RE: Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास
हेल्लो दोस्तो,
में अर्जुन, पेश कर रहा हूं मेरी कहानी का
अगला हिस्सा,
फिर में अपने रूम में नहाने चला गया
थोड़ी देर बाद में नहाकर ,अंडर वियर और उसके ऊपर हाफ पैंट पहनी और टी शर्ट पहन लिए, और जैसे कि उस दिन रविवार था तो कॉलेज की छुट्टी थी
फिर में कमरे से बाहर अा गया,
मैने देखा मॉम स्नान करके ,साड़ी ब्लाउज, पेटीकोट पहनकर तैयार हो चुकी थी
और पूजा भी कर चुकी थी
अब वो किचन में काम कर रही थी
मॉम ने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी
और ब्लाउस और पेटीकोट भी पिंक कलर के मैचिंग के ही पहनी थी
जैसे रोज पहनती थी
वैसे ही टाइट पेटीकोट और टाइट ब्लाउस में थी
पीछे का पोर्शन गान्ड तो बाहर आई हुई थी
और आगे का पोर्शन में दो बड़े स्तन बाहर निकले थे
मॉम सेक्सी और हॉट तो थी ही, और साथ में
अच्छा सा मेकअप किया हुआ था
और बाल भी अच्छे से बनाए हुए थे खूबसूरती के देवी लग रही थी
जैसे मॉम रोज दिखती है वैसे ही आज भी दिख रही थी
एकदम संस्कारी औरत के रूप में मॉम नजर आ रही थी
मेरा मन और दिमाग तो यह बोल रहा था
किचन में जाकर मॉम की गान्ड और बूब्स को ज़ोरदार दबा दू, और गुलाबी नर्म होंठो का रस निकाल दू, जिससे मॉम दर्द से तड़प जाए और वासना और उत्तेजना से भर जाए और गरम होकर अपनी चुदाई की अनुमति दे दे,
लेकिन मेरी सेक्स की वासना और उत्तेजना तो पहले से खत्म हो चुकी थी
और अब में यह सब करके मॉम को गुस्से नहीं दिलाना चाहता था
में किचन में गया और मॉम ने मुझे देखकर
बोली "तैयार हो गया बेटा"
और ऐसे बोलकर मॉम ने मेरे होंठ पर अपने गुलाबी मीठे होंठो से एक मां की ममता वाला चुम्मा दे दिया जैसा वो रोज मुझे प्यार से देती थी
मैने भी इस चुम्मे में उनका साथ दिया,
फिर मैने बोला "मॉम क्या बना रही हो"
मॉम "बेटे तेरे पसंद के आलू के परांठे बना रही हूं"
में खुश होकर "वाउ मॉम, ग्रेट, मज़ा आ जाएगा थैंक्स, मेरे फेवरेट आलू के पराठे"
ऐसे बोलकर मैने मॉम के चिकने और दूध जैसे सफेद और बिना कोई दाग वाले गाल पर थैंक्स वाला चुम्बन कर दिया
मॉम पराठे बना रही थी
मैने बोला "मॉम, यह जो आपने कल रात और आज सुबह , मेरे लिंग के साथ जो किया ,वो आप पापा के साथ भी करती हो क्या ?
"और यह मेरे नाजुक बॉल को आपने दबाए थे और इससे मेरी हैल्थ पर असर पड़ सकता है क्या" ?
मॉम ने मेरी तरह देखा और मुस्कुरा के बोली
"पहले तो बता दू तुझे की ,इससे किसी भी तरह का कोई भी साइड इफेक्ट या बुरा असर नहीं पड़ेगा
तेरी हैल्थ पर, उल्टा तेरी शारीरिक क्षमता और बड़ जाएगी और तेरे दोनो बॉल्स को मैने खाली धीरे और हल्का ही दबाए थे
और इससे तेरे बॉल्स के भी साइज भी बड़ जाएंगे, क्योंंकि तू अभी अभी जवान हो रहा है और तू ज्यादा देर सैक्स कर सकेगा"
"और दूसरा में ,यह तेरे पापा के साथ कभी कभी करती थी जब उनकी एक्साइटमेंट और उत्तेजना हद से ज्यादा हो जाती थी और वो जंगली बन जाते थे और मुझे दर्द देने लग जाते थे और मेरे अंगो को नुकसान पहुंचाने लग जाते थे और मेरी इच्छा सैक्स करने की नहीं होती तब मेरा सब्र टूट जाता था और में ऐसा कर देती थी"
में बोला "ओके मॉम, में आगे से इस पर ध्यान रखूंगा "
मॉम " कोई बात नहीं बेटे, सब चलता है,"
"अच्छा नास्ता रेडी हो गया है तू डायनिंग रूम में जा, में नाश्ता लेकर आती हूं"
