RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
केन अपने दफ्तर पहुँचा।
उसने तीन नीग्रो जोड़ों को वहाँ अपना इंतज़ार करते पाया।
उधर कॉरेन टाईपिंग में व्यस्त थी।
अगले एक घंटे तक वो उन तीन नीग्रो जोड़ों में उलझा उनके सवालों का जवाब देता रहा। उनसे निपटकर उसने दफ्तर में आई डाक को चैक करने का मन बनाया ही था कि टेलिफोन की घण्टी बजने लगी।
“केन ब्रैन्डन”—उसने रिसीवर उठाकर कहा—“कैन आई हैल्प यू?”
“सिटी पुलिस हैडक्वार्टर से डिटेक्टिव लेपस्कि बोल रहा हूँ।”—दूसरी ओर से आती गुर्राहट भरी आवाज़ सुनकर उसके हाथ से रिसीवर छूटते-छूटते बचा।
“यस मिस्टर लेपस्कि।”—उसने फंसी सी आवाज़ में कहा।
“बटन मिले?”
“मेरा ख्याल है कि मिस्टर लेवाइन को कोई गलतफहमी हुई है।”—उसने बड़ी मेहनत से अपने स्वर को सामान्य बनाए रखा और आगे कहा—“मुझे यकीन है कि अपनी उस जैकेट के साथ उन बटनों का कोई अतिरिक्त सैट मुझे मिस्टर लेवाइन से मिला ही नहीं।”
“ओह—क्या यकीन के साथ ऐसा कह रहे हो?”
“हाँ।”
“ठीक है—थैंक्स मिस्टर ब्रैन्डन।”
लेपस्कि ने संबंध विच्छेद कर दिया। तब भी केन रिसीवर थामे कई पलों तक ऐसे ही बैठा रहा। वो समझ रहा था कि उसने पुलिस से एक बड़ा झूठ बोला है जिसकी बाबत उसकी पोल पट्टी देर सबेर खुल भी सकती थी।
उसे लगा कि उसे फौरन बैट्टी से कॉन्टैक्ट कर उसे भी इस मामले में आगाह कर देना चाहिए था।
उसने बैट्टी को उसके पिता के यहाँ कॉल लगाई।
“बेट्टी डार्लिंग”—उसने संपर्क स्थापित होते ही पूछा—“अब कैसी तबियत है तुम्हारे पिता की?”
“ओह केन, वे अभी भी ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रहे हैं और डाक्टरों ने फिफ्टी-फिफ्टी चांसेज की बात कही है। मुझे अभी यहाँ कुछ और दिन लगेंगे क्योंकि माँ बहुत परेशान है। मैं सारी रात उनके बगल में बैठी जागती सोती सी बिताती हूँ।”
“कोई बात नहीं डार्लिंग”—केन ने कहा—“मुझे उम्मीद है तुम्हारे पिता जल्द ही ठीक हो जायेंगे।”
“ओह थैंक यू सो मच केन।”—कुछ और घरेलू बातचीत करने के बाद यकायक वो बोली—“अच्छा हाँ, मैं तो बताना ही भूल गई कि कोई दो घण्टे पहले मुझे यहाँ पैराडाईज़ सिटी पुलिस से तुम्हारी उस जैकेट में लगे गोल्फ बॉल डिज़ाइन वाले बटनों की बाबत कॉल आई थी।”
केन मानो आसमान से नीचे गिरा।
तो पुलिस पहले ही बैट्टी से संपर्क साध चुकी थी।
केन का दिल इतनी जोर से धड़कने लगा कि उसके मुँह से बोल न फूटे।
“त....तुमने उन्हें क्या कहा?”—उसने बड़ी मुश्किल से पूछा।
“मैंने उन्हें बता दिया है कि हमारे वो बटन वहीं हमारे घर में बटनों वाले डिब्बे में रखे हैं।”
“ओह!”
“यह सब चक्कर क्या है केन?”
“कुछ खास नहीं....बाद में बताऊँगा। तुम फिलहाल वहाँ अपने पिता की देखभाल पर ध्यान दो।”
“ठीक है केन।”—वो बोली—“अपना ध्यान रखना।”
“हाँ, मैं फिर फोन करूँगा।”
“ठीक है, बाय केन।”
“बाय।”—केन ने कहा और संबंध विच्छेद कर दिया।
अपनी इस कॉल के बाद उसका चेहरा फक्क पड़ गया था और अपनी उसी आतंकित अवस्था में अपनी जेब में हाथ डालकर उन बटनों को टटोलने लगा।
तभी उसके केबिन में कॉरेन दाखिल हुई।
“क्या हुआ”—उसने उसका उतरा हुआ चेहरा देखते ही पूछा—“अब क्या मुसीबत हो गई?”
केन ने उन नामुराद बटनों की सारी दास्तान उसे सुनाई।
“इस सैट में एक भी बटन कम होने का सीधा सा मतलब है”—आखिर में उसने कहा—“कि मुझे उस कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है। समझ नहीं आ रहा कि इस मुसीबत से कैसे निकलूँ। इधर वो पुलिसिया—लेपस्कि का बच्चा—अब मेरे डुप्लिकेट बटनों को देखना चाहेगा और उधर वो हरामज़ादा ब्लैकमेलर कल छाती पर आ चढ़ेगा।”
“यूँ रोते मत रहा करो”—कॉरेन ने उसे विनोदपूर्ण स्वर में कहा—“और हौसला रखो। कल की कल सोचना।”
कहकर वह पलटी और अपनी आकर्षक चाल से चलती वापिस अपनी मेज़ की ओर चली गई।
पीछे केन अपना सिर पकड़े बैठा रहा।
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