RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
पुलिस की टीम ने वहाँ डेरा जमा रखा था।
और उसी टीम में टैरी डाऊन भी था जो पुलिस फोटोग्राफर था। अपनी उस नौकरी में उसने अक्सर बड़ी भद्दी और दिल दहलाऊ घटनाओं को कवर किया था लेकिन ये मौजूदा मामला अलग था।
इतना अलग कि टैरी डाऊन ने वहाँ मौकाए वारदात पर तस्वीरें खींचने की अपनी ड्यूटी जैसे तैसे भुगती और फौरन ही लू बून की क्षत-विक्षत लाश से दूर-हटकर बाहर झाड़ियों की ओर भागता चला गया।
और वो अकेला नहीं था जिसकी ऐसी बुरी दुर्गति हो रही थी।
बेगलर, हेस और यहाँ तक कि लेपस्कि जैसे सख्तजान पुलिसिए भी खुद को बामुश्किल संभाले हुए उस वक्त लू बून के केबिन के बाहर खड़े डा. लुईस और उनके सहकर्मियों का इंतजार कर रहे थे।
“यह यकीनन उसी पागल हत्यारे का काम है।”—बेगलर ने पसीना पोंछते हुए कहा—“और उस पर कत्ल करने का भूत सवार है।”
“यह बेहद खतरनाक है।”—लेपस्कि ने कहा।
“क्या तुमने कल टी.वी. पर हैमिल्टन की रिपोर्ट देखी थी?”—हेस ने पूछा—“उसने टी.वी. पर आकर बिल्कुल साफ लफ्जों में खम ठोक कर ये दावा किया था कि लू बून उस पहले वाले कत्ल की रात वहीं मौका-ए-वारदात पर न सिर्फ मौजूद था बल्कि शायद उसने उस रात कातिल को भी देखा था। हैमिल्टन का यही दावा शायद उस विक्षिप्त हत्यारे ने भी देख लिया था और नतीजतन लू बून को खुद के लिए खतरा मानते हुए उसने इसे ठिकाने लगा दिया।”
“मारा तो ठीक—लेकिन मार कर यूँ काट डालने की क्या जरूरत थी?”
“वो इसलिए कि इससे—शायद इसी से उसे वो अपनी मानसिक भूख मिटती देखता था। शायद विक्षिप्तता के उस दौर में लाश की यूँ दुर्गति करना उसे संतोष देता हो।”
“वो सिर्फ पागल नहीं है बल्कि बेहद ऊँचे दर्जे का पागल है। वो पाश्विक प्रवृत्ति का ऐसा जुनूनी कातिल है जिसे कत्ल करने का कोई जुनून, कोई नशा है।”
“सही कहा।”
तभी डा. लुईस केबिन से बाहर निकला तो तीनों उसकी ओर उन्मुख हुए।
“किसी नतीजे पर पहुँचे डॉक्टर?”—हेस ने पूछा।
“ये एक हौलनाक कत्ल है।”—डा. लुईस ने बड़े अनमने ढंग से अपने कंधे झटकाते हुए कहा—“और पुलिस महकमे के साथ अपने खूब लम्बे एसोसिएशन के दौरान मैंने कभी इस किस्म के वहशी कत्लों का सामना नहीं किया। अभी वो पिछला कत्ल होकर हटा ही था कि ये एक और....”
