MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 01:24 PM,
#67
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
60


मेरे दरवाजा खोलते ही वो कमरे के अंदर आकर बेड पर बैठ गयी. अभी वो वाइट टॉप और ब्लॅक स्कर्ट पहनी थी. उसे इन कपड़ों मे देखते ही मुझे कीर्ति की याद आ गयी, और मेरा मन उदास हो गया.

मैं अभी भी दरवाजे के पास ही खड़ा था. मुझे दरवाजे के पास खड़ा देख कर, निक्की मुस्कुराइ और मुझे आँख मारते हुए कहने लगी.

निक्की बोली "आप घबराईए नही, मैं प्रिया की तरह कुछ भी नही करूगी. मैं तो बस आपके साथ चाय पीने के लिए बैठ गयी हूँ. यदि आप कहेगे तो चली जाउन्गी."

मेरा मन अभी भी निक्की से बात करने का नही था. मैं उसको उसकी ग़लती के लिए माफ़ तो कर चुका था. मगर उसकी ग़लती को दिल से नही निकाल पाया था. उसे देखते ही मुझे, उसकी ग़लती याद आ जाती, और मेरे मन मे उसके लिए गुस्सा भर जाता था.

यदि मैं उसकी इस एक ग़लती को भूल जाता तो, मेरे लिए वहाँ पर उस से बढ़ कर दोस्त कोई दूसरा नही था. लेकिन चाह कर भी मैं, ऐसा नही कर पा रहा था. जिसकी वजह से मुझे उसकी हर अच्छी बात भी बुरी लग रही थी.

जैसे कि अभी मुझे निक्की को इन कपड़ो मे देख कर, बहुत ज़ोर से चिड छूट रही थी. एक तो वो कीर्ति की हमशक्ल थी. उपर से अब वो बिल्कुल उसी की तरह के कपड़े पहन कर मेरे सामने बैठी थी. जिस से मुझे और भी ज़्यादा कीर्ति की याद आने लगी थी. मुझे बार बार अपनी ग़लती का अहसास हो रहा था कि, मैने वेवजह कीर्ति के उपर गुस्सा कर दिया है. इस बात की वजह से, अब मेरी चाय की तलब भी ख़तम हो चुकी थी.

मैं निक्की की बात सुनकर, दरवाजे के पास से हट कर, उसके सामने रखी हुई चेयर पर बैठ गया. लेकिन जब निक्की ने मुझे चाय दी. तब मैने चाय पीने से मना कर दिया. मैने उस से कहा.

मैं बोला "आप चाय पीजिए. मेरा चाय पीने का ज़रा भी मन नही है."

निक्की बोली "लेकिन मेहुल बोल रहा था कि, आपको सोकर उठते ही चाय पीने की आदत है. तभी तो मैं आपके उठते ही चाय लेकर आई हूँ."

मैं बोला "आप मेहुल की बात मे मत आइए. उसका क्या है. वो तो कुछ भी बोलता रहता है. मुझे सच मे चाय नही पीनी."

निक्की बोली "ओके यदि आप चाय नही पिएगे तो, फिर मैं भी चाय नही पियुगी. अब अच्छा यही है कि, आप चाय पी लीजिए."

ये कहते हुए निक्की ने चाय का कप मेरी तरफ बढ़ा दिया. मैने बेमन से चुप चाप चाय ले ली और पीने लगा. तभी मेरे दिमाग़ मे बात आई कि, निक्की को कैसे मालूम पड़ा कि, मैं सोकर उठ गया हूँ. यही बात जानने के लिए मैने निक्की से कहा.

मैं बोला "आपको कैसे पता चला कि, मैं जाग गया हूँ."

निक्की बोली "अभी कुछ देर पहले मैं ये देखने आई थी कि, आप जाग गये है या नही. तभी मैने आपको किसी पर गुस्सा होते सुना. शायद आप फोन पर किसी को डाँट रहे थे. आपकी आवाज़ सुनकर मैं समझ गयी कि, आप जाग चुके है, और मैं वापस चाय लेने चली गयी."

