RE: DesiMasalaBoard साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन
सुनील की बात सुनकर सुनीता ने थोड़ी देर अपने पति की और कुछ संकोच और कुछ हिचकिचाहट से देखा। सुनील ने अपनी पत्नी के हाथ दबा कर उसे विश्वास दिलाया की चिंता की कोई बात नहीं थी। तो सुनील की पत्नी सुनीता को कुछ संतुष्टि हुई और वह वापस कर्नल साहब के बगल में अपनी कुर्सी पर आ कर बैठ गयी।
कर्नल साहब ने देखा की सुनीता के चेहरे पर कुछ उलझन थी तो उन्होंने पूछा, "क्या बात है, सुनीता? आप कुछ परेशान लग रही हो? कहीं आप को मेरे साथ बैठने में कोई आपत्ति तो नहीं? अगर ऐसा है तो मैं अपनी सीट चेंज कर देता हूँ।"
सुनीता ने कर्नल साहब का हाथ पकड़ कर बोला, "नहीं जस्सूजी ऐसी कोई बात नहीं। बल्कि मैं आपके साथ ही बैठना चाहती हूँ।" फिर सुनीता ने सोचा की कहीं कर्नल साहब उसकी बात का गलत मतलब ना निकाले इस लिए वह ज्योति सुन सके ऐसे बोली, "क्यूंकि, मैं पिक्चर की अंग्रेजी की बोली अच्छी तरह से नहीं समझ पाती इस लिए जब भी जरुरत होगी मैं आपसे पूछूँगी। आप दोनों मुझे समझाना।" कर्नल साहब ने सुनीता का हाथ पकड़ कर उसे दिलासा दिलाया की वह जरूर सुनीता को सारे डॉयलोग समझायेंगे।
परदे पर पिक्चर शुरू हो चुकी थी। कहानी कुछ ऐसी थी। एक युवा और युवती समंदर में "सी सर्फिंग" (समंदर की सतह पर समंदर की ऊँची ऊँची मौजों पर सपाट लकड़ी के फट्टे पर खड़े होकर या लेट कर फिसलना) कर रहे थे। उस समय वह दोनों के अलावा वहां और कोई नहीं था। दोनों ही अपनी धुन में मस्त सर्फिंग कर रहे थे की अचानक लड़की लकड़ी के फट्टे से गिर पड़ी और एक पत्थर से उसकी टक्कर होने के कारण बेहोश हो गयी।
वह युवक ने लड़की को पानी से निकाल कर समंदर के किनारे लिटाया और लड़की के भरे हुए उभरे स्तनोँ पर अपने दोनों हाथों की हथेलियां रख कर उन्हें जोर से दबाकर लड़की के पेट में से पानी निकालने के लिए और उसकी साँस फिर से चालु हो इस लिए बार बार धक्के मार कर लड़की को होश में लाने की कोशिश करने लगा।
जब लड़की के मुंह से काफी पानी निकल गया और वह होशमें आयी और उसकी आँख खुली तो उसने लड़के को देखा। वह समझ गयी की लड़के ने उसकी जान बचाई थी। वह बैठ गयी और लड़के को अपनी बाहों में लेकर उससे लिपट गयी और लड़के के मुंह से अपना मुंह चिपका कर उसने लड़के को एक गहरा चुम्बन दे डाला।
धीरे धीरे दोनों एक दूसरे की और आकर्षित हुए। उस दिन के बाद दोनों फिर साथ में ही सर्फिंग करने लगे। एक बार वह लड़की जब समंदर से निकल कर अपना ड्रेस बदल रही थी तब उसने थोड़ी दूर खड़े हुए उस लड़के की और टेढ़ी नजर से देखा। निगाहों से निगाहें मिलीं और प्यार का इशारा हुआ। लड़के ने तौलिये में लिपटी हुई लड़की को अपनी बाहों में ले लिया। तौलिया गिर गया और नंगी लड़की निक्कर पहने हुए लड़के से लिपट गयी। लड़की ने अपने हाथ से लड़के की निकर निचे खिसका दी। दो नंगे बदन समंदर के किनारे एक दूसरे से लिपटे हुए प्रगाढ़ चुम्बन में लिप्त एक दूसरे के बदन को सहलाने लगे।
परदे पर जब यह दृश्य चल रहा था तो सुनीता ने महसूस किया की कर्नल साहब ने सुनीता का हाथ जो की शुरू से ही कर्नल साहब के हाथ में ही था, को उत्तेजना में दबाया। सुनीता भी परदे के दृश्य इतने कामोत्तेजक थे की सुनीता भी उनका हाथ हटा नहीं सकी। सुनीता के मनमें कई उफान उठ रहे थे। कर्नल साहब ने फिल्म को देखते हुए सुनीता का हाथ और दबाया।
हॉल में एक किनारे सिकुड़ कर बैठी हुई बेचारी सुनीता के हालात अजीब से ही थे। वह हॉल में जहां देखती थी सब जगह युगल ही युगल थे जो इन उन्मादपूर्ण दृश्यों को देख कर चोरी छुपी एक दूसरे की गोद में टांगों के बिच हाथ डालकर एक दूसरे के लण्ड या चूत को सेहला रहे थे। शर्म या औचित्य के कारण कुछ युगल अपने कपड़ों से ढके हुए उसके निचे यह सब कर रहे थे और कुछ खुल्लम खुल्ला हॉल के अँधेरे का लाभ लेकर यह सब कर रहे थे। इन दृश्यों का असर सुनीता पर भी तो होना ही था। वैसे भी सुनीता पिछले कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही चंचलता अनुभव कर रही थी। उसके पति ने उसे पिछली कुछ रातों से कर्नल साहब का नाम लेकर उकसाना और छेड़ना शुरू किया था।
सुनीता ने अनुभव किया की उसकी चूत गीली हो चुकी थी और फिर भी उसकी चूत में से पानी रिसना कम नहीं हो रहा था। उसको अपनी चूत में अजीब सी चंचलता और फड़कन महसूस हो रही थी। सुनीता ने अपने पति को मन ही मन कोसना शुरू किया की क्यों नहीं वह इस वक्त उनके पास बैठे? उसका मन कर रहा था की कोई उसकी दो टाँगों के बिच में और युगल की तरह ही हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाये।
सुनीता ने एक और बैठे कर्नल साहब की और देखा तो वह बेचारे अपना फुला हुआ लण्ड जो उनके पतलून में फनफना रहा होगा उसको सम्हाल ने की नाकाम कोशिश कर रहे थे। उनकी पत्नी उनसे दूर दूसरे छोर पर सुनीता के पति सुनील के पास बैठी हुई थी। सुनीता सोचने लगी की कर्नल साहब का भी मन कर रहा होगा की उनके लण्ड को कोई सहलाये।
यह साफ़ था की कर्नल साहब परदे के दृश्य से इतने प्रभावित थे की अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे थे। कर्नल साहब के हाथ के हाथ से अपनी कलाई दबाते ही सुनीता के पुरे बदन में सिहरन फ़ैल गयी। उसके रोंगटे खड़े हो गए। वह एक अजीब उधेड़बुन में फँसी थी। क्या वह कर्नल साहब का हाथ वहीँ रहने दे या उसे हटा दे। सुनीता कुछ तय नहीं