में डायनिंग रूम में टेबल पर बैठ
गया और मॉम ने नाश्ता लगा लिया
जितनी मॉम खूबसूरत और सेक्सी थी
वैसी ही मॉम खाना बनाने में भी एक्सपर्ट थी
गजब और लाजवाब नाश्ता बनाया था
फिर हम दोनों ने नाश्ता खाया,
फिर कुछ देर बाद नाश्ता खत्म करके मॉम किचन के काम व्यस्त हो गईं और में ड्रॉइंग हॉल में अपने कॉलेज का होम वर्क में बिजी हो गया,
फिर कुछ देर बाद मॉम भी ड्रॉइंग रूम में अा गई और बड़े वाले सोफे पर बैठ कर बोली
"बेटा, अभी थोड़ी देर में कामवाली आएगी, और उसके सामने तू मेरे से, मां बेटे जैसे रिश्ते जैसे ही पेश आना कोई गलत हरकत मत कर लेना
जिससे तेरे और मेरे बीच के सैक्स के रिश्ते को उसे मालूम चले और वो फिर पूरी सोसायटी में यह बात वाइरल कर देगी"
में मुस्करा के बोला "डोंट वरी मॉम, में यह सब समझता हूं आप मुझ पर भरोसा रखिए,उसे बिल्कुल भी शक नहीं होगा"
मॉम मुस्करा के बोल
"गुड"
और फिर मॉम अपने मोबाइल में बिजी हो गई
और में अपने पढ़ाई में,
दोस्तो अब में आपको हमारे यहां काम करने वाली नौकरानी के बारे में कुछ बताता हूं,
हमारी कामवाली का नाम स्नेहा है
वो उम्र में करीब 28 साल के आस पास होगी
शादीशुदा है, दो बच्चों की मां है
दिखने में ठीक ठाक है कुछ ख़ास नहीं है
ऐसे मैने कभी उसको ऐसी नज़र से देखा ही नहीं ,
मीडियम गोरे रंग की है थोड़ी से मोटी है
ज्यादा मोटी नहीं है उसके स्तनों को देखना का तो मौका कभी मिला नहीं है लेकिन ब्लाउस और टाईट कुर्ती से पता चल जाता था कि साइज में उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे
नारंगी या सेब के आकार के होंगे,
और गान्ड भी ठीक ठाक ही थी
पेटीकोट और सलवार से जितना उसका पिछ्वाड़ा देख सका था उस हिसाब से
गान्ड मीडियम साइज की ही थी
वो कभी साड़ी पहनती थी तो कभी सलवार सूट पहनती थी
मेरा उससे मुलाकात रविवार या कॉलेज की छुट्टी के दिनों में ही होती थी,
है तो वो कामवाली,लेकिन रहती थी एकदम लल्लन टॉप लुक्स में,
क्योंंकि मैकअप पूरा करती थी अपने चेहरे पे,
और कपडे भी ठीक ठाक अच्छे ही पहनती थी
टाइट फिटिंग के कपडे ही पहनती थी
में जब रोज कॉलेज चला जाता हूं उसके कुछ देर बाद ,वो हमारे घर पर आती थी
और करीब 2-3 घंटे हमारे घर पर ही काम करती थी, किचन बर्तन, झाड़ू, पोछा, बाथरूम,और कपडे वाशिंग मशीन में धोना, जैसे घर के सारे काम वो ही करती थी
मॉम की उससे अच्छी बनती थी और मॉम की बहुत रेस्पेक्ट करती थी
मॉम को वो दीदी कहकर ही बुलाती थी
अभी मॉम मोबाइल में बिजी थी और में पढ़ाई करने में, मेरा कॉलेज का होम वर्क पूरा हो गया तो फिर में भी अपने मोबाइल में लग गया
मैने मॉम की और देखा , फिर उनकी छाती पर बूब्स वाले हिस्से को देखा, जो मॉम ने टाइट ब्लाउस से ढक रखा था और उस पर साड़ी का पल्लू डाल रखा था लेकिन बूब्स इतने बड़े थे कि बाहर से कोई भी देख सकता था
मॉम सोफे पर बैठी थी और मोबाइल में शायद अपने दोस्तो के साथ चैटिंग कर रही थी
चेहरे से मॉम का मूड अच्छा लग रहा था
मैने सोचा अभी स्नेहा कामवाली का आने में समय है तब तक मॉम को थोड़ा छेड़ लेता हूं
टाइम पास भी हो जाएगा,
मैने मॉम को बोला
"मॉम आप मोबाइल में बहुत व्यस्त हो ,मेरा होम वर्क पूरा हो चुका है में अभी बोर हो रहा हूं चलो कुछ गप्पे मारते है"
मॉम मोबाइल में चैटिंग करते हुए
बोली "बेटा मेरा अभी कुछ जरूरी काम चल रहा है ,थोड़ी देर रुक जा ,बाद में गप्पे मारेंगे"
