Kamukta kahani अनौखा जाल
09-12-2020, 01:07 PM,
#47
RE: Kamukta kahani अनौखा जाल
भाग ४४)

सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही चाची की नींद खुली.

खिड़की से आती सुनहरी धूप का कुछ हिस्सा बिस्तर के थोड़े से भाग के साथ साथ उनके चेहरे पर भी आ रही थी.

पहले तो हाथ उठा कर अपने आँखों पर रख कुछ और देर सोयी रही ... फ़िर जब मन नहीं माना तो उठने का निर्णय कर ही ली.

अंगड़ाईयाँ लेते हुए करवट बदली ...

इसी के साथ उनकी नज़र पड़ी उनके ठीक बगल में लेटा, दुनिया जहाँ से बेख़बर बेसुध सा सोता अभय यानि मुझ पर..!

चेहरा उन्हीं की ओर कर पेट के बल लेटा हुआ था ..

निश्चित ही उन्हें उस समय मेरा चेहरा बहुत भाया होगा.. तभी तो बरबस ही अपना एक हाथ मेरे बाएँ गाल पर रख कर सहला दी...

बहुत देर तक मुझे देखते हुए मंद मंद मुस्कराता उनका चेहरा इस बात की तस्दीक कर रहा था कि निश्चय ही उनके मन में प्यार की उमंगें नई तारतम्यता के साथ अंदर ही अंदर नए नए हिल्लोरें मारे जा रहा है.

एकाएक ही उन्हें एक बात का अहसास हुआ.

और वो यह कि,

वह समय मेरे साथ पलंग पर बिल्कुल नंगी हैं..!!

मैं भी....

पूर्ण निर्वस्त्र....

हमारे कपड़े पलंग पर तो क्या... कदाचित उस कमरे में ही नहीं होंगे..!

अपनी नग्नता का अनुभव होते ही चाची स्वयं को ढकने के लिए आस पास चादर ढूँढने लगी.

चादर मेरे शरीर के नीचे ही दबा पड़ा था.

खींच कर अपने तरफ़ करने की व्यर्थ प्रयास जब उनकी सफ़ल न हुई तब चादर के थोड़े से हिस्से को इतना ही खींची की उस हिस्से से किसी तरह अपने जांघों के बीच शोभायमान यौनांग... अर्थात अपनी योनि के ऊपर किसी तरह रखते हुए ढक ली.

उसके बाद फ़िर थोड़ी देर तक मुझे देखती रही.

फ़िर,

खुद ही को घसीट कर मेरे और करीब आ गई.

अपना एक हाथ मेरे गाल पर रखी.. जब मेरी ओर से कोई हरकत नहीं हुई तो ... और भी बड़े ध्यान से देखी...

उनकी मुस्कराहट और भी बड़ी हो गई.

अपने हथेलियों के नर्म स्पर्शों से मेरे पीठ को सहलाने लगी और कंधे पर दो किस दे बैठी.

पीठ पर रेंगती हथेली को आहिस्ते से बिस्तर और मेरे कमर के बीच बन रहे थोड़े से गैप में घुसा दी और धीरे धीरे मेरे यौनांग की ओर अग्रसर होने लगी.

जब उनकी अँगुलियों के पोर मेरे ट्रिम किए झांटो के आस पास पहुँचे तब एक हल्की सी गुदगुदी हुई मुझे और मैंने तनिक इस तरह करवट लिया कि वो गैप और बड़ी हो गई.

चाची को और आसानी हुई ...

बड़े आराम से हथेली और आगे सरक गई.

और तभी,

उनकी आँखें आश्चर्य से बड़ी बड़ी हो गई.. चेहरे पर शर्मो ह्या की लालिमा छा गई.

सुबह सुबह किस मर्द का जननांग अपने बुलंदी के शिखर पर नहीं होता...

यही हुआ था मेरे साथ भी...

मैं भले ही थका हारा, दुनिया से बेख़बर... सुध बुध खोया सो रहा था... पर मेरा छोटा अभय तो कब का जाग गया था.

और जागा भी था तो इतना सख्ती से कि चाची की हथेली उसे अपने गिरफ़्त में लेते ही एक अलग सा रोमांच महसूस करने लगी.

छन छन से चूड़ियों को बजाते हुए उनकी हथेली मेरे छोटे अभय के सिर से लेकर नीचे तक ऊपर नीचे होने लगी.

थोड़े ही देर बाद,

स्पष्ट अनुभव किया की उनकी हथेली एक भिन्न व विशिष्ट तरीके से मेरे जननांग से खिलवाड़ कर रही है जोकि इस बात का द्योतक है.... की चाची अब पूर्णरूपेण रोमांचित हो चुकी हैं और निश्चित ही एकबार पुनः प्रेम युक्त वासना से परिपूर्ण संसर्ग हेतु स्वयं को तैयार कर चुकी हैं.

अब तक मैं भी पीठ के बल सीधा लेट चुका था ..

चाची खुद को अपने जगह से उठा कर मेरे से बिल्कुल सट कर लेट गई और साथ ही खुद को थोड़ा ऊपर उठाते हुए अपने बाएँ वक्ष को कुछ इस तरह मेरे मुँह पर रख दी जिससे की तनिक सख्त हो चुका उनका निप्पल सीधे मेरे होंठों के अंदर प्रविष्ट कर गया...

उनके हथेली का भी ऊपर नीचे होने की गति काफ़ी बढ़ चुकी है...

मेरे से और रहा नहीं गया ...

और अपने दोनों बाहें फैला कर उन्हें कस कर बाँहों में लेते हुए अपने चेहरे को उनकी दो सुडौल, पुष्ट स्तनों के मध्य दबा दिया;

ये सोचते हुए कि ..

किसी ने सत्य ही कहा है,

“औरत को ताज चाहिए न तख़्त....

सिर्फ़ एक लंड चाहिए सख्त!”

-----------

उसी दिन... सुबह १० बजे के अखबार में मुखपृष्ट के एक कोने में छपी एक ख़बर पर मेरी नज़र टिक गई.

मनोरंजन सिनेमा हॉल के पीछे वाली गली में मौजूद एक शराब का ठेका जो विगत कई वर्षों से फल फूल रहा है, वहाँ उसके सामने परसों रात जो लाश मिली थी उसकी अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई है.

सूत्रों के अनुसार,

‘ये हत्या शराब के नशे में की गई हो सकती है.. पैसे के लेन-देन या किसी तरह की कोई उधार चुकता न होने के कारण ऐसे मामले पिछले कई दिनों से बढ़ गए हैं. वैसे, संभावना ये भी जताई जा रही है कि मृत व्यक्ति कदाचित पुलिस की मुखबिरी के कारण मारा गया हो सकता है. पुलिस फ़िलहाल कुछ भी कहने से इंकार कर रही है और पूछे जाने पर सिर्फ़ इतना ही भरोसा दिया जा रहा है की अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.’

इस ख़बर के ऊपर ही उस मृत व्यक्ति का फ़ोटो भी छपा था..

मैं फ़ोटो को गौर से देख कर उसे पहचानने की कोशिश करने लगा..

और,

इधर चाची रसोई घर से मुझे गौर से देख रही थी....

क्रमशः

***********************
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta kahani अनौखा जाल - by desiaks - 09-12-2020, 01:07 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,507,367 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,055 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,234,333 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 933,261 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,657,272 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,083,862 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,956,179 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,073,159 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,038,574 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,456 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)