मैं पापा और बाकी लोगों के बारे मे जानना चाहता था कि, इस वक्त कौन कहाँ है. लेकिन निक्की के साथ अपनी बात का सिलसिला बढ़ाना नही चाहता था. इसलिए मैने फिर कुछ नही कहा और चुप चाप चाय पीता रहा. मुझे कोई बात ना करते देख कर, निक्की ने खुद ही बात को आगे बढ़ाते हुए कहा.

निक्की बोली "आप सोच रहे होंगे कि, ये लड़की सुबह से शाम तक मेरे पिछे ही पड़ी रहती है. लेकिन ऐसी बात नही है. इस वक्त घर मे आपके, मेरे और आंटी के सिवा कोई नही है. इसलिए मुझे चाय लेकर आना पड़ा."

मैं बोला "क्यों प्रिया और रिया कहाँ है. क्या वो हॉस्पिटल मे है."

निक्की बोली "नही वो लोग दोपहर तक हॉस्पिटल मे थी. लेकिन उसके बाद वो लोग हॉस्पिटल से ही आपके पापा को, मुंबई घुमाने चली गयी. अभी हॉस्पिटल मे मेहुल और राज है."

पापा के बारे मे सुनते ही मैने मन मे सोचा कि, मेरा बाप कितना बड़ा कमीना है. सारी मुंबई घुमा हुआ है. फिर भी कम उमर की लड़कियाँ देखते ही, मुंबई घूमने का शौक चढ़ गया. अपना ध्यान अपने पापा की तरफ से हटाने के लिए मैने निक्की से पुछा.

मैं बोला "दादा जी कहाँ है."

निक्की बोली "दादा जी तो अपने दोस्तों के साथ, ईव्निंग वॉक पर निकल गये है. अब वो 7 बजे ही लौटेगे."

मैं बोला "क्या आप सब की स्कूल की छुट्टियाँ चल रही. मैने अभी तक आप लोगों को स्कूल जाते नही देखा है."

निक्की बोली "हाँ अभी छुट्टियाँ चल रही है. इसी वजह से मैं यहाँ आई हूँ. जब छुट्टियाँ नही रहती. तब मैं हॉस्टिल मे ही रहती हूँ."

अभी हमारी बात चल ही रही थी. हमारी चाय भी अभी ख़तम नही हुई थी. तभी प्रिया दौड़ते हुए आई और निक्की से कहने लगी.

प्रिया बोली "तू यहाँ आराम से बैठ कर चाय पी रही है. मैं तुझे सारे घर मे ढूढ़ रही हूँ. जल्दी से उठ, मुझे तुझको एक ज़रूरी चीज़ दिखाना है."

निक्की बोली "ऐसी कौन सी चीज़ है. जिसको दिखाने के लिए तू इतनी उतावली है. मुझे चाय तो पी लेने दे."

मगर प्रिया उसकी कोई बात सुनने को तैयार नही थी. उसने उसके हाथ से चाय का कप लेकर टेबल पर रखा, और उसे ज़बरदस्ती उठाने लगी. उस समय ना जाने मुझे क्या हुआ. मैने प्रिया का हाथ पकड़ लिया और बड़े ही रूखे पन से, उस से कहा.

मैं बोला "रूको, तुम्हे जो दिखाना है, बाद मे दिखा लेना. पहले इसे अपनी चाय ख़तम कर लेने दो. फिर तुम इसे जहाँ ले जाना चाहो ले जाना."

मेरी इस बात को सुन कर प्रिया ही नही बल्कि निक्की भी चौक गयी. दोनो को मुझसे ऐसी उम्मीद नही थी. प्रिया ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर निक्की का हाथ छोड़ कर गुस्से मे बाहर निकल गयी. उसके जाने के बाद मुझे अहसास हुआ कि, मैने क्या कर दिया.

