RE: raj sharma story कामलीला
सन २००० का ९ फरबरी बुधवार का दिन था मैं अपने कमरे में लेटा हुआ था ११ बजे उस दिन मीना पढने नहीं आई मेरे पास | रीमा के कमरे से किसी के कराहने कि आवाज आई पर मैंने ध्यान नहीं दिया तब किसी ने आवाज लगाया तो मैं गया रीमा के कमरे में तो देखा कि मीना एक रजाई ओढ़े लेटी हुई थी मैं दरवाजे के पास से ही बोला कि मीना ने कहा कि मुझे बुखार है दवाई ला दीजिये तो मैं मीना के पास गया और मीना का हाथ पकड़ कर देखा कि मीना बुखार से तप रही थी तो मैं डाकटर को लाया और मीना को दिखाया डाक्टर ने दवाई दिया एक इंजेक्सन लगाया और मुझे बोला कि इनके माथे पर पानी कि पट्टी लगाये तो बुखार जल्दी उतर जायेगी फिर मैं मन डाक्टर को नीचे तक छोड़ कर आया और आते समय सीढ़ियों पर लगा चैनल गेट पर ताला लगा दिया क्योकि ज्यादा समय चैनल गेट पर टाला लगा ही रहता है और इस ताले कि चाभी सभी के पास रहती है टला लगाकर मीना के पास आया और मीना के सर पर पट्टी रखने लगा करीब २० मिनट तक लगातार मीना के पास बैठा रहा और पानी बदल बदल कर पट्टी लगाता रहा मीना ने रजाई ओढ़ रखा था इस कारण खूब पसीना आया मीना के सरीर से तो मीना ने बोला कि पसीना पोछ दो तो मैं हल्का सा पानी गर्म किया और मीना के पास रख दिया और बोला कि पोछ लो अपने से तो मीना ने बोला कि आप पोछ दोगे तो थक नहीं जाओगे तो मैं मीना के सरीर का पसीना पोछने लगा ,मीना उस समय स्कूल कि ड्रेस पहन रखा था [सर्ट और स्कर्ट ] मैं मीना के गर्दन के आसपास पोछ दिया पसीना तो मीना घूम गई और बोली कि पीठ का भी पोछ दो तो मैं मीना के पीठ और कमर के आसपास का पसीना पोछने लगा सर्ट के नीचे हाथ डालकर तो मीना पेट के बल लेट गई और प्यूरी सर्ट को ऊपर गर्दन तक उठा लिया मीना कि ब्रा दिखाई देने लगी मैंने मीना का पूरा पसीना पोछ दिया पीठ का तो मीना ने कहा कि जांघो में भी पसीना है उसे भी पोछ दो तो मैं मीना कि एस्कार्ट के नीचे हाथ डालकर पसीना पोछने लगा तो मीना ने अपनी स्कर्ट को कमर तक उठा लिया अब मीना कि मोटी मोटी सुन्दर जांघे दिखाई देने लगी मैंने जांघो का पसीना पोछ दिया पर मेरी नियत खराब होने लगी मीना कि जांघो को देखकर मेरे लण्ड में अकड़न आ गई और लण्ड खड़ा हो गया लुंगी के नीचे पर अपने को कंट्रोल किया ,मीना पीठ के बल लेट गई और बोली कि यहाँ [चुचियो के नीचे इसारा किया] भी पसीना है तो मैं सर्ट के नीचे हाथ डालकर पसीना पोछने लगा पर बटनो के कारन टीक से नहीं पोछ पा रहा था तब मीना ने अपने सर्ट कि सभी बटन को खोल दिया और सर्ट के दोनों भागो को अलग अलग कर दिया अब मीना कि बड़े बड़े बूब्स ब्रा के अंदर झाकने लगे फिर भी मैं अपने आप को रोके रखा और मीना का पसीना पोछता रहा पर बूब्स को हाथ नहीं लगाया तब मीना ने हाथ को पकड़ कर बूब्स के ऊपर रखी और बोली कि यहाँ पर भी है पसीना [अब परोशी हुई थाली को नहीं छोड़ना चाहता था] तब मैं मीना कि चुचियो का पसीना पोछने लगा मीना कि चुचियो कि निप्प्ल कड़क पड़ गई थी चेहरा लाल हो गया था ,आँखों में हलकी हलकी लालिमा आ गया था मैं ब्रा के अंदर हाथ डाल -डाल कर पसीना पोछने लगा तो मीना ने एक हाथ से ब्रा के हुक को खोल दिया और बोली कि टीक से पोछो सरमा क्यों रहे हो तब मैं मीना के स्तनो को दबा दबा कर पसीना पोछने लगा कि मीना ने अचानक मेरे को पकड़ कर किस कर लिया तो मैं भी मीना कि होठो को जोर से किस कर लिया और हाथ में पकड़ा हुआ कपडे को एक किनारे रख दिया और मीना के बूब्स को हलके हलके दबाने लगा तो मीना ने मुझे