RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
रमन- रिंकी इसे छोड़, प्लीज इसे मत पकड़, बहुत दर्द होता है अह्ह्ह्ह….
रिंकी- नहीं छोड़ूंगा, बहुत हीरो बन रहे थे, अब बोलो, अब बोलो, दबा दूँ? चटनी बना दूँ इसकी? बताओ?
रमन- रिंकी देख छोड़, मैं माँ को बुला दूंगा वरना.
रिंकी- पहले सॉरी बोलो.
रमन- सॉरी, सॉरी, सॉरी, प्लीज अब छोड़ जल्दी.
(रिंकी रमन का लण्ड छोड़ देती है, रमन को गुस्सा आता है उसे बहुत दर्द हो रहा था, वो गुस्से में रिंकी को पकड़ता है और कस कर उसके हाथ उसके पीछे बांध देता है और उससे चिपक कर बेड में लेट जाता है, अब रिंकी की चूत के ठीक ऊपर रमन का खड़ा लण्ड झटके मार रहा था, रिंकी की डर से तेज साँसे रमन की साँसों से टकरा रही थीं, रमन की छाती से रिंकी की छाती दबी थी और रमन की छाती में रिंकी के निप्प्ल्स चुभ रहे थे)
रिंकी- भैया, छोडो प्लीज, अब नहीं करूंगी.
रमन- अब कैसे करेगी, अब तो तू मेरी जकड में जो है, ऐसे दबाते हैं नुन्नी को बता? क्यों दबाया इतनी तेज.
रिंकी- आपकी नुन्नी खड़ी थी, मुझे गुस्सा आ गया, आपने बोला था की वो बैठ जायेगी, तो मेने सोचा मैं पिचोड़ दूंगी तो क्या पता आपकी नुन्नी बैठ जाये.
रमन- तो पहले बताती, मैं तुझे पिचोड़ने को दे देता, अब पिछोड़ेगी क्या?
रिंकी- हाँ, पिछोडूँ क्या?
रमन- लेकिन जैसे मैं बताऊंगा वैसे पिछोड़ना, हलके हलके, ठीक है?
रिंकी- हाँ लेकिन अब मेरी कलाई छोडो, और मेरे ऊपर से हटो, कितने भारी हो आप.
(रमन अपनी बहन की नाजुक कलाई छोड़ देता है और अपना पैजामा उसके सामने खोल देता है, रमन का 6 इंच का खड़ा लण्ड देखकर रिंकी घबरा जाती है और शर्म से अपने मुह में हाथ रख लेती है और चौंक जाती है)
रिंकी- भैया ये तो नुन्ना है, कितना बड़ा नुन्ना है ये.
रमन- बहन आज तुझे एक बात बता रहा हूँ लेकिन तू प्रोमिस कर कि किसी को ये बात नहीं बताएगी.
रिंकी- प्रॉमिस भैया.
रमन- इसे नुन्नी या नुन्ना नहीं बोलते.
रिंकी- तो फिर क्या बोलते हैं भैया?
रमन- इसे लण्ड बोलते हैं, या लोडा भी बोल सकती है तू.
(रिंकी हंसने लगती है)
रिंकी- लण्ड, हा हा हा ये कैसा नाम है लण्ड…
रमन- धीरे बोल, वरना माँ आ जायेगी. चल तूने कहा था इसे पिछोड़ेगी, अब हलके हलके पिचोड़ इसे और आगे पीछे भी करना, जब मैं कहूँ तेज कर तो तेज करना, और जब मैं कहूँ धीरे तो आहिस्ता आहिस्ता हाथ चलना समझी?
रिंकी- समझ गयी भैया, पास आओ..
(और रिंकी रमन के लण्ड में अपने दोनों हाथ चलाती है और अपने भाई का मुठ मारने लगती है, रमन के आदेशानुसार रिंकी उसके लण्ड को पिछोड़ती है, आगे पीछे करती है)
रमन- अह्ह्ह्ह… बहन अह्ह्ह्ह…. उफ्फ्फ्फ तेरे हाथों में जादू है बहना, ऐसे ही तेज तेज कर जितनी तुझ पर जान है बहना, अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह….
थोड़ी देर बाद इसमें से बटर निकलेगा अह्ह्ह्ह्ह…
रिंकी- कौन सा बटर भैया, जो हम खाते हैं, अमूल का?
रमन- हा हा हा अह्ह्ह्ह… हाँ वो ही समझ ले, अह्ह्ह्ह… उसमे ताकत होती है, उसे फेकते नहीं है, उसे खाते हैं.
रिंकी- तो भैया मैं खा लुंगी बटर, आप चिंता मत करो, बटर बर्बाद नहीं होगा.
रमन- अगर तुझे खाना है तो ऐसा कर, मेरा लण्ड अपने मुह में डाल ले और वैसे ही आगे पीछे कर जैसे हाथ से कर रही थी, जल्दी, अह्ह्ह्ह…
रिंकी- ओके भैया.