में थोड़ा उदास हो गया, मॉम कुछ भाव ही नहीं दे रही है मुझे, मैने सोचा कुछ दूसरी तरकीब लगाता हूं,
में मॉम के पास जाकर बड़े वाले सोफे पर बैठ गया
और थोड़ा उदासी और रोने वाले स्वर में बोला
" मॉम आपकी मेरी कुछ फिक्र ही नहीं है, आप मुझसे प्यार ही नहीं करती हो"
मॉम ने मेरे रोने जैसे चेहरे को देखा
और मुस्करा के बोली
" अरे मेरे राजा बेटा ,तू रोने लग गया,देख मॉम को मोबाइल पर थोड़ा जरूरी काम है,
तू एक काम कर मेरी गोद में अपना सर रख कर सोफे पे लेट जा"
सोफ़ा तीन सीट वाला बड़ा सोफ़ा था मॉम एक साइड के कोने में बैठी थी
मॉम ने ऐसा बोलकर अपने साड़ी का पल्लू नीचे कर दिया और एक साइड से अपने टाइट सेक्सी ब्लाउस को थोड़ा ऊपर कर दिया
और ब्लाउस के साथ मॉम के ब्लाउस के अंदर की पिंक कलर की ब्रा भी थोड़ी ऊपर कर दी
इससे मॉम का एक दूध का भंडार बूब्स बाहर अा गया
यह देखकर तो मेरे मुंह में वासना और उत्तेजना वाली पानी अा गया, मेरा लिंग सलामी लेने के लिए खड़ा होना शुरू हो गया
मेरी ठंडी पड़ी सैक्स की भावनाएं वापस जाग उठी
फिर मॉम ने अपनी आंखो और चेहरे से मुझे अपनी गोद में सर रखकर लेटने का और गोद से ही अपने एक बूब्स को चूसने का इशारा किया,
में तो बहुत एक्साइटेड हो चुका था
मैने बिना एक सेकंड खर्च किए तुरंत मॉम की सेक्सी गोद को अपना तकिया बना दिया और उसमे अपना सर रख सोफे पर सीधा लेट गया
और मॉम के तरबूज बूब्स को चूसना शुरू कर दिया
अपने दोनो हाथों से स्तन को हल्का दबा भी रहा था और मॉम के बूब्स की मस्त मोटी निपल को अपने मुंह से चूसने लग गया
मॉम अपने मोंबाइल में बिजी थी
उन्हें तो कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था
में एक दूध पीते छोटे बच्चे की तरह मॉम
के एक बड़े और मालदार बूब्स को हाथ से दबाए भी जा रहा था और मुंह से चूस भी रहा था
बहुत ही मज़ा आ रहा था इस पोजिशन में बूब्स के साथ खेलने में ,
और मेरा लन्ड तो हाफ पैंट में खड़ा हो चुका था लेकिन मुझे पता था कि इस खड़े और भूखे लिंग को चूत का स्वाद तो कुछ और समय तक मिलना वाला ही नहीं है,
इसलिए जो मिल रहा है उससे से ही एन्जॉय कर लेता हूं
में मॉम के बूब्स का बड़ा दीवाना था
जैसे भेंस और गाय की स्तनों को दबाकर दूध निकाला जाता है
वैसे ही में मॉम के एक तरबूज रूपी बूब्स को साइड से दबा रहा था और निपल को अपने मुंह से चूस रहा था
मन हो रहा था कि बूब्स को अपने दांतो से थोड़ा थोड़ा काटता रहूं, जिससे मॉम को भी थोड़ा दर्द हो और उनके मुंह से थोड़ी सेक्सी आवाजे आए
और थोड़ी गरम हो जाए
लेकिन मॉम के गुस्से से डर भी लगता था
कहीं ऐसा करू और वो नाराज़ होकर अपना एक बूब्स को चूसवाना बंद कर देगी
और बैठे बैठे ही अपने कातिल हाथों से मेरे लन्ड को हाफ पैंट और अंडर वियर में ज़बरदस्ती भींच देगी और अंडरवियर में ही पानी निकाल देगी,
इसलिए मैने सोचा जो मिल रहा है उससे ही काम चला लेता हूं
मॉम के बूब्स तो वजन में भी भारी ही थे
मेरे मुंह पर सारा वजन अा रहा था
लेकिन मज़ा भी बहुत अा रहा था
मॉम की जांघे बहुत ही सॉफ्ट थी
एकदम नर्म कोमल तकिए जैसी,
मेरा सर का पीछे वाला हिस्सा महुसूस कर रहा था
करीब 10 मिनट तक में बूब्स की चुसाई और दबाई करता रहा
मॉम तब तक मोबाइल में लगी रही
तभी घर के दरवाजे की घंटी बजी
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