित स्वर में कहा और उठकर वहाँ से चला गया।
ब्रैन्डन के जाते ही लेपस्कि ने जैकोबी को आँख मारी।
“बस यही है हमारी आसामी।”—वो बोला।
उधर ब्रैन्डन अपने बैडरूम में पहुँचा जहाँ उसने अपनी वार्डरोब खोली और कांपते हाथों से जैकेट निकालकर उसका मुआयना करने लगा।
उसने ये देखकर राहत की लंबी सांस ली कि उसमें कोई बटन गायब नहीं था।
वह वापिस लेपस्कि के पास पहुँचा और अपनी जैकेट उसे थमा दी।
लेपस्कि ने बेहद शांत तरीके से जैकेट को जांचा।
“इट्स ऑल राइट मिस्टर ब्रैन्डन।”—वह बोला—“इसमें लगे सारे बटन अपनी जगह मौजूद हैं। हमें अफसोस है कि हमने नाहक ही आपको तकलीफ दी।”
केन को लगा कि वो फिलहाल किसी भी मुसीबत से बच निकला है।
“वैसे मिस्टर ब्रैन्डन”—तभी लेपस्कि ने पैंतरा बदलते हुए अगला सवाल दाग दिया—“उस लड़की के कत्ल का वक्त पिछली रात आठ से दस के बीच का है—और हम जानना चाहेंगे कि आप उस वक्त कहाँ थे?”
सत्यानाश!
केन पुनः घबरा गया।
अभी-अभी उसे लगा था कि ये दोनों पुलिसवाले उसकी जैकेट की जाँच से संतुष्ट होकर वहाँ से जाने वाले थे और अभी वो फिर से उनके निशाने की जद में आ गया था।
उसके जड़ दिमाग ने फटाफट कोई झूठ घड़ने की फुर्ती न दिखाई सो अपने लिए कुछ और क्षणों का वक्त लेने की गरज़ से केन ने हिचकिचाते हुए कहा—
“कल रात आठ से दस के बीच?”
“हाँ, मैंने यही पूछा।”—लेपस्कि ने कहा।
वह समझ गया था कि केन इस वक्त कोई कहानी बुन रहा है।
कोई झूठ घड़ रहा है।
“वैल—मैं तो घर पर ही था”—केन ने कहा—“दरअसल मुझे अपनी साली के यहाँ उसके घर में हुए एक फंक्शन में पहुँचना था लेकिन फिर बद्किस्मती से मेरी कार रास्ते में ही बिगड़ गई थी। तब मैंने अपनी साली को फोन किया और वापस घर लौट आया था।”
“आपने अपनी साली को कितने बजे फोन किया था?”
“मैंने आठ बजे के फौरन बाद या शायद साढ़े आठ बजे उसके घर में कॉल लगाई थी, जहाँ मेरी मेरे ब्रदर-इन-लॉ से बात हुई थी।”
“ओह—और आपके इन ब्रदर-इन-लॉ का क्या नाम है?”
“जैक फ्रेस्की। कारपोरेशन में लायर है।”
“इत्तेफाक की बात है कि मैं उसे व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ। तो आप बता रहे थे कि एक बार वहाँ फोन कर देने के बाद आप आगे बाकी सारा वक्त अपने घर पर यहीं मौजूद थे।”
“आधी रात को जब मेरी बीवी उसी फंक्शन से घर लौटी, तब भी मैं यहीं था।”
“ओके....”—लेपस्कि ने धूर्ततापूर्वक कहा—“एक बार फिर आपको हुई तकलीफ के लिए मैं माफी चाहता हूँ।”
“कोई बात नहीं।”—केन ने कहा—“मुझे उम्मीद है कि आपकी मेहनत से वो कातिल ज़ल्द ही पकड़ा जाएगा।”
“ज़रूर”—लेपस्कि ने कहा और उठकर खड़ा हो गया— “सहयोग का शुक्रिया मिस्टर ब्रैन्डन।”
“शुक्रिया।”—ब्रैन्डन ने कहा।
दोनों पुलिसिए वहाँ से बाहर निकल आए।
जिस वक्त दोनों अपनी कार में बैठे, दोनों ने एक दूसरे को देखा।
“तुमने गौर किया कि वो कैसे एक के बाद एक झूठ बोले जा रहा था?”
“और तुम्हें क्या लगा कि वो स्टर्नवुड की लड़की के साथ होने वाली बात इतनी आसानी से मान लेगा?”—जैकोबी ने जवाब दिया।
“मुमकिन है कि इसने कातिल को देखा हो।”—लेपस्कि ने कार स्टार्ट की और उसे आगे बढ़ाते हुए कहा—“अब मिसेज़ ग्रेग के यहाँ चलते हैं।”
दस मिनट बाद वे दोनों एकेशिया ड्राइव पहुँचे—वो जगह जो पैसे वाले रिटायर्ड लोगों की पनाहगाह थी। शहर के एक हिस्से में वहाँ बनी कोठियों की स्थिति ऐसी थी कि वहाँ से सागर तट साफ दिखाई देता था। इन्हीं कोठियों में से एक कोठी में मिस्टर ग्रेग का निवास रहा था। जहाँ अब उनकी मौत के बाद उसकी बीवी अपनी इकलौती औलाद और एक नौकर के साथ रहती थी। दोनों कार से बाहर निकले और मिसेज ग्रेग की कोठी की ओर बढ़ चले। चारों ओर शान्ति व्याप्त थी और सागर तट पर आकर टकरा रहे सागरजल की आवाज़ वहाँ साफ सुनी जा सकती थी।
“कमबख्त क्या जगह है!”—जैकोबी ने जवाब देते हुए कहा—“ऐसे रिटायर्ड जिन्होंने अपने जवानी के दिनों में इतनी दौलत इसलिए कमाई होगी कि अपने बुढ़ापे के दिनों में यहाँ इस शान्त जगह आकर बस सकें।”
“ये हरामखोर बुढ़ापे में भी ऐसे ठाठ से रहते हैं और एक हम हैं जिनकी जवानी इन ओछे वहशी दरिन्दों के पीछे भागते-दौड़ते गुज़रती जा रही है।”—लेपस्कि ने कोठी का दरवाज़ा खोलते हुए कहा और फिर एक शानदार फूलों के बाग से गुज़रता हुआ कोठी के मेन डोर तक आ गया।
“ठीक कहा।”—जैकोबी ने डोरबैल बजाई और कहा— “लेकिन और चारा भी क्या है।”
कोठी के दाईं ओर एक बड़ा स्वीमिंग पूल था तो वहीं बाईं ओर एक विशाल गैराज था जिसमें आसानी से चार गाड़ियाँ पार्क की जा सकती थीं। उसमें अभी एक सिल्वर शैडो रंग की रॉल्स रायस खड़ी दिखाई दे भी रही थी।
रॉल्स रायस।
किसी की माली हैसियत की सबसे बड़ी निशानी।
और केवल माली हैसियत की ही क्यों, ये गाड़ी तो उससे कहीं ज़्यादा, कहीं आगे, गाड़ी के मालिकों की सुपर कामयाब और ऊँचे सामाजिक रुतबे की भी पहचान थी।
जैकोबी ने गैराज से निगाह हटाई और एक और बार पुश बटन दबाया।
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