RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
ऐसे दोनों का स्नान हो रहा था, मैं तो ज्योति दीदी कि बुर को उंगली से चोदता हुआ मस्त था। मेरा लंड अब असली रूप में आने लग गया, कुछ देर के बाद दोनों एक दूसरे से अलग हुए। अब दोनों का बदन साफ हो चुका था, और फिर दोनों एक दूसरे के गीले बदन को तौलिए से साफ करने लगे।
अब दोनों नग्न अवस्था में ही कमरा में आए और फिर ज्योति किचेन से खाना लेकर आई। तो वहीं हम दोनों खा लिया और हाथ मुंह धोकर नग्न ही एक साथ सो गए।
कुछ देर के बाद दोनों गहरी निंद्रा में चले गए और सुबह ज्योति की नींद पहले खुली। लेकिन मै अभी तक सो रहा था, मेरी आंखें तब खुली जब मुझे अपने गाल पर चुम्बन का एहसास हुआ। मानो मै सपना देख रहा था, आंखें खुली तो ज्योति मेरे चेहरे के करीब बैठी हुई थी।
मेरा लंड खड़ा होकर मानो ज्योति दीदी को सलामी दे रहा था, तभी मै पास पड़े चादर से लंड को ढक लिया और उठकर बोला।
मैं – एक चाय बना दो ना।
ज्योति शायद स्नान ध्यान करके तैयार थी, फिर वो उठकर चली गई। तो मै वाशरूम जाकर फ्रेश हुआ और फिर अपने रूम में आकर बरमूडा पहन लिया। सुबह के ०९:०० बज रहे थे तो डायनिंग हाल में बैठकर मैं ज्योति दीदी के साथ चाय पीने लग गया, फिर ज्योति दीदी मुस्कुराते हुए बोली।
ज्योति दीदी – दिन में खाना क्या बनाऊ?
सतीश – मैं खाना बाहर से लेकर आ जाऊंगा।
ज्योति थोड़ा शरमाने लग गई और बोली – ओह मतलब दिन भर फुलटास आराम।
सतीश – जरूर।
और कुछ देर बाद घर में काम करने के लिए दाई आ गई, चाय पीने के बाद मै तैयार हुआ और मैंने ज्योति दीदी से पूछा।
मैं – मै बाज़ार जा रहा हूं, खाने का आर्डर कर दूंगा तो खाना दोपहर में घर पहुंचा देगा और आप भी कुछ मंगवाना है तो मुझे बता दो।
ज्योति – हां, कोई गर्भनिरोधक गोलियां ले लेना ताकि।
सतीश – ठीक है।
मै घर के पास वाले बाज़ार गया और फिर वहां के एक रेस्तरां में जाकर खाने का ऑर्डर किया। फिर थकावट दूर करने के लिए दो बोतल बियर खरीदी, लेकिन दवाई दुकान पर जाकर चुप चाप खड़ा हो गया।
चूंकि वहां दो तीन लोग और थे, इसलिए गर्भनिरोधक दवाई मांगने में मुझे शर्म आ रही थी। फिर एक स्टाफ मुझसे पूछा और वो बोला – हां भैया, क्या लेना है?
सतीश धीरे से बोला – वो गर्भनिरोधक गोली “टुडे” लेनी है।
फिर उसने मुझे दवाई का एक पैकेट दिया और मै एक पॉलीथिन बैग में बियर और पॉकेट में गोली रखे घर की ओर चल पड़ा। घर में दाई काम कर रही थी तो बियर का थैला छुपाकर अंदर करना था, ताकि उसकी नजर उस पर ना पड़े।
मै घर के अंदर दाखिल हुआ और सीधे अपने रूम जाकर थैला को टेबल पर रख दिया, अब बाहर निकला तो ज्योति अपने रूम में लेटी हुई थी। और दाई किचन में काम कर रही थी, अब मैं उसके जाने का इंतज़ार था।
मैं ज्योति दीदी को निहारता हुआ बोला – खाने का ऑर्डर कर दिया, १:३० बजे खाना पहुंच जायेगा।
ज्योति लेटे हुए बोली – लेकिन सतीश थकावट बहुत हो रही है।
सतीश – कोई बात नहीं, दाई को जाने दो तेरे बदन की मालिश कर दूंगा।
ज्योति – चुपकर साले तेरा मालिश सब समझती हूं, तू तो।
सतीश – चल फिर दूसरा उपाय भी है, बियर पी लेना।
फिर मै उसके रूम से बाहर निकला तो दाई किचन से बाहर निकलते हुए मुझे बोली।
दाई – भैया, आज शाम मैं नहीं आ सकती, मुझे कुछ काम है।
फिर वो चली गई तो मैने घर का दरवाजा बंद किया, और बियर को रेफ्रिजरेटर में रख कर अपने रूम में लेट गया। अब मेरा ध्यान ज्योति पर था, लेकिन मै उससे सटने वाला नहीं था। वो क्या करेगी मैं वो हि जानने वाला था।
तकरीबन आधे घंटे के बाद ज्योति मेरे रूम में आई, तो वो मेरे बेड पर बैठ कर बोली।
ज्योति – चल बियर पीते हैं।
तो मै उठा और दोनों डायनिंग हाल में आकर सोफ़ा पर बैठ गये, फिर मै बियर की एक बोतल टेबल पर रख कर किचन की ओर गया। फिर मै ग्लास लेकर आया तो मैंने देखा कि, ज्योति आसमानी रंग के फ्रॉक में खूबसरत दिख रही है।
उसके जांघ के कुछ हिस्से नग्न थे, और वो पैर पर पैर चढ़ाकर बैठी हुई थी। मै भी उसके पास में बैठा और फिर दोनों ग्लास में बियर डालने लग गया। ज्योति मेरी ओर खिंसक रही थी, तो मै उसके काफी करीब आ गया था।
अब दोनों के कंधा सटने लग गये और जांघें आपस में टकरा रही थी। फिर दोनों बियर पीने लगे, ज्योति के फ्रॉक का डीप गला चूची के कुछ भाग को प्रदर्शित कर रहा था। दोनों एक एक ग्लास बियर पीने के बाद एक दूसरे की जांघों को सहलाने लग गये, और ज्योति अब दूसरा ग्लास बियर पीते हुए मेरे बरमूडा के किनारे में से अपना हाथ अंदर घुसाने लग गयी। वो मेरे लंड को पकड़ कर बरमूडा के कोने से बाहर निकालने लग गयी, और धीरे धीरे उसे सहलाते हुए मस्त होने लग गयी।
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