RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
बुढ़ाता विलेन्सकी एक अरसे से पुलिस महकमे के अंतर्गत क्राईम इन्वेस्टिगेशन लैब में काम कर रहा था और अपने तजुर्बे के दम पर उसने कई उलझे केसों की गुत्थियों को सुलझाने में मदद की थी। उसने बड़ी नापसन्दगी के भाव से अपने सामने खड़े लेपस्कि की ओर देखा।
“बटनों का कुछ पता चला?”—लेपस्कि ने उससे जैकेट वापिस मांगते हुए पूछा।
“सब पता चल गया।”—विलेन्सकी ने कहा—“तुम लोग सिर्फ टाँगों से काम लेते हो, आँखों से नहीं। अगर तुमने आँखों से काम लिया होता तो फौरन पता कर लेते कि उन सब बटनों पर सीरियल नम्बर पड़े हुए हैं।”
“क्या वाकई में?”
“हाँ—और उसी वजह से ये बात पकड़ में आई है कि तुम्हारे दिए बटनों में एक बटन ऐसा भी है जो आगे न तो बैन्डन की जैकेट के बटनों से मेल खा रहा है और न ही उसके डुप्लिकेट बटनों से।”
“ओह!”
“हाँ—अगर उस बटन का सीरियल नम्बर हम मिस्टर लेवाइन की जैकेट के बटनों से मिलान कर पाते तो बेहतर होता।”
“उससे क्या होगा?”
“उससे ये होगा कि हम बेहद आसानी से इस तथ्य को स्थापित कर पायेंगे कि बैन्डन ने या किसी और ने उस एक सिंगल आऊट किए एक अलग सीरियल नम्बर लिखे बटन को कहीं और से, किसी और जैकेट से हासिल किया और अपने डुप्लिकेट बटनों के सैट में मिलाकर उन्हें तुम्हारे आगे परोस दिया।”
“ओह यस!”—लेपस्कि ने सिर हिलाते हुए कहा—“अब तुम वो जैकेट दो।”
“वो तो मैं दे ही रहा हूँ।”—विलेन्सकी ने कहा—“लेकिन मैं एक और बात कहना चाहता था।”
“क्या?”
“दरअसल बटनों में इस किस्म की हेरफेर के स्थापित हो जाने के बावजूद अभी आगे ब्रैन्डन को उनके दम पर कातिल साबित नहीं किया जा सकेगा।”
“क्या मतलब?”—लेपस्कि ने मुट्ठियाँ भींचते हुए कहा।
“मतलब ये कि मौका-ए-वारदात पर जो बटन मिला है और जिसे आगे डिटेक्टिव हेस ने मुझे दिया था—उसका सीरियल नम्बर एकदम अलग है। वो कोई और सीरियल का नम्बर है जो न तो ब्रैन्डन की जैकेट और उसके डुप्लिकेट बटनों से मिलता है और न मिस्टर लेवाइन के बटनों से।”
“ठीक है—ठीक है।”—लेपस्कि जो इस वक्त सिर्फ टी.वी. स्क्रीन पर आने की बाबत सोच रहा था, इसे अनसुना सा करते हुए बोला—“तुम जरा वो जैकेट इधर करो, मुझे टी.वी. स्टूडियो जाना है।”
विलेस्की ने एक अलमारी से जैकेट बरामद की और उसे थमा दी। लेपस्कि ने जैकट ली और लैब से बाहर निकल आया जहाँ एक टेलीफोन बूथ पर नजर पड़ते ही उसे याद आया कि उसने खुद के टी.वी. पर आने के बारे में कैरोल को तो खबर ही नहीं की थी। वह एक टेलीफोन बूथ में जा घुसा और अपने घर का नम्बर मिला दिया।
“सुनो।”—दूसरी ओर कैरोल का फोन उठाते ही उसने कहना चाहा—“आज....”
“लेपस्कि”—कैरोल ने उसकी बात काटते हुए कहा—“वो महिताबेल वाले क्लूज का तुमने कुछ किया?”
“कौन से क्लूज?”
“महिताबेल के बताये क्लूज। भूल भी गए?”
“कौन से—याद दिलाओ तो।”
“अरे वो लाल सुर्ख चाँद, काला आकाश और सन्तरी सागर तट वाला।”
“अच्छा वो!”—लेपस्कि को याद आया।
“हाँ वो....वो लम्बा वाला वो।”—कैरोल ने पूछा—“कुछ किया उसका?”
“हाँ कर रहा हूँ, काम जारी है लेकिन तुम ये सब छोड़ो और मेरी सुनो। मैं आज ....।”
“क्या मतलब? क्या कर रहे हो उन क्लूज का? कैसा काम जारी है?”