अपनी ग़लती का अहसास होते ही, मैं चुप चाप चाय पीने लगा. निक्की ने भी अपना चाय का कप उठाया और चाय पीने लगी. लेकिन अब वो मुझे बड़े गौर से देख रही थी. शायद वो मेरी इस हरकत को समझने की कोसिस कर रही थी. जब उसके कुछ समझ मे नही आया तो, वो मुझसे पुच्छ बैठी.

निक्की बोली "आपने ऐसा क्यों किया. प्रिया को बुरा लग गया होगा."

अब मैं निक्की से कैसे कहता कि, ये सब मुझसे कीर्ति के धोके मे हो गया. मुझे लग रहा था कि, वो कीर्ति को ज़बरदस्ती पकड़ कर ले जा रही है. इसी गुस्से मे मैने प्रिया को ये सब बोल दिया. अब ये बात मैं निक्की से तो बोल नही सकता था. इसलिए मैने उस से कहा.

मैं बोला "मुझे प्रिया का यू ज़बरदस्ती करना अच्छा नही लगा. वो आपके चाय पी लेने का इंतजार भी तो कर सकती थी."

निक्की बोली "नही, ऐसी बात नही है. यदि ये ही बात होती तो, आप उस पर इस तरहा गुस्सा नही होते. आप उसे ये बात प्यार से भी बोल सकते थे. मुझे लग रहा है कि, आपने उसे किसी और वजह से डाँट दिया है."

मैं बोला "नही, जो मैं कह रहा हूँ, वही वजह है. इसके सिवा और क्या वजह हो सकती है."

निक्की बोली "मुझे आपकी बातों से ऐसा लगा. जैसे आपने मुझसे कीर्ति समझ कर उसे डाँट दिया है. आपको लग रहा था कि, वो कीर्ति के साथ जबरदती कर रही है. तभी आपने उस से ये कहा कि, पहले इसे अपनी चाय ख़तम कर लेने दो. फिर तुम इसे जहाँ ले जाना चाहो ले जाना. यदि आप मेरे बारे मे ये बात बोलते तो, आपने उस से कहा होता कि, पहले इन्हे अपनी चाय ख़तम कर लेने दो. फिर तुम इन्हे जहाँ ले जाना चाहो ले जाना.

मैं बोला "नही, ऐसी कोई बात नही है. मेरे मूह से गुस्से मे, आपके लिए, इन्हे की जगह, इसे निकल गया. अब गुस्से मे तो किसी की ज़ुबान पर काबू नही रहता. आप भी तो गुस्से मे मुझे, आप की जगह तुम कह रही थी."

निक्की बोली "ओके गुस्से मे कभी कभी ऐसा हो जाता है. आप प्रिया की चिंता मत कीजिए. मैं उसको समझा लुगी. अब मैं चलती हूँ. नही तो आपके साथ साथ वो मेरे उपर भी नाराज़ हो जाएगी."

ये कह कर निक्की ने चाय की ट्रे उठाई और कमरे से बाहर निकल गयी. उसके जाते ही मैने दरवाजा बंद किया और वापस बेड पर आकर लेट गया. मैने टाइम देखा तो अभी सिर्फ़ 5:45 ही हुआ था. मैने मोबाइल उठाया और कीर्ति को कॉल लगाया. लेकिन अभी भी उसका मोबाइल बंद था.

मुझे घर मे बात किए हुए. एक घंटे से उपर हो गया था. तब से लेकर अब तक कीर्ति का मोबाइल बंद रहना. मेरी समझ के बाहर था. जब उसका मोबाइल 6 बजे तक चालू नही हुआ. तब मैने फिर से आंटी के मोबाइल पर कॉल लगाया. आंटी ने कॉल उठाया तो मैने कहा.

मैं बोला "आंटी निमी जागी या नही."

आंटी बोली "नही, अभी वो सो ही रही है. तू परेशान मत हो. वो जैसे ही जागेगी. मैं तेरी उस से बात करा दुगी."

