RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
हेस ने लिफाफे ले लिए और उन्हें खोला।
एक लिफाफा मिसेज केन ब्रैन्डन के नाम था और दूसरा मिस्टर जेफरसन स्टर्नवुड के नाम।
हैरान होते हुए हेस ने लिफाफों में मौजूद रुक्कों को पढ़ा—वो रुक्के जो दरअसल ब्लैकमेलिंग के मकसद से तैयार किए गए थे। केन और कॉरेन को ब्लैकमेल करने और उनसे दस हजार डॉलर की रकम हासिल होने की उम्मीद लिए लू बून मरा जा चुका था।
“तो ये हरामजादा उन दोनों को ब्लैकमेल कर रहा था।”—हेस ने दोनों रुक्कों को वापिस लिफाफों में डालते हुए कहा—“और ये इस कमबख्त की मौत की वाहिद वजह हो सकती है।”
“यानि कि लू बून का कत्ल केन ब्रैन्डन ने कॉरेन के साथ मिलकर इसलिए किया कि वो उन्हें ब्लैकमेल करने पर तुला हुआ था।”
“भई”—हेस ने कहा—“मोटिव तो है ही।”
“नहीं सर।”—लेपस्कि ने असहमति जताते हुए कहा—“मेरे गले ये बात नहीं उतरती कि केन जैसा आदमी किसी का कत्ल करके उसकी लाश को यूँ कसाई की तरह काटकर टुकड़े-टुकड़े कर दे।”
“भई—मोटिव तो है न उसके पास।”
“सर मोटिव है—लेकिन वो मोटिव, वो उद्देश्य महज कत्ल की वजह हो सकता था, कत्ल के बाद लाश को यूँ क्षत-विक्षत कर देने की वजह नहीं। ये काम तो किसी नीम पागल का है, किसी मैनियाक किसी सैडिस्ट का है जिसे केवल कत्ल करके नहीं बल्कि कत्ल कर चुकने के बाद लाश की उस किस्म की दुरगत करने में तसल्ली मिलती थी।”
“और केन ऐसा नीम पागल नहीं है?”
“लगता तो नहीं। लगता तो बिल्कुल भी नहीं।”
“हम्म....वैसे क्या पता कि किसी के दिमाग में कब कैसा फितूर जाग जाए और वही फितूर वही जुनून के तहत वो क्या कर गुजरे।”—हेस ने जिद की—“लेकिन फिर भी तुम्हारी बात में वजन है। मुझे लगता है—इस बाबत चीफ से बात करना ठीक रहेगा।”
“ठीक है सर।”—लेपस्कि ने कहा।
अगले बीस मिनट बाद दोनों पुलिस अफसर चीफ से मिलने पुलिस हैडक्वार्टर पहुँच चुके थे।
वहाँ पहुँचते ही जैकोबी ने लेपस्कि को एक ओर ले जाकर खबर दी कि वहाँ उसके पीछे लेवाइन ने उससे फोन पर संपर्क साधने की कोशिश की थी।
“क्या कोई खास बात कहना चाहता था?”—लेपस्कि ने पूछा।
“हाँ—लेकिन सिर्फ आपसे।”—जैकोबी बोला।
“चीफ है?”
“नहीं—फिलहाल मेयर से मिलने गया हुआ है।”
“बढ़िया—इसका मतलब है कि मेरे पास लेवाइन को कॉल कर सकने लायक कुछेक मिनट हैं।”—लेपस्कि ने अधीरतापूर्वक कहा—“आओ—उसे फोन लगाते हैं।”
जैकोबी ने लेवाइन के नम्बर पर कॉल लगाई।
“मिस्टर लेवाइन”—संपर्क स्थापित होते ही जैकोबी बोला—“आप मिस्टर लेपस्कि से बात करना चाहते थे—लीजिए वो फोन पर हैं।”
“ओह शुक्रिया।”—लेवाइन ने कहा।
“मिस्टर लेवाइन....?”—लेपस्कि ने कॉल पर आते हुए कहा।
“जी मिस्टर लेपस्कि।”
“आपने मुझे कॉल की थी?”
“जी हाँ—मैं आपसे एक बात शेयर करना चाहता था।”
“जी कहिए।”
“जी—दरअसल आज सुबह मैंने रैक में देखा तो पाया कि मेरी बनाई एक जैकेट में से एक बटन गायब था।”
“गायब था?”
“जी—मेरा मतलब है कि उस बटन को वहाँ जैकेट पर से किसी ने काटकर अलग निकाल लिया था।”
लेपस्कि फौरन सतर्क हुआ।
“और वो बटन कैसा था?”—उसने पूछा।
“जी वो ठीक वैसा ही बटन था—गोल्फ बॉल डिजाईन वाला—जो आजकल इतनी चर्चा में है।”
“और उसे—उस खास बटन को वहाँ आपके यहाँ रैक में मौजूद किसी जैकेट में से बकायदा काटकर अलग निकाल लिया गया है।”
“जी हाँ।”
“आपकी जानकारी में लाए बिना?”
