Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
07-25-2020, 01:49 PM,
#54
RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
#49

मैं बेड के और नज़दीक पहुँच गया , और चादर के एक सिरे को पकड़ा और एक ही झटके में उसको उतार कर फेंक दिया …..मेरे सामने बिस्तर पर नेहा बिल्कुल नंगी हालत में , उल्टी होकर लेटी हुई थी …….उसका सर तकिये में था , आँखें बंद थी ……एक हाथ सर के नीचे और दूसरा सामने को फैला हुआ था …….उसका एक पाँव सीधा था और दूसरे को उसने मोड़ कर सामने की तरफ फैलाया हुआ था ……

कुल मिलाकर एक दिलकश नज़ारा था , मेरे सारे शरीर का खून अब एक ही तरफ दौड़ रहा था ……मेरे लिए यह पहला मौका था , जब मैं किसी लड़की को , हक़ीकत में , इतनी नज़दीक से , ऐसी हालत में देख रहा था ………

मेरे लिए यह सब कुछ बर्दाश्त से बाहर था ……मैने जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और फिर 1 मिनिट से भी पहले मैं भी
उसकी ही तरह , बिकुल बे-लिबास हालत में आ चुका था ……..

मैने धीरे से बेड के ऊपर चढ़ गया और फिर नेहा के और नज़दीक आ गया…….उसके पास जाकर मैं घुटनो के बल बैठ गया और फिर बहुत धीरे से अपना एक हाथ उसकी पिंडली के ऊपर रख दिया……..उसके शाईर में एक कंपन सा मैने महसूस किया…… बहुत ही कोमल था उसका जिस्म….बिल्कुल किसी रूई के टुकड़े की तरह ….उसकी पिंडली को सहलाते हुए मैं अपना हाथ उसकी जाँघ तक ले गया ….मेरे हाथ की हर हरकत से उसके जिस्म की थर-थराहट बढ़ती ही जा रही थी …….

फिर मैने अपना सर नीचे झुकाया ….और अपने प्यासे होंठ , उसके घुटने के पिच्छले हिस्से पर रख दिए ……उसका शरीर फिर से एक बार ज़ोर से काँपा और ......इसस्स्सस्स… की एक आवाज़ मुझे उसके होंठो से निकलती हुई सुनाई पड़ी …….

मेरे होंठ धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ने लगे और उसकी जाँघ के जोड़ पर जाकर मैं रुक गया ……फिर वही काम मैने उसकी दूसरी जाँघ पर भी किया और इस बार मैं कहीं नही रुका ………उसकी जाँघो से आगे चलते हुए मेरे होंठ, उसके जिस्म के सबसे नाज़ुक हिस्से पर
पहुँच गये …..उसकी पोज़िशन भी कुछ ऐसी थी कि वो सारा हिस्सा, पूरी तरह मेरे होंठो की पहुँच में था ……..मैने एक चुंबन उस गुलाबी अंग पर किया ……और उसके साथ ही एक लंबी अहह…उसके मुँह से निकल गयी …….

फिर कुछ चुंबन उस जगह पर करने के बाद , मैने अपनी उंगलियों से उस की दोनो नाज़ुक पंखुड़ियों को अलग किया और अपनी जीभ उस में घुसा दी ………एक लंबी सी सिसकारी उसके होंठो से फुट पड़ी ..उसने एक हाथ पीछे को ले जा कर मेरे बाल पकड़ लिए और उसका
शरीर फिर से काँपने लगा …………

मेरे लिए अभी तक अंजान रहा यह खेल , अब बड़ा ही रोचक होता जा रहा था …और मैं भी जल्द से जल्द इसके सारे पहलू समझने के लिए बे-ताब था ……..मैने आनी जीभ को काम पर लगा दिया …….और साथ ही साथ मेरे दोनो हाथ भी उसके शरीर के अलग अलग हिस्सो पर
घूमने लगे …….मुझे नही मालूम पड़ा कि कितनी देर तक में उसके हनी –पॉट को अपनी जीभ से चाट-ता रहा ….उसका रस बह कर
उसकी जाँघो के पिच्छले हिस्सो को भिगोने लगा था ……और कुछ तो बेड शीट तक आ गया था ……..

फिर मैं उठ कर बैठ गया ……उसके थोड़ा सा ऊपर आते हुए मैने अपने दोनो घुटनो को , उसके दोनो तरफ इस तरह अड्जस्ट किया कि उसकी चूत अब बिल्कुल मेरे सख़्त हो चुके लंड के सामने थी …….अपना एक हाथ मैने उसके पिच्छले हिस्से पर फिराया और शायद वो मेरा
इशारा समझ गयी ……..अपनी गान्ड को उसने थोड़ा सा पीछे की तरफ उठा दिया और इस पोज़िशन में उसकी चूत थोड़ा सा और खुल गयी ......……

मैने अपने सख़्त पड़ चुके लंड को उसके गुलाबी अंग पर टीकाया और एक हल्का सा झटका अपनी कमर को दिया…….उसके काम-रस में डूबी होने के कारण मुझे कुछ भी परेशानी नही हुई ……लंड का आगे का हिस्सा अंदर चला गया और एक अजीब सा रोमांच मुझे महसूस होने लगा …..मैने उसकी कमर और पिच्छले हिस्से हो अपने दोनो हाथो से थामा और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए …

हर धक्के से साथ उसके मुँह से अह्ह्ह्ह.. , ओह्ह्ह , आउच… की आवाज़ें निकल रही थी और मेरे अंदर गर्मी बढ़ती जा रही थी ……मैं पूरी तरह से उसके अंदर समा चुका था , और मेरे धक्के भी अब तेज़ और लंबे होते जा रहे थे ……

फिर मैने अपने आप को रोका और अपना लंड बाहर निकाल कर पीछे को हट गया…कुछ सेकेंड्स वो ऐसे ही लेटी रही …शायद मेरे अगले आक्षन की वेट कर रही थी …फिर वो पलटी और सीधी होकर लेट गयी ……उसने मेरी तरफ देखा और फिर अपनी बाहें मेरी तरफ फैला दी
……….मैने भी उसको निराश नही किया ……..मैं आगे बढ़ा और उसके दोनो पैरो के बीच में जगह बनाता हुआ, उसके ऊपर लद गया…….

अब हमारे जिस्म के सारे हिस्से , एक दूसरे से मिले हुए थे ……मैने अपने होंठ उसके होंठो पर टिका दिए और चूसने लगा……उसकी चूचियाँ , मेरे सीने के नीचे पीसने लगी और मेरा लंड उसकी चूत के छेद पर टक्कर मारने लगा……कुछ देर तक उसके होंठों का रस चूसने
के बाद मैं अपना सर और नीचे ले गया और उसके एक निपल को अपने मुँह में भर लिया……..उसके जिस्म के इस सबसे आकर्षक हिस्से
से यह मेरी पहली मुलाकात थी , और मैं पूरे मज़े ले ले कर उस से अपनी जान-पहचान बढ़ा रहा था ........…..

थोड़ी देर तक मेरे गाल और गर्दन को चूमने के बाद , वो अपना एक हाथ , हम दोनो के पेट के नीचे ले गयी और मेरे लंड को पकड़ कर फिर से उसको सही रास्ता दिखाने लगी …..मुझे सिर्फ़ अपनी कमर को एक झटका देना पड़ा और फिर से मैं उस तंग , गीले और गरम रास्ते पर
आगे बढ़ गया……..

फिर एक तूफान सा उस बिस्तर पर आ गया…….हम दोनो के जिस्म एक दूसरे में मानो समा जाने की कोशिश कर रहे थे…….मेरे होंठ कभी उसके होंठो को और कभी उसकी मस्त चूचियों को चूसने में लगे हुए थे …….उसके मुँह से अजीब अजीब सी आवाज़े निकल रही थी
…………उसने अपने हाथो को मेरी पीठ पर कसा हुआ था……मेरे हर धक्के का वो अपनी गान्ड को ऊपर उछाल कर पूरी तरह से जवाब दे रही थी ……….

बाहर सर्दी थी और अंदर हमारे जिस्म अब पसीने से नहा गये थे ……….फिर मुझे लगा कि अब मेरे अंदर बहुत देर से ठहरा हुआ बाँध टूटने ही वाला है ……मैने एक हाथ को उसकी कमर के नीचे लगाया और उसके जिस्म के निचले हिस्से को थोड़ा सा ऊपर उठा लिया ……और फिर मेरी कमर मानो मशीन बन गयी ……मैं ताबड-तोड़ धक्के लगाए जा रहा था …..कमरे में हमारी सांसो की , उसके मुँह से निकलने वाली अजीब सी सिसकारियों की और हमारे जिस्मो के टकराने से होने वाली छप छप की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थी …….फिर मेरा शरीर झटका खाने लगा ……..एक लंबी सी अहह…मेरे मुँह से निकली और मैं अपना सर उसकी छातियों के बीच रख कर , उसके ऊपर ढेर होता चला गया ………..उसने भी अपनी बाँहो को मेरी गर्दन के इर्द-गिर्द कस लिया …………….हमारे शरीर अब शांत होने लगे थे …………….

काफ़ी देर तक हम दोनो एक दूसरे को बाहों मे लिए हुए चूमते रहे ………उस रात जो जिस्मो का यह खेल शुरू हुआ तो फिर पूरी रात ही चलता रहा………मेरे लिए तो वैसे भी यह पहली बार ही था….और मैं जैसे अपनी जीवन भर की प्यास आज ही बुझा लेना चाहता था…..और
नेहा भी काफ़ी समय के बाद इस दौर से गुजर रही थी ………पूरी रात हम दोनो , अलग अलग तरीक़ो से एक दूसरे के जिस्मो को समझते
रहे ……….बार बार हम दोनो थक जाते थे …….और फिर से एक नये जोश के साथ एक दूसरे में उलझ जाते थे …….

नये साल की शुरुआत हो चुकी थी और साथ ही मेरे इस नये रिश्ते की भी ……….मुझे नही मालूम था कि इसका अंजाम क्या होने वाला है
…….पर मैने तय कर लिया था कि मैं इस को सही अंजाम तक ज़रूर पहुचाऊँगा …

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RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो - by desiaks - 07-25-2020, 01:49 PM

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