मैं बोला "कीर्ति कहाँ है."

आंटी बोली "उसे कोई ज़रूरी काम था. इसलिए वो अपने घर गयी है."

मैं बोला "उसे अचानक ऐसा क्या काम आ गया. जो वो निमी की बीमारी की हालत मे भी घर चली गयी.."

आंटी बोली "वो कुछ बता कर नही गयी. वो जाती समय बस इतना बोल कर गयी है कि, उसे घर मे कोई ज़रूरी काम है."

इसके बाद मेरी आंटी से, अंकल की तबीयत के बारे मे थोड़ी बहुत बात हुई. जिसके बाद मैने फोन रख दिया. मेरा मन आंटी से, कीर्ति के मोबाइल बंद रहने की बात, पूछने का भी कर रहा था. लेकिन फिर मुझे ये सब आंटी से पूछना अच्छा नही लगा.

पहले तो मुझे कीर्ति के मोबाइल बंद रहने की बात समझ मे नही आ रही थी. अब एक दूसरी बात भी पैदा हो गयी थी. जिसने मुझे चिंता मे डाल दिया था. कीर्ति का अचानक इस तरह घर चले जाने से, मेरे मन मे ये बात भी आ रही थी कि, कीर्ति मुझसे गुस्सा होकर तो, घर नही चली गयी. लेकिन मुझे उस पर पूरा विस्वास था. वो मुझसे गुस्सा तो हो सकती है. मगर निमी को ऐसी हालत मे छोड़ कर नही जा सकती है. फिर उसके अचानक इस तरह से घर जाने की क्या वजह रही होगी.

मैं अभी इन्ही सब बातों मे खोया हुआ था. तभी किसी ने मेरा दरवाजा खटखटा दिया. मैने दरवाजा खोला तो, सामने प्रिया थी. उसका चेहरा कुछ बुझा सा लग रहा था. उसके उतरे हुए चेहरे को देख कर, मुझे अपनी ग़लती का अहसास हो रहा था. इसलिए मैं इतने तनाव मे होने के बाद भी उसे देख कर मुस्कुरा दिया. लेकिन उस पर मेरी इस मुस्कुराहट का कोई असर नही हुआ. उसने बड़े ही उदासी भरे शब्दों मे मुझसे पुछा.

प्रिया बोली "क्या मैं अंदर आ सकती हूँ."

मैने हंसते हुए कहा "हाँ आ सकती हो. तुम्हे अंदर आने के लिए पुच्छने की ज़रूरत कब से पड़ने लगी."

मगर वो उदासी भरे मे स्वर मे बोली "मैं जानती हूँ, तुम ये बात मुझे ताने मारने के लिए कह रहे हो. मैं बिना पुच्छे ही, जब चाहे तुम्हारे कमरे मे घुस आती हूँ. जिस से तुम्हे परेशानी होती है. इसलिए तुमने अभी निक्की के सामने मुझे गुस्सा भी किया था."

मुझे अपनी ग़लती की वजह से उसका यू उदास रहना अच्छा नही लग रहा था. इसलिए मैने उसकी इस बात का जबाब भी हंसते हुए ही दिया.

मैं बोला "मुझे कभी भी तुम्हारे आने जाने से, कोई परेशानी नही होती है. तुम्हारे मन मे ये सब बेकार की बातें आई कैसे."

प्रिया बोली "निक्की ने कहा है. वो बता रही थी कि, सुबह भी मैने तुमको परेशान किया था. अभी भी तुम उस से अंकल की तबीयत को लेकर बात कर रहे थे. ऐसे मे मैं बिना ये जाने कि, तुम लोगों के बीच क्या बात चल रही है. निक्की को ले जाने लगी. जिस की वजह से तुमने मुझ पर गुस्सा कर दिया था."

मैं समझ गया कि निक्की ने उसको ये सब बात समझाई है. मगर मुझे उस समय सच मे अपने बर्ताव पर पछ्तावा हो रहा था. मैं उसके मन से इस बात को निकालना चाहता था. मैने उस से पुछा.

