RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
ज्योति और मै दोनों नग्न अवस्था में ही थककर सो गए, रात के १०:३० बजे दोनों को गहरी निद्रा सो गये थे। तो हम दोनों बिना खाना खाए ही बेड पर निढाल हो गए। फिर देर रात तकरीबन ०१:०० बजे मेरी नींद खुली, तो मेरा लंड मुरझाया हुआ था।
और ज्योति दीदी करवट लिए सो रही थी, कुछ देर तक मै उनको घूरता हुआ उनकी पीठ और चूतड़ को सहलाता रहा। फिर ज्योति दीदी ने चित होकर आंखें खोली और वो बोली।
ज्योति दीदी – क्या कर रहे हो जानू, बहुत गर्मी लग रही है चलो स्नान करते है।
मैं ज्योति दीदी के स्तन को पुचकारते हुए बोला – हां चलो ना, साथ में स्नान करेंगे फिर खाना भी खाना है।
तो ज्योति मेरे साथ वाशरूम घुसी, फिर हम दोनों झरने के नीचे जमीन पर बैठ गए। झरने से पानी दोनों के बदन पर गिर कर बदन को गीला कर रहा था। ज्योति और मै दोनों आमने सामने अपने चूतड़ को जमीन पर रखकर आराम से बैठे हुए थे, तो ज्योति दीदी मेरे छाती को सहला रही थी और मै उसके मुलायम चूची को दबा रहा था।
दोनों का बदन पानी से भिंग गया तो मैंने झरने को बंद करके एक बॉडी शैंपू लिया, और फिर बैठकर ज्योति के गले से चूची तक शैंपू लगाने लग गया। वो मेरे छाती से कमर तक शैंपू लगाते हुए मेरे बदन की मालिश कर रही थी।
उसके चिकने बदन पर शैंपू लगाता हुआ, मैं उसके चूची को मसलने लग गया। तो वो अब मेरे जांघ से लंड को शैंपू से सराबोर करके, मेरे लंड को हाथ में लेकर धीरे धीरे हिलाने लग गई। लंड २ १/२ घंटे से आराम कर रहा था।
तो उसमें जान आने लग गयी और मैने अब ज्योति दीदी की बुर पर शैंपू लगाकर बुर को झाग युक्त कर दिया। दोनों के बदन का अगला हिस्सा झाग से ढका हुआ था, और वो मेरे लंड को पकड़ हिलाते हुए मस्त हो रही थी।
तो मै ज्योति दीदी की चूत में एक उंगली करके बुर को कुरेदने लग गया, शैंपू बुर के अंदर पेल रहा था ताकि बुर को अंदर से साफ कर सकूं। अब ज्योति दीदी मुझे मुड़ने को बोली तो मै पीछे की ओर घूम गया, और ज्योति मेरे पीठ से लेकर चूतड़ तक शैम्पूक से मालिश करने लग गई।
कुछ देर बाद मैने ज्योति को खड़ा होने बोला और अब वो खड़ी हो गयी, तो मै उसके पीछे खड़ा होकर उसके बदन की मालिश सहित शैंपू से सफाई करने लग गया। दोनों अब आमने सामने नग्न अवस्था में खड़े थे।
फिर मैंने झरने को खोला और अब दो जिस्म एक दूसरे से लिपटकर स्नान करने लग गये, मेरा लंड अब अर्ध रूप से खड़ा हो चुका था। तो मै ज्योति दीदी की चूतड़ को सहला रहा था और तभी ज्योति मेरे ओंठो को चूमने लग गई।
तो मै ज्योति की चूत में उंगली पेलकर बुर को कुरेदने लग गया, और ज्योति मेरे ओंठ को मुंह में लेकर चूसने लग गई। दोनों के बदन पे पानी गुजर रहा था, तो अब दो बदनो मे आग और ऊपर से पानी आ रहा था।
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