“आपकी इस मामले में कोई फाईनल, कोई पक्की रिपोर्ट तो आगे आते-आते आएगी लेकिन फौरी तौर पर आपका इस बाबत क्या कहना है?”—लेपस्कि ने डा. लुईस को टोकते हुए कहा।
“वैल”—डॉ. लुईस ने इशारा समझा—“मोटे तौर पर मेरा अंदाजा यह है कि ये कत्ल बीती रात दो बजे के करीब का हो सकता है। कातिल ने शायद दरवाजा खटखटाया होगा और लू बून के दरवाजा खोलते ही उसने उस पर चौड़े फल वाला कोई पैना चाकू—या ऐसा ही कोई और हथियार—उसे भोंक दिया। ऐसे जबर्दस्त सटीक वार से मौत फौरन हुई लगती है जिसके बाद शायद कातिल ने बड़े इत्मिनान से अपना वक्त लिया और लाश के सिर को उसके धड़ से अलग कर उसे वहाँ उधर मौजूद मेज पर रख दिया। इसके बाद उसने धड़ को भी आगे—गन्ने काटने जैसे किसी औजार से क्षत विक्षत कर दिया।”
“बड़ी हौलनाक घटना है।”—हेस ने कहा।
“बेशक—और इससे मेरा ये ख्याल भी पुख्ता होता लगता है कि कातिल सिर्फ पागल नहीं है। वो नीम पागल है, वो वहशी है जिसे केवल कत्ल करने भर से संतोष नहीं मिलता बल्कि उसकी भूख, उसकी मानसिक वितृष्णा उसके शिकार की लाश को आगे यूँ काट-पीटकर टुकड़े-टुकड़े कर देने पर ही ठण्डी पड़ती है। वो ऐसा मैनियाक है जो किसी को केवल मुर्दा बना देने पर ही नहीं रुक जाता बल्कि उससे कहीं आगे जाकर बकायदा उस मुर्दे की दुरगत करने पर ही रुकता है।”
“आप लाश को वहाँ से उठवा रहे हैं?”—हेस ने पूछा—“हमें केबिन चैक करना है।”
“आदमी लगे हुए हैं—ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।”—डॉ. लुईस ने कहा।
“मैं मिसकोलो से पूछताछ करना चाहूँगा।”—लेपस्कि ने हेस से कहा—“वो लड़की जिसने लाश यहाँ केबिन में बरामद की थी—इस घटना के बाद ऐसे सदमे में है कि फिलहाल बात करने की हालत में ही नहीं है।”
“ठीक है।”—हेस ने कहा और डॉ. लुईस से पूछा—“क्या हम उसे सिडेटिव देकर अस्पताल भेज सकते हैं?”
“मैं अभी इंतजाम करता हूँ।”—डॉ. लुईस ने कहा और वहाँ से हट गया। लेपस्कि मिसकोलो के पास पहुँचा और उसके सामने जाकर वहीं नीचे रेत पर ही बैठ गया। और कई लोग अभी भी वहाँ इधर-उधर बिखरे खड़े थे और फुसफुसाहट में बतिया रहे थे।
“उसका कत्ल बीती रात करीब दो बजे हुआ होने का अंदाजा है।”—लेपस्कि ने कहा—“क्या उस वक्त तुमने वहाँ केबिन में कोई आहट, कोई आवाज वगैरह सुनी थी?”
“मैं उस वक्त सोया पड़ा था। सुबह सबसे पहले केटी ने ही ये हादसा देखा था।”—मिसकोलो ने कहा।
“क्या तुम में से किसी ने कुछ देखा था?”—लेपस्कि वहाँ खड़े लोगों से संबोधित हुआ।
“मैंने सुना था।”—एक लम्बे पतले युवक ने आगे आकर कहा।
एक अन्य पुलिस वाला—डस्टी—भी वहाँ आ पहुँचा और अपनी नोटबुक खोल नोट लिखने लगा।
“तुम कौन हो?”—लेपस्कि ने उस नवयुवक से पूछा।
“मेरा नाम बो वाकर है और मैं यहाँ ऐसे ही सैर सपाटा करने के मकसद से पहुँचा हुआ हूँ।”—वह बोला।
“तुमने बीती रात कुछ सुना था?”
“हाँ।”
“लू बून के केबिन में कुछ सुना था?”
“हाँ—मैंने बीती रात उस केबिन में घटी उठापटक सुनी थी।”
“किस वक्त?”
“रात के दो बजकर चालीस मिनट हुए थे।”
“तुम्हें वक्त का ऐसा पक्का अंदाजा क्यों है?”
“मेरे पिता ने मेरी इक्कीसवीं सालगिरह पर ये घड़ी तोहफे में दी है।”—उसने अपनी कलाई घड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा—“और मुझे इसमें वक्त देखना बड़ा पसंद है।”
“ओह—तो तुमने बीती रात दो बजकर चालीस मिनट पर क्या सुना था?”
“जी वो हुआ ये कि....”
“रुको”—लेपस्कि ने उसे टोका—“पहले ये बताओ कि तुम ऐसे बेवक्त खुद कैसे जागे हुए थे।”
“मैं पहले से जागा नहीं हुआ था बल्कि उस वक्त रात के उस पहर पेशाब करने इत्तेफाकन उठ गया था।”
“ठीक”—लेपस्कि ने कहा—“तो जब तुम उठे फिर....”