अपनी और खीच लिया और मेरे होठो को हलके हलके से किस करने लगी किस करते करते होठो को ,गालो को चूसने लगी मैं भी मीना कि सुन्दर सुन्दर जांघो को सहलाने लगा और मीना जी जीभ को मुह में ले लिया और हलके हलके जेएच को चूसने लगा जीभ को मुह के अंदर के तरफ गालो में घुमाने लगा तो मीना ने ओर भीच कर सीने से चिपका लिया तो मैं मीना कि पेंटी को उतार दिया और स्कर्ट को उतारने लगा तो मना कर दिया तब मैं स्कर्ट को कमर तक खिसका दिया और चूत पर हाथ फेरने लगा चूत में हलके हलके बाल थे ऐसा लगता है जैसे एक महीने पहले बाल कि सफाई किया हो ,हाथ फेरते फेरते चूत के अंदर उगली डाला तो पता चला कि चूत गीली है मैं समझ गया मीना चुदाने को पूरी तरह से तैयार है अब मैंने अपनी लुंगी और चढ्ढी को उतार दिया और मीना चूत में लण्ड घुसाने लगा ,मीना कि चूत बहुत टाइट थी पहली बार लण्ड का स्वाद लेने वाली थी मीना धीरे धीरे लण्ड ८ इंची और मोटा सा लण्ड मीना कि चूत में घुसेड़ दिया करीब ४ इंच तक तो मीना बोली कि दर्द कर रहा है तब मैं मीना को किस करने लगा और बड़े प्यार से मीना के गाल ,चूची ,बाल ,जांघो पर हाथ घुमाने लगा और थोडा थोड़ा लण्ड को आगे पीछे करने लगा मीना ने कास कर पकड़ लिए पीठ पर हाथ रख कर मन धीरे धीरे झटके मारने लगा मीना के मुह से उ उ उ उ ऊ अ अ अ अ अ आ आह आह आह आह सी सी सी कि हलकी हलकी आवाज निकलने लगी [२४१ लाइन ] मीना ने कस कर पकड़ रखा था मुझे और मेरी जीभ को बड़े मजे से लाली पाप कि तरह चूसे जा जा रही थी मैं अब झटके मारने कि गति बढ़ा दिया और एक जोर का झटका मारा और पूरा लण्ड मीना क चूत में घुस गया तो मीना के मुह से एक चीत्कार से निकली तो मैं मीना के मुह में हाथ रख दिया तो मीना दर्द के मारे आह आह करने लगी तब मीना के गालो में प्यार से हाथ घुमाया तो मीना सांत हुई , मुझे ऐसा लगा जैसे लण्ड में कुछ गर्म गर्म सा लगा हो तो मैं लण्ड को बाहर निकाला तो देखा कि चूत से खून बहने लगा मैंने मीना से पूछा कि महीना आने वाला है क्या तो मीना बोली कि अभी तो एक सप्ताह का टाइम है ,तब मैं समझ गया मीना कि कौमार्य झिल्ली फट गई मतलब मीना ने पहली बार किसी के साथ सम्भोग कर रही है ,मैं मीना को कुछ नहीं बताया और फिर से लण्ड को पेल दिया मीना कि चूत में और झटके मारने लगा मीना उ उ उ उ उ अ अ अ अ अ अ अ आअह आहा हा हा हा हसे सी स्स्सीईए सीईईईईए उउउउउउउउउउउ आ आ करती रही मैं झाटके मारते रहा तो कुछ देर में मीना ढीली पड़ गई मैं १५ -२० झटके मारा और बहुत सा वीर्य मीना कि चूत के डाळ दिया मीना से जोर से चिपक गया और मीना के ऊपर लेट गया और फिर मीना के ऊपर से उठा कपडे पहना और मीना को बोला कि तुम भी कपडे पहन लो तो मीना बिस्तर से उठी और कराहने लगी बोली कि दर्द हो रहा है मैं बोला कि उठो थोड़ी देर बाद दर्द जायेगा तो मीना उठी और टांग फैला कर नंगी ही चलने लगी तो देखा कि मीना कि चूत से खून बह रहा है मीना खून देख कर घबरा गई और बोली कि ये क्यों निकल रहा है तो मैं मीना को बताया कि जब पहली बार कोई लड़की केला खाती है तो ऐसा ही होता है और हसने लगा और उठकर मीना के बॉब्स दबा कर किस किया और समझाया कि डरो नहीं ये कुछ देर में बंद हो जायेगा तुम्हारी चूत फट गई है इस कारण दर्द हो रहा है पर ये जल्दी ही टीक हो जायेगा फिर मीना बाथरूम में जाकर पेसाब किया और वापस आकर कपडे पहन लिया और बोली कि ये क्या कर डाला तुमने तब मैंने बोला कि चुप रहो किसी को नहीं बताना नहीं तो तुम्हारी जाती वाले मार डालेगे मुझे तब मीना