RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
अब वो धीरे धीरे, मेरे लण्ड की तरफ बढ़ने लगी।
फिर वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर, चूसने लगी।
गुलनार, इन सब कामों में माहिर थी!! क्यूंकि, वो हर रात को वसीम को उसकी माँ और मासी को चोदता देखती थी और फिर रूम में आ के गुलबदन के साथ “उंगली चुदाई” करती थी!!
उसने मेरे लण्ड को, ऐसे मुँह में दबा के रखा था के मानो जैसे कोई लोलीपोप हो।
इधर, मैं भी पागल हो रहा था…
फिर 5-10 मिनट बाद, मैं उसके मुँह में ही झड़ गया।
गुलनार ने मेरे सारे मूठ को पी लिया और मेरे लण्ड को तब तक चूसती रही, जब तक की मेरा सारा पानी निकल ना गया!! !!
उसने, एक भी बूँद नहीं छोड़ा…
फिर, मैं थोड़ा सा शांत हो गया।
अब मैं गुलनार को बेड पर लेटा कर, उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी दोनों चुचियों को एक एक कर के चूसने लगा।
अब तक वो, वो बहुत ही गरम हो गई थी…
फिर, मैंने उसके पेट की नाभि को भी चूसा।
मैं उसके जिस्म के सारे अंगो पर किस करते करते, उसकी टाँगों के बीच अपना मुँह ले गया!!
उस वक़्त, पहली बार मैंने गुलनार की चूत को देखा!!
चूत, बिल्कुल साफ थी…
एक भी बाल नहीं था!! क्यूंकि, जब से गुलबदन और गुलनार दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने लगे थे तब से दोनों अपनी अपनी चूत के सारे बाल साफ करने लगी थीं!!
इस कारण, उसकी चूत बिल्कुल साफ थी!!
इससे पहले, गुलनार को किसी ने नहीं चोदा था तो उसकी चूत फूली हुई थी।
उसकी चूत से “अमृत की धारा” बह रही थी!! जिससे, चूत लाइट में एकदम चमक रही थी!!
फिर मैंने, धीरे से उसकी चूत के छेद को खोला तो वो सिसकारियाँ भरने लगी।
चूत अंदर से, गुलाबी दिख रही थी…
उसकी चूत ने, आज तक किसी का लण्ड नहीं लिया था!! इसलिए, उसका छेद छोटा था!!
जिस में उंगली भी मुश्किल से जा रही थी!!
ये देख के, मैं तो घायल हो गया।
अब मैं धीरे धीरे, उसकी चूत के छेद में उंगली ऊपर नीचे करने लगा।
इस हरकत से, उसके जिस्म में बिजली सी दौड़ गई!!
उसने झट से अपनी चूत को टाइट कर लिया, जिस से उसकी चूत का छेद छोटा हो गया!!
फिर मुझ से रहा नहीं गया, मैं तुरंत ही अपना मुँह उसकी चूत के पास ले जाकर चूत के दाने को चाटने लगा।
वो मुँह से सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी!! जो सुनकर, मुझे और भी मस्ती चढ़ने लगी!!
अब मैं चूत के होठों की खोले के, अंदर जीभ को घुसा के चूसने लगा…
गुलनार ने मेरे सिर को पकड़ रखा था और अपनी चूत में ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी।
अब, मेरा सोया हुआ लण्ड भी जागने लगा।
मैं गुलनार के चूत को चूसने में लगा था।
वो, अपनी मुँह से – इस्स ईया अहमा उफ्फ… की आवाज़ें निकाल रही थी।
कुछ देर बाद, उसकी चूत से पानी का फवारा फुट पड़ा और मेरे चेहरे को पूरा नहला दिया।
गुलनार ने अपनी आँखें बंद कर ली थीं!!
