RE: Hindi Porn Story खेल खेल में गंदी बात
दीपू मेरे तन पर फ़िसला जा रहा था। मेरा गीला बदन ... और उसका भीगा काम देवता सा मोहक रूप ... गीली चूत ... गीला लण्ड ... मैं मस्तानी हो कर लण्ड ले रही थी। मेरे
शरीर से अब जैसे शोले निकलने लगे थे ... मैंने उसके चूतड़ों को कस लिया और उसे कहा,"दीपू ... नीचे आ जाओ ... अब मुझे भी चोदने दो !"
"पर रीता भाभी, चुदोगी तो आप ही ना ... " दीपू वर्षा का आनन्द लेता हुआ बोला।
"अरे, चल ना, नीचे आ जा ... " मैं थोड़ा सा मचली तो वो धीरे से मुझे लिपटा कर पलट गया। अब मेरी बारी थी, मैंने चूत को लण्ड पर जोर दे कर दबाया। उसका मूसल नुमा लण्ड इस बार मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ मारता हुआ सीधा जड़ तक आ गया। मेरे लटकते हुये स्तन उसके हाथ में मसले जा रहे थे। दीपू की एक अंगुली मेरे चूतड़ों की दरार में घुस पड़ी और छेद को बींधती हुई गाण्ड में उतर गई।
मैं उसके ऊपर लेट गई और अपनी चूत को धीरे धीरे ऊपर नीचे रगड़ कर चुदने लगी। बारिश की मोटी मोटी बूंदें मेरी पीठ पर गिर रही थी। मैंने अपना चेहरा उसकी गर्दन के पास घुसा लिया और आंखें बन्द करके चुदाई का मजा लेने लगी। हम दोनों जोर जोर से एक दूसरे की चूत और लण्ड घिस रहे थे ... मेरे आनन्द की सीमा टूटती जा रही थी।
मेरा शरीर वासना भरी कसक से लहरा उठा था। मुझे लग रहा था कि मेरी रसीली चूत अब लपलपाने लगी थी। मेरी चूत में लहरें उठने लगी थी। फिर भी हम दोनों बुरी तरह से लिपटे हुये थे। मेरी चूत लण्ड पर पूरी तरह से जोर लगा रही थी ... बस ... कितना आनन्द लेती, मेरी चूत पानी छोड़ने लिये लहरा उठी और अन्ततः मेरी चूत ने पानी पानी छोड़ दिया ... और मैं झड़ने लगी। मैं दीपू पर अपना शरीर लहरा कर अपना रज निकाल रही थी।
मैं अब उससे अलग हो कर एक तरफ़ लुढ़क गई। दीपू उठ कर बैठ गया और अपने लण्ड को दबा कर मुठ मारने लगा ... एक दो मुठ में ही उसके लण्ड ने वीर्य छोड़ दिया और बरसात की मूसलाधार पानी के साथ मिल कहीं घुल गया। हम दोनों बैठे बैठे ही गले मिलने लगे ... मुझे अब पानी की बौछारों से ठण्ड लगने लगी थी। मैं उठ कर नीचे भागी। दीपू भी मेरे पीछे कपड़े ले कर नीचे आ गया।
मैं अपना भीगा बदन तौलिये से पोंछने लगी, पर दीपू मुझे छोड़ता भला। उसने गीले कपड़े एक तरफ़ रख दिये और भाग कर मेरे पीछे चिपक गया।
"भाभी मत पोंछो, गीली ही बहुत सेक्सी लग रही हो !"
"सुन रे दीपू, तूने अपनी भाभी को तो चोद ही दिया है , अब सो जा, मुझे भी सोने दे !"!!!! समाप्त !!!!
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