“जी हाँ।”
“ओके....”—लेपस्कि ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए कहा—“क्या आप वो जैकेट दो-चार दिन के लिए हमें दे सकते हैं?”
“सॉरी—उसे तो मैंने दुरुस्त करके आज सुबह बेच भी दिया है।”
“बेच भी दी?”
“जी हाँ।”—लेवाइन ने धीमे स्वर में कहा—“मैंने उसमें दूसरा बटन लगाया ही था कि एक कस्टमर—जो उसी वक्त वहाँ पहुँचा था—ने उसे पसंद कर तभी के तभी खरीद भी लिया था।”
“इतनी तुरत-फुरत।”
“अब मैं क्या कहूँ। हुआ तो ये तुरत-फुरत में ही।”
“ओह!”—लेपस्कि निराशा भरे स्वर में बोला—“खैर—वो ग्राहक कौन था जिसे आपने वो जैकेट बेची?”
“जी—मैं नहीं जानता वो कौन था।”
“क्या मतलब?”
“मतलब ये कि वो कैश कस्टमर था जिसने मेरी दुकान पर आकर अपनी पसंद की जैकेट चुनी और कैश पैमेन्ट कर दिया। तो यूँ मुझे उसका नाम पूछने की जरूरत ही नहीं पड़ी।”
“हम्म....नाम न सही उसका हुलिया वगैरह तो बता सकते हैं आप?”
“जी—देखने में तो वो कोई सज्जन, कोई भद्र पुरुष ही जान पड़ता था जो खुद को यहाँ टेक्सास शहर से आया होना बता रहा था।”
“दिखने में कैसा था? कद काठी कैसी थी?”
लेवाइन ने बताया।
“मिस्टर लेवाइन”—लेपस्कि ने अंत में पूछा—“क्या आप महज बटन देखकर बता सकते हैं कि वो बटन जैकेट पर आपका टांका ओरिजनल बटन है या आपकी जैकेट के साथ सप्लाई किया जाता उन स्पेयर बटनों के स्टॉक का हिस्सा है जो कि आप अपनी हर जैकेट के साथ देते करते हैं।”
“नहीं”—लेवाइन ने हैरान होते हुए कहा—“ये कैसे मुमकिन है। आखिरकार बटन तो बटन ही है।”
लेपस्कि ने लम्बी सांस छोड़ी और वार्तालाप समाप्त किया।
“तुम ब्रैन्डन की जैकेट और उस डुप्लिकेट बटन को लेकर लैब पहुँचो।”—लेपस्कि ने जैकोबी को स्थिति समझाते हुए कहा—“हो सकता है कि यूँ वहाँ लैब में जांच होने पर ये पता लगाया जा सके कि वो सारे बटन एक ही स्टाक का हिस्सा हैं या अलग-अलग वक्त पर बनाए गए समान डिजाईन वाले बटन हैं।”
“ठीक है।”—जैकोबी ने कहा और चला गया।
पीछे लेपस्कि ने लेवाइन को दोबारा कॉल लगाई।
“मिस्टर लेवाइन”—संपर्क स्थापित होने पर उसने पूछा—“क्या पिछले दो दिनों में मिस्टर केन ब्रेन्डन आपकी दुकान पर आए हैं?”
“जी नहीं।”—लेवाइन ने बताया।
“शायद उस वक्त आए हों जबकि आप वहाँ अपने काऊण्टर पर मौजूद न रहे हों?”—लेपस्कि ने एक बार फिर कोशिश की।
“जी नहीं—ये मुमकिन ही नहीं है।”—लेवाइन ने कहा—“मैं अपना काऊण्टर यूं अन-अटैण्डेड कभी नहीं छोड़ता।”
“ओह!”—लेपस्कि ने कहा और रिसीवर रख दिया।
अब आगे उसे चीफ का इंतजार करना था।
चीफ जो मेयर से मिलने बाहर निकला हुआ था।
लेपस्कि अपनी मेज के पीछे अपनी कुर्सी पर जा बैठा और डिटेक्टिव हेल को भी वहीं बुलवा लिया।
उनका वो इंतजार पौने बारह बजे तक चला।
तब तक जब तक कि चीफ वापिस अपने ऑफिस नहीं लौट आया।
“ओके ऑफिसर्स।”—चीफ ने अपनी कुर्सी पर बैठकर अपना स्मोकिंग पाईप भरते हुए पूछा—“तो क्या प्रोग्रेस है?”
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