मैं अब उसके ऊपर आ गया और उसके मुँह में जीभ घुसा के किस करने लगा।
उसने नीचे से मेरे लण्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
इधर, मैं उसकी चुचियों को मसलने में लगा था…
गुलनार के हाथ लगने से ही, मेरा लण्ड बिल्कुल लोहे की तरहा खड़ा हो गया।
अब उसने मुझसे पूछा – विनय, अब तो बहुत देर हो गई है… कब चोदना शुरू करोगे, मेरी चूत…
अब तो, मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था।
लेकिन, मैं उसे और भी गरम करना चाहता था!! क्यूंकि, मैं जनता था ये उसकी “पहली चुदाई” है तो मेरा लण्ड घुसते ही वो छटपटाने लगेगी और लड़की जितनी गरम हो, उसे चोदने में उतना मज़ा आता है!!
मैं उसके ऊपर से उठ के, टाँगों के बीच बैठ गया।
मैं उसकी चूत के छेद को खोल के, अपना लण्ड रगड़ने लगा।
उसकी चूत बहुत ही गरम थी…
उसमें से अभी तक, थोड़ा थोड़ा पानी रिस रहा था!!
मैंने पहले से ही बेड के साइड में टेबल पर, एक तेल की शीशी रखी थी।
उसे मैंने वहां से उठाया और गुलनार के चूत में ढेर सारा तेल डालने लगा ताकि चूत के अंदर तक तेल भर जाए और जब में अपने लण्ड को अंदर डालूं तो फिसलन से आराम से घुस जाये…
इससे गुलनार को भी, थोड़ा कम दर्द होगा।
मैं उंगली से, तेल उसकी चूत के अंदर घुसाने लगा!! जिससे, चूत में “फ़च फ़च” की आवाज़ आने लगी!!
फिर, मैंने थोड़ा सा तेल अपने लण्ड के ऊपर डाल दिया!! जिससे, गुलनार ने मेरे लण्ड की अच्छे से मालिश कर दी!!
अब वो, चुदने के लिए तैयार थी…
जितना हो सके, उसने अपनी टाँगों को फैला दिया और अपने दोनों हाथों से चूत का मुँह खोल दिया…
फिर, मैं धीरे से उसकी चूत में लण्ड घुसाने लगा।
लेकिन, ज़्यादा फिसलन के कारण “फुक” की आवाज़ के साथ, मेरा लण्ड एक ही बार में उसकी चूत के अंदर समा गया और खून निकलने लगा…
वो तड़पने लगी – उन्ह माँ… नहीं… आह आ ह आ ह आ ह…
लेकिन, इस सब के लिए वो पहले से ही तैयार थी!! इसलिए, उसने ज़्यादा नहीं चिल्लाया!!
उसकी आँखों से, आँसू निकलने लगे।
फिर भी उसने मुझे बिना रुके, चोदने के लिए कहा।
मैं धीरे धीरे, लण्ड को चूत में अंदर बाहर करने लगा।
वो सिर्फ़ – उम्म माआआआ य्आआआआ… रुउउउ को माआअत्त्त… बस चोदते रहो… आह मां… आहह… फूह ह ह ह ह… दर्द हो रहा है…
मैं उसकी चुचियों को चूसने लगा और एक हाथ से चूत के दाने को सहला रहा था।
कुछ देर बाद, वो भी चूतड़ उठा उठा के चुदवाने लगी।
अब, हम दोनों को मज़ा आने लगा।
लेकिन, उसकी आँखों से लगातार आँसू निकल रहे थे!! क्यूंकि, अभी भी उसे दर्द बहुत हो रहा था!!
मगर, फिर भी वो मज़े ले ले कर चुदवा रही थी…
उसकी चूत का छेद बहुत ही छोटा था!! जिससे मुझे लण्ड को बाहर भीतर करने में और भी मज़ा आ रहा था!! क्यूंकि, टाइट चूत में लण्ड पेलने में, बहुत मज़ा आता है!!
हम दोनों के ऊपर, सेक्स का भूत सवार था।
|