RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
सही में जब से ज्योति चूत चुदाई करवाने लगी, तो उसकी बुर की खूबसूरती देखने लायक थी। मैं उसको चूमता हुआ उसकी बुर के छेद में एक उंगली पेल कर उसे रगड़ने लग गया।
मैं बुर के दोनों फांक को चूमकर मस्त हो रहा था, तो वो सिसकने लगी और बोली – अरे कुते, लंड में जंग लगा है क्या, उंगली पेल रहा है?
लेकिन मै ज्योति की बुर को चूम चूम कर मस्त हो रहा था और अब बुर की आग असहनीय थी। तो मैंने उंगली निकालकर अब बुर की फांकों को फैलाया, और मैं अपनी जीभ ज्योति की बुर को चाटने लग गया।
तो ज्योति अपने चूतड़ को उच्काने लगी, वो सिसक लेते हुए बोली – उई मां, इतनी खुजली ही रही है चोद ना सतीश।
लेकिन मै बुर के अंदर जीभ लपालप करता हुआ उसके पानी पीने को तरस रहा था। ज्योति दीदी की चूत की पानी का स्वाद नमकीन था, तो अब मेरा लंड पूरी तरह से गुफा में जाने को तरस रहा था।
तभी मै ज्योति की चिकनी और गद्देदार चूत को मुंह में भर कर चूसने लग गया, और वो तड़पते हुए बोली – अब अब नहीं, प्लीज़ छोड़ दो आह बुर का पानी।
फिर मैं बुर का रस को पीकर मस्त हो उठा। घर में सिर्फ हाम दोनो हि थे और ज्योति को मैने एक हफ्ते से नहीं चोदा था। और साथ ही एक शर्त भी मैं जीत चुका था।
अब ज्योति वाशरूम चली गई तो मै उसका इंतजार करने लग गया। ज्योति के गोल गोल स्तन, पतली कमर और गोल गुंबदाकार गान्ड किसी को सम्मोहित करने के लिए काफी थी।
वो बेड पर आकर लेटी तो मैने उसको कोहनी और घुटने के बल कर दिया। अब स्कर्ट कमर पर था तो उसकी गान्ड देख मुंह में पानी आ गया, । खैर अब तक उसकी गान्ड को चोदने का मुझे मौका नहीं मिला था।
तो मै अब घुटने के बल होकर लंड को बुर में घुसाने लग गया। सुपाड़ा सहित १/२ लंड आराम से बुर में चला गया और मै उसकी कमर को कसकर पकड़े एक जोर का धक्के से लुंड को उसकी बुर में डालने लग गया।
ज्योति – बाप रे, बुर का भर्ता बना देगा क्या?
मै चोदता हुआ बोला – चूपकर साली कुती एक तो पेंटी और ब्रा के बहाने बुर दिखाने आ गई और शर्त हार कर भी बोलती है।
ज्योति – बुर में आग लगी हुई है जानू, वो तो एक बहाना था लेकिन तुम भी तो मेरा ब्रा और पैंटी लेकर आए थे।
अब उसकी गीली चूत में मेरा लंड पूरे गति से चुदाई कर रहा था, यकीन ही नहीं हो रहा था कि इस चूत को मैंने पहले भी चोदा है। और ज्योति अब पीछे की ओर देखते हुए अपने चूतड़ की हिलाने लगी। सही में दोनों काफी मजे ले रहे थे और वो बुर की गर्मी से राहत चाहती थी।
ज्योति – अब रहम करो बे चोदु।
मै- दम मार जल्दी ही माल झाड़ूगा।
बुर की आग में मेरा लंड तेज गति से चुदाई कर रहा था, फिर लंड का दम घुटने लगा तो मेरा लंड ज्योति की चूत में वीर्य झाडने लग गया। फिर दोनों अलग हुए और फ्रेश होकर कपड़ा पहन आराम करने लगे।
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