कुछ नहीं बोली मेरी तरफ देखने लगी फिर मैं मीना को समझाया कि भाभी को क्या क्या बताना है तुम्हारी बीमारी पर और उसके बाद मैं अपने रूम में आ गया घडी में देखा तो उस समय १ बज गए थे ,मैं सो गया और फिर ३ बजे उठा तैयार हुआ और ४ बजे के आस पास डूटी चला गया | अगले दिन सुबह उठा और ब्रश कर रहा था बाहर तो रीमा भाभी ने बुलाया और बोली कि जब डाक्टर ने कहा था कि मीना के माथे पर पानी कि पट्टी रखना बुखार जल्दी उतर जायेगी तो आपने पानी कि पट्टी नहीं रखा मीना सर पर इसके दिमाग में बुखार चढ़ जाती तो जानते है क्या होता ,आप इस तरह के निष्टुर है मैं नहीं जानती थी तब मैंने बोला कि ‘भाभी जी उस समय सिर्फ मीना कमरे में अकेली थी इस कारण मैं मीना के पास नहीं बैठना चाहता था कही आप लोगोको बुरा नहीं लगे’ तब रीमा भाभी ने कहा कि आप पर पूरा विश्वास है पंडित जी अब कभी ऐसी कोई बात आये तो आप संकोच नहीं करना ‘ तब मैंने बोला टीक है भाभी जी | मैं समझ गया कि मीना को जो बोला था टीक उसी तरह से मीना ने भी बताया रीमा से | मीना कि १२ वी कि परिक्षा का ताम टेबल आ गया ३ मार्च से मीना के पेपर थे मीना पढने में बहुत अच्छी तो नहीं थी इस लिए डर रही थी कि १२ वी फेल नहीं हो जाउ मैं मीना को समझाया कि तुम्हे फेल नहीं होने दुगा तुम्हे मेहनत करनी होगी मीना को रोज ४घंटे तक दिन में पढ़ाता और जब रात में १२.३० बजे डूटी से आता तो मीना के कमरे ली लाइट जलती रहती [मीना पढ़ाई के कारण अब रीमा भाभी के साथ नहीं सोती नहीं तो हमेसा ही रीमा भाभी के साथ सोती है मीना लाइट जलने के कारण प्रेटी भाभी को नीद नहीं आती इस लिए मीना मेरे कमरे सेलगा हुआ किचेन के बागान के कमरे में सोती है ]
एक दिन मैं डूटी से आया और कपडे उतार कर फ्रेस हो रहा था इतने में मीना ने किचेन के बीच वाला दरवाजा धीरे से खटखटाया और दरबाजे के नीचे से एक चाबी खिसकाया मैं समझ गया कि मेरे तरफ लगे दरबाजे कि चाबी है ये मैंने तुरंत ही ताला खोल कर दरबाजा को खोलते हुए मीना के कमरे में पहुच गया तो मीना ने कहा कि ये सवाल बता दो ना तो मैं मीना को सवाल बताने लगा मीना सवाल को समझ कर करने लगी तो मैं मीना की तरफ देखने लगा तो उसी समय मीना ने मेरी तरफ देखी और बोली कि क्या देख रहे हो तो मीना को बोला कि तुम कितनी सुन्दर हो तो मीना ने कहा कि आपसे कम हु तब मैं मीना के गाल में एक किस कर लिया तो मीना ने भी किस कर लिया तब मैं मीना के बूब्स को दबा दिया तो मीना बोलती है कि कही भाभी न जाग जाए आप जाओ तो मैं बोला कि आता हु भाभी को देखकर सो रही है जाग रही है और मैं जाकर खिड़की से देखा तो भाभी के कमरे में अन्धेरा था और भाभी के खर्राटे कि आवाज आ रही थी तब मैं कंडोम लेकर वापस आया और मीना को बताया कि सो रही है ,तो मीना तुरंत ही मेरे से लिपट गई और बोली कि थक गई हु पढ़ा पढ़ कर चलो थकान मिटा दो मेरी और इतना कहने के बाद मीना बिस्तर पर लेट गई मैं भी मीना के पास लेट गया और कियो कार्पिन तेल कि सीसी लेकर बैठ गया और मीना को बोला कि उतारो कपडे तो मीना ने कहा कि लाइट तो बंद कर दो सरम आ रही है तो टुबलाइट बंद करके एक जीरो वाट का लाल रंग का बल्ब जला दिया और मीना को किस करने लगा मीना ने एक एक करके सभी कपडे उतार दिया और नंगी होकर बिस्तर पर लेट गई तो मई मीना के पुरे वदन में तेल लगा लगा कर मालिस करने लगा मालिस करते करते मीना कि चुचियो पर कियो कार्पिन तेल को ढेर सारा उड़ेल दिया और हलके हलके हाथ से चुचियो का मर्दन करने लगा मीना को बहुत अच्छा लग