RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
ये उस वक़्त की बात है, जब मैं शहर में नया नया आया था और अपने एक दोस्त के यहाँ रहता था।
जिस कॉलेज में पढ़ता था, वहां मेरा जो सबसे पहला दोस्त बना वो वसीम था।
आहिस्ता आहिस्ता, हम दोनों की दोस्ती गहरी हो गई और हम दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त बन गये।
मेरा उसके घर, बहुत आना जाना था।
वसीम के घर में, सिर्फ़ तीन लोग थे – वसीम, उसके पिता और उसकी माँ।
वसीम के पिता, बहुत ही अमीर आदमी थे.. (वो अब इस दुनिया में नहीं हैं।)
वो, बहुत शराब पीते थे और रोज़ वसीम की माँ को मारते थे।
इधर, वसीम के पिता रोज़ शाम को एक औरत के पास जाते थे…
ये तो आप समझ ही गए होंगें की उनके उस औरत से “नाजायज़ संबंध” थे!!!
उस औरत का नाम, सलमा था और वो शादीशुदा थी। मगर, वसीम के पापा की वजह से, उसने अपने पति को छोड़ दिया था।
सलमा की दो बेटियाँ थीं – गुलबदन और गुलनार..
दोनों बहनें, जुड़वा थीं और उनकी उम्र लगभग 15 साल थी..
सलमा की एक छोटी बहन भी थी – नीलोफर, जो लगभग हमारी उम्र की ही थी..
इधर, वसीम के पिता ने सलमा को एक फ्लैट दिया था। जिस में, ये सभी चार लड़कियाँ रहती थीं।
वसीम के पिता का सलमा के साथ, उसकी शादी के पहले से ही चक्कर था।
शादी के बाद भी सलमा, ज़्यादातर टाइम अपने मायके में ही बिताती थी।
हर कभी वसीम के पिता, उसे अपने फार्म हाउस में बुलवा कर चूत चोदते थे…
इधर, सलमा अपने पति से ज़्यादा नहीं चुदवाती थी।
सलमा की दोनों बेटियाँ, वसीम के पिता की चुदाई से ही हुई थी..
सलमा ने दोनों लड़कियों को जन्म देने के बाद, अपने ससुराल में सिर्फ़ एक साल बिताया था…
जब सलमा की माँ की मौत हुई, उसने अपने पति को छोड़ दिया..
फिर वसीम के पिता ने उसे एक फ्लैट खरीद के दिया। जहाँ वो, अपनी दोनों बेटी और बहन के साथ रहने लगी..
वसीम, अपने पिता की चौथी पत्नी का बेटा था..
उसके पिता की पहली पत्नी, किसी के साथ भाग गई और बाकी दोनों ने उसके पिता को शराब और उनके रसिक व्यवहार के चलते, छोड़ दिया..
फिर वसीम के पिता ने कहीं से वसीम की माँ को पटाकर, उनसे शादी कर ली..
पहली तीन पत्नियों से, उनको कोई औलाद नहीं थी।
वसीम के पिता, उसकी माँ को रोज़ बुरी तरह मारते थे। इसीलिए, बिना कुछ कहे एक दिन वसीम की माँ, घर छोड़ कर चली गईं।
उनके जाने के बाद, वसीम चुपचाप सा रहने लगा था…
एक दिन, हम दोनों उसके कमरे में बैठे थे तो बाहर से कुछ आवाज़ें आईं।
हम लोगों ने बाहर आकर देखा तो उसके पिता सलमा, उसकी दोनों बेटियाँ और बहन को साथ लेकर घर आये थे।
फिर, वसीम के पिता ने वसीम को पास बुलाया और कहा – ये आज से, तेरी नयी माँ है… ये दोनों लड़कियाँ, तेरी छोटी बहन हैं… और ये (नीलोफर को दिखाते हुए) तेरी मौसी है… ये लोग आज से, हमारे साथ ही रहेंगी…
ये सुनकर, वसीम गुस्से से लाल हो गया और अपने कमरे में चला गया।
तो, उसके पिता ने मुझे कहा – तुम जाकर, अपने दोस्त को समझाओ…
फिर मैं वसीम के कमरे में आया, तो देखा की वसीम रो रहा था।
मैंने उसे समझाया.. लेकिन, वो समझने को तैयार ही नहीं हुआ।
आख़िर, वो समझता भी क्या और मैं समझता भी क्या… ??
कुछ देर बाद, मैं वहां से चला गया।
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