“मतलब अपनी बोलते रहना।”—लेपस्कि ने चिढ़कर कहा—“मेरी मत सुन लेना।”
“क्या? क्या बताना चाहते हो?”
“तुम बोलने दो तो बताऊँ ना। मुँह खोलते ही तो बात काट देती हो।”
“अच्छा अब बताओ भी।”—कैरोल ने कहा।
“बात दरअसल ये है कि आज रात नौ बजे पैट हैमिल्टन के टी.वी. शो में मैं भी हिस्सा ले रहा हूँ।”
“ओह टॉम।”—यकायक कैरोल के स्वर में मिश्री घुल गई—“क्या वाकई? सच कह रहे हो न?”
“एकदम सच।”
“टॉम....मुझे तुम पर गर्व है।”
“और हाँ—तुम जरा पड़ोसियों को भी खबर कर दो। उन हरामखोरों को भी पता चले कि मेरी मेरे महकमे में क्या औकात है। कमीने मुझे टी.वी. पर देखकर जल-जल मरेंगे।”
“ठीक है टॉम।”
“याद से।”
“हाँ-हाँ, तुम परेशान मत हो। पैट हैमिल्टन शो, रात नौ बजे—है न?”
“हाँ।”
“ठीक है—मैं सबको बता दूंगी।”
“ठीक है—याद से बता देना। मैं सीधे टी.वी. स्टूडियो ही जा रहा हूँ, वक्त कम है।”
“ओके टॉम।”
“ओके बाय”—कहकर लेपस्कि ने कनैक्शन काट दिया और टी.वी. स्टूडियो की ओर रवाना हो गया।
लेपस्कि सैकण्ड फ्लोर पर हैमिल्टन के पास पहुँचा तो पाया कि वो वहाँ दो आदमियों के साथ बात करने में व्यस्त था। उसके फ्री होने के इंतजार में लेपस्कि जैकेट हाथों में लिए वहीं खड़ा-खड़ा पहलू बदलता रहा।
हैमिल्टन से इस बारे में पहले ही बात हो चुकी थी और वो अपने प्रोग्राम में इस जैकेट को दिखाकर प्रशासन का सहयोग करने को तैयार हो गया था।
“ओह—हाय लेपस्कि।”—आखिरकार हैमिल्टन ने फ्री होकर लेपस्कि की ओर बढ़ते हुए कहा।
“हाय पैट”—लेपस्कि बोला—“मैं जैकेट लाया हूँ।”
“हाँ, मैं इसी के इंतजार में था।”—हैमिल्टन बोला—“आओ चलें।”
“ऐसे ही....मेरा मतलब मुझे टी.वी. स्क्रीन पर लाने से पहले किसी मेकअप वगैरह की जरूरत नहीं?”—लेपस्कि ने हैरानी से पूछा।
“उसकी जरूरत नहीं—तुम ऐसे ही ठीक हो।”—हैमिल्टन बोला—“आओ।”
दोनों स्टूडियो के उस हिस्से में पहुँचे जहाँ तेज रोशनियाँ फैली हुई थीं। वहाँ कई कैमरे कई कोणों की तस्वीर उतारते इधर-उधर लगे हुए थे और उस पूरे सैटअप को संभालने के लिए वहीं टेक्नीशियनों की एक छोटी फौज मौजूद थी।
“मैं आज सबसे पहले तुम्हारी न्यूज ही दिखाने जा रहा हूँ।”—हैमिल्टन बोला—“तुम सिर्फ ये जैकेट पकड़े रहना और जो कमेन्ट्री देनी है मैं दे दूँगा।”
“ठीक है।”—लेपस्कि ने कहा।
“अब तुम जैकेट लेकर वहाँ डायस के पास पहुँचो।”— हैमिल्टन ने उसे एक ओर इशारा करते हुए कहा—“जल्दी करो, शो का टाईम हो गया है और हम ऑन एयर होने वाले हैं।”
“मैं हैट पहन लूँ?”—लेपस्कि ने पूछा।
“सभी पुलिसवाले पहनते हैं।”—हैमिल्टन ने सांस छोड़ी—“तुम भी पहन लो....लेकिन जरा जल्दी करो।”
लेपस्कि ने अपनी हैट पहनी और फटाफट अपनी पोजीशन ले ली। वहीं मौजूद एक टैक्नीशियन ने उसे बताया कि उसने जैकेट कैसे पकड़नी थी।
लेपस्कि ने पकड़ी।
कैमरे उसकी ओर घूमे।
लेपस्कि ने अपना सीना फुला लिया।
“ओके....”—हैमिल्टन ने उस पर नजर डाली—“मैं तुम्हें इशारा कर दूँगा”—फिर उसने दीवार घड़ी पर निगाह डाली और बोला—“वक्त हो गया है।”
स्टूडियो में मौजूद हर शख्स अब सतर्क हो गया था।
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