रहा था अब मीना मेरी लुंगी के नीचे हाथ दाल कर लण्ड को टटोलने लगी और पकड़ कर खिलाने लगी लण्ड को और लुंगी को उतारने लगी तब मैं लुंगी ,बनियान ,चढ्ढी को उतार कर नंगा हो कर मीना कि टांगो को ऊपर कि तरफ उठाया और चूत को चाटने लगा जीभ डाल कर मीना ऊ उ उ उ उ ऊ उ उ उ आए आ अ अ अ अ अ अ अ सी सी सी करने लगी और बोली कि अब मत तड़पाओ नहीं तो जान निकला जायेगी तब मैं लण्ड को पेल दिया मीना कि चूत में और झटके मारने लगा मीना कि चूत मेंमीना बड़े प्यार से झटके खाने लगी ,कुछ देर बाद मीना को घोड़ी बना दिया और चोदने लगा मीना को मीना भी अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी ५ मिनट तक झटके मारने के बाद मीना को उठा लिया दोनों हाथ से और हवा में लहरा लहरा कर चोदने लगा मीना को ४ मिनट बाद मीना को पीठ के बल लिटा दिया और फिर जोर जोर से झटके मारने लगा मीना कि आवाज कमरे के गुज रही थी मीना धीरे धीरे उउउउउउउ आआआ सीईईईईईई आह आह आह आह अह आह उई माँ उई माँ उई माँ सी सी सी स सी ईईईईए इइइइइईईईई ईईईईई ईईई ईईई अह आह आह आह करती रही और मेरी जीभ कोचुस्ती रही लगातार ७ मिनट तक झटके खाने के बाद मीना झर गई तब मैं भी जल्दीजल्दी झटके मार कर ढेर सारा वीर्य मीना कि चूत में उड़ेल दिया और लण्ड को अंदर कये हुए ३ मिनट तक मीना के ऊपर लेटा रहा फिर मीना मुझे धक्का देकर उठा दिया और खुद भी उठ गई कपडे पहना और बोली कि जाओ अब तो मैं मेरे कमरे में जाने लगा तो बोली कि कल ये चाबी ले जाना और इसकी डुप्लीकेट चाबी बनवा लेना मैं मैं बोला टीक है | और इस तरह से रोज रात में मीना को चोदता दुति से आने के बाद पर अब रोज कंडोम लगा लेता कि कही मीना को गर्भ ना रह जाए मीना ने एक्साम दिया सभी पेपर बहुत अच्छे गए मीना बहुत खुस रहती थी मार्च का महीना निकला गया | अप्रैल में एक दिन मैं सुबह कि डूटी करके आया तो देखा कि एक ओरत आई है , ४५ साल के आसपास उम्र होगी उस ओरत कि पर ओ आज भी खूब जवान लगती है , रीमा भाभी से पूछा तो पता चला कि मीना कि छोटी मौसी है जो निम्बाहेडा राजस्थान से आई हुई है ये बिधवा है साल में एकात बार आती है और १५-२० दिन रहती है | मैं भी उन्हें मौसी कहने लगा ओ भी मेरे ऊपर बहुत खुस रहती थी ,माकन मालिक इस समय बहुत खुस रहते है और मकान मालिक मौसी के साथ बाजार भी कई बार जा चुके है | मित्रो पढ़ते रहिये मस्तराम डॉट नेट आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए और लड़के जिनके पास कोई चूत नही है वो मुठ मरते रहे और लडकिया जिनके पास चुदाई करने के लिए कोई लौड़ा नही है वो फिंगरिंग कर मस्तराम डॉट नेट पर कहानी पढेगी तो और भी मज़ा आएगा |
मीना अब फिर से रीमा के कमरे में सोने लगी मौसी और मकान मालिक अलग अलग कमरे में सोते पर दोनों के बीच का दरबाजा खुला रहता एक दिन रात में किचेन के बगल वाले कमरे से कुछ आवाज आ रही थी मैं कान लगाकर सूना तो पता चला कि मकान मालिक अपनी साली कि चुदाई कर रहे है तब मैं चुपचाप खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया और अंदर के नज़ारे देखने लगा मकान मालिक और मौसी एक दम से नंगे होकर चुदाई में ब्यस्त थे और यह नज़ारे देखने को कई दिन मिला वैसे काका सा जवान साली कि प्यास बुझाने में कामयाब नहीं होते थे , अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मौसी चली गई साथ में उनके मीना भी चली गई ,मीना कि इच्छा नहीं थी जाने कि पर मौसी के आग्रह के कारण चली गई |
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