“उस वक्त रात के उस पहर भी लू के केबिन में रोशनी थी।”
“तुमने देखा था?”
“हाँ—मैंने केबिन में रोशनी देखी थी और उसी दौरान दो बार ऐसी आवाजें सुनीं जैसी कसाई के गोश्त काटते समय पैदा होती हैं।”
“अब ये तुम कैसे कह सकते हो कि वो आवाज कसाई के गोश्त काटने जैसी आवाज थी?”
“वो इसलिए कि मेरा बाप भी कसाई है और उस वजह से मैं इस तरह की आवाज को पहचानता हूँ।”
“और ये बीती रात दो बजकर चालीस मिनट की बात है?”
“हाँ—और मैंने क्या कहा?”
“मैंने सुना तुमने क्या कहा”—लेपस्कि बोला—“खैर तुम आगे बताओ।”
“आगे....आगे बताने को कुछ नहीं है।”
“क्या मतलब?”
“मतलब ये कि मैंने जिस वजह से रात की उस घड़ी उठा था, उस वजह से निजात पाकर मैं वापिस अपने बिस्तर पर जा लेटा था।”
“और जब तुम अपनी नेचर कॉल से फुर्सत पाकर वापिस अपने बिस्तर पर पहुँचे, उस वक्त भी लू के केबिन में रोशनी थी?”
“हाँ।”
“तुम्हें यकीन है?”
“बखूबी याद है—अभी कुछ घण्टे पहले ही की तो बात है।”
“तुम यहाँ इस कॉलोनी में कब तक ठहरोगे?”
“अगले महीने तक।”
“बढ़िया”—लेपस्कि ने संतुष्टिपूर्वक कहा—“मैं तुम्हारी इस मदद के लिए शुक्रिया अदा करता हूँ। लेकिन मैं आगे भी तुमसे एक और बार बात करना चाहूँगा—सो मुझसे मिले बिना यहाँ से चले मत जाना।”
“ठीक है।”—बो ने सहमति में सिर हिलाते हुए कहा।
“और सुनो।”—लेपस्कि ने गंभीरतापूर्वक कहा—“फिलहाल प्रेस या किसी के भी सामने तुमने अपना मुँह नहीं खोलना है, वरना तुम्हारा हश्र भी लू बून वाला हो सकता है।”
“मतलब?”—बो ने हड़बड़ाते हुए पूछा।
“मतलब यही कि हमें शक है कि लू बून की हत्या यहाँ बीती रात इसलिए की गई है कि कातिल को उस पर शक था। हम नहीं चाहते कि वो विक्षिप्त हत्यारा एक और खून करने में कामयाब हो।”
“मतलब तो यही हुआ न कि मेरी जान खतरे में है।”—वह बोला।
“सावधान रहो—और अपना मुँह बंद रखो।”—लेपस्कि ने कहा और डस्टी को निर्देश दिया—“इसका स्थाई रेसिडेंशल एड्रेस नोट करना न भूलना।”
“यस सर।”—डस्टी बोला।
लेपस्कि ने बो का कंधा थपथपाया और वापिस लू बून के केबिन की ओर बढ़ गया।
केबिन में डॉक्टर लुईस की होमीसाईड डिपार्टमेन्ट की टीम अभी भी अपने काम में जुटी हुई थी।
हेस वहीं पास में खड़ा सिगार फूँक रहा था।
लेपस्कि ने उसे जाकर रिपोर्ट दी और बताया कि बीती रात कैसे बो वाकर नाम के एक युवक ने उस तरह कसाई के गोश्त काटने की आवाजें आती सुनी थीं।
“हम्म”—हेस ने कहा—“तो इसका मतलब कि कत्ल बीती रात दो बजे से दो चालीस के बीच हुआ है।”
“जी सर—फिलहाल तो ऐसा ही लगता है।”
“ये एक महत्वपूर्ण बात है।”—हेस ने कहा—“और आगे हमारे काम आने वाली है।”
तभी होमीसाईड डिपार्टमेन्ट का एक आदमी केबिन से बाहर निकला और उनके पास पहुँचा।
“ये केबिन में मौजूद एक बैग से बरामद हुए हैं।”—उसने हेस को दो लिफाफे थमाते हुए कहा।
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