(और रिंकी रमन का लण्ड अब मुह में डाल देती है और आगे पीछे करने लगती है. रमन का मजा सातवें आसमान में पहुच जाता है, एक *** साल की गोरी पतली, सेक्सी, हॉट, कामुक लड़की के मुह में रमन के लण्ड का मुत्थारोपन हो रहा था, रमन सिसकारी भरता है)
रमन- बहन, मक्खन आने वाला है, तेज तेज चूस बहन अह्ह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह गया, उम्म्म्म्म्म्म्म… बहन तू सही में रानी है, अह्ह्ह्ह… मैं आया बहन, मक्खन आया बहन, अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…
(और रमन सारा माल रिंकी के मुह के अंदर छोड़ देता है और रिंकी सारा माल पी जाती है, और फिर रमन रिंकी के होंठ पर अपने होंठ रख देता है और किस करने लगता है, दोनों भाई बहन किस करने में मशगूल हो जाते हैं, फिर किस करते करते रमन रिंकी का टॉप उतार देता है और अब रिंकी केवल नेकर और गुलाबी ब्रा में थी..
फिर रमन रिंकी का ब्रा भी उसके पतले, कच्ची जवानी वाले बदन से अलग कर देता है, और रिंकी के बूब्स जो अभी अभी जवान हुए थे उसके भाई के सामने नग्न थे और रिंकी ने शर्म से अपने बूब्स हाथों से ढक लिए, रमन ने रिंकी के हाथों को हटाया और रिंकी के अधपके गुठली वाले बूब्स अपने मुह में भर लिए और उन पर टूट पड़ा, निप्पल चूसने लगा, रिंकी सिसकारी भरने लगी)
रिंकी- भैया, मुझे अजीब सा फील हो रहा है, ऐसा क्यों हो रहा है भैया, अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है बहुत, ऐसे ही चूसो भैया, अह्ह्ह्ह… अह्ह्ह्ह्ह्ह… उईईईईई…. उम्म्म्म्म्म्म्म….. गयीईई… अह्ह्हह्ह्ह्ह भैयाआआह्ह्ह्ह…. चूसो और तेज चूसो, खा जाओ भैया अह्ह्ह…
(रिंकी अपने जीवन में पहली जवानी में पहली बार गरम हुयी थी और सेक्स चढ़ना स्वाभाविक बात थी, जलती जवानी की आग में रमन की *** साल की बहिन रिंकी की कामुकता से भरी सिसकारी पुरे घर में गूंजने लगी, रमन रिंकी के बूब्स खाये जा रहा था..
उसके बाद रमन रिंकी की नाभि और पेट को चाटने लगा, रिंकी मदहोशी में डूब गयी, वो दूसरी दुनिया में थी, उसे कुछ होश नहीं था, जवानी की आग में वो जल गयी, और इस आग में घी उसका अपना भाई रमन डाल रहा था, फिर रमन ने रिंकी का नेकर उसके बदन से अलग किया और उसकी जालीदार पेंटी भी अलग कर दी, अब रिंकी ऊपर से नीचे तक बिलकुल नंगी थी.
** साल का कसा हुआ पतला, गोरा जिस्म, पतली कमर, मोटी गोरी जांघें बहुत ही कामुक लग रही थी, अब रिंकी के शरीर में केवल उसकी टांगों में काले धागे बंधे थे, बाकि पूरा शरीर नंगा था. रिंकी सेक्स से पागल हुए जा रही थी..
रमन ने देखा कि रिंकी की चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा है, रिंकी की चूत में हलके हलके रेशमी बाल थे, छोटी सी फूली हुयी गुलाबी चूत बहुत ही टाइट और बिलकुल नयी लग रही थी, अब रमन ने चूत में जीभ फेरना शुरू किया तो रिंकी तो पागल ही हो गयी)
रिंकी- अह्ह्ह्हह….. शहह्ह्ह्ह्ह… उईईईईई….मम्मी मर गयी, ये क्या अह्ह्ह… कर रहे हो भैयाआआह्ह्ह्ह्ह्ह्…. ये जादू है अह्ह्ह्ह….. भैया मजा आह्ह्ह्ह… रहा अह्ह्ह.. है, ऐसे ही चाटो अह्ह्ह्ह…. उम्म्म्म्म….
(रमन जीभ से रिंकी की चूत चोद देता है और उसकी सील तोड़ देता है और रिंकी की चूत से खून निकलता है जो रमन के मुह में लग जाता है, रिंकी खून देखकर डर जाती है लेकिन रमन उसे इसके बारे में समझता है तो रिंकी शांत हो जाती है)
रमन- बहन आज तेरी सील टूट गयी, अब तू वर्जिन नहीं है बहन, तेरी चूत लण्ड लेने लायक हो गयी है.
रिंकी- अह्ह्ह्ह… भैया बहुत मजा आया, लण्ड लेने लायक मतलब? इसमें अब लण्ड डालेंगे, और मक्खन भी?
रमन- मक्खन नहीं बहन, सिर्फ लण्ड डालेंगे क्यों कि मक्खन से तुझे बच्चा हो जायेगा.
रिंकी- अच्छा मक्खन से बच्चा भी होता है क्या? मतलब आप और मैं मक्खन से हुए है?
रमन- हाँ बहन, पापा ने मक्खन माँ की चूत में डाला था तो हम दोनों हुए. चल अब मैं तेरी चूत में अपना लण्ड डालूँगा, पहले पहले दर्द होगा, बाद में तुझे बहुत मजा आयेगा, ठीक है बहना?
रिंकी- हाँ भैया डालो. जल्दी डालो, अह्ह्ह्ह…
(फिर रमन रिंकी की चूत में लण्ड सेट करता है और हल्के हल्के उसे अंदर डालने की कोशिश करता है, रिंकी की दर्द से चीख निकलती है लेकिन वो सहन करती है..
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