मैं बोला "क्या तुम्हे मेरा गुस्सा करना बहुत ज़्यादा बुरा लगा."

प्रिया बोली "बुरा क्यों नही लगेगा. आज तक मुझसे किसी ने ऐसे बात नही की है. तुम खुद याद करो. तुमने मुझे कितनी बुरी तरह से झिड़का था."

मैं बोला "मुझे कुछ याद करने की ज़रूरत नही है. मैने जो किया मुझे सब याद है. मुझे अपने बर्ताव का पछ्तावा भी बहुत है. अब तुम बोलो मैं ऐसा क्या करूँ. जिस से तुम्हारे मन से ये बात निकल जाए. कान पकड़ कर सॉरी बोलूं या फिर कुछ और करूँ."

प्रिया बोली "सॉरी तो मैं बोलने आई हूँ. अब मैं आज के बाद तुमको परेशान करने, तुम्हारे कमरे मे नही आउन्गी."

मैं बोला "लगता है तुमने, अभी तक मुझे माफ़ नही किया है. अगर ऐसी बात है तो, मैं आज ही तुम्हारे घर से चला जाउन्गा."

प्रिया बोली "अजीब आदमी हो. जब मैं तुम्हारे कमरे मे आती हूँ. तब तुम्हे परेशानी होती है. जब मैं तुम्हारे कमरे मे नही आ रही हूँ. तब भी तुम्हे परेशानी हो रही है."

मैं बोला "मैं ऐसा ही हूँ. अब एक सच बात सुनो. तुम जब चाहे, जैसे चाहे मेरे कमरे मे आ सकती हो. मुझे तुम्हारे आने से कोई परेशानी नही है."

प्रिया बोली "जैसे से तुम्हारा क्या मतलब है. कहीं तुम सुबह वाली बात तो नही कर रहे हो."

मैं बोला "हाँ मैं सुबह वाली ही बात कर रहा हूँ. लेकिन सुबह क्या हुआ था. मुझे कुछ याद नही है. क्या तुम्हे कुछ याद है."

मेरी बात सुनकर प्रिया के चेहरे की उदासी भाग गयी. वो शर्मा गयी और कहने लगी.

प्रिया बोली "मुझे नही मालूम सुबह क्या हुआ था. मैं तो नींद मे थी."

मैं बोला "निक्की को मालूम है. चलो हम उस से चल कर पुछ्ते है."

प्रिया बोली "तुमको शरम नही आती. ऐसी बात निक्की से करोगे. वो क्या सोचेगी."

मैं बोला "सुबह क्या हुआ था. ये ना तो तुम्हे मालूम है और ना मुझे मालूम है. ये बात सिर्फ़ निक्की को मालूम है. अब यदि हम ये बात उस से पुछ्ते है तो, इसमे शरम की क्या बात हो गयी. क्या सुबह कोई शरम वाली बात हुई थी."

प्रिया बोली "ज़्यादा मत बनो. सुबह क्या हुआ था. मुझे निक्की ने सब बता दिया है."

मैं बोला "नही, मुझे सच मे कुछ नही मालूम. अब तुम्हे निक्की से पता चल गया है तो, तुम मुझे भी बता दो, सुबह क्या हुआ था."

प्रिया बोली "तुमको ये अचानक क्या हो गया. तुम्हे मुझसे ऐसी बात करते हुए शरम आनी चाहिए. मैं तो तुमको बहुत सीधा समझी थी."

मैं बोला "अच्छा, मुझे ये बात करने मे शरम आना चाहिए. फिर कल तुम्हे, मुझसे ऐसी बात करते हुए शरम क्यों नही आई. क्या तब मैं तुम्हे सीधा नही लग रहा था."
Reply


Messages In This Thread
RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 01:24 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,573,887 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,645 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,264,172 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,889 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,695,197 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,115,839 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,011,869 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,260,576 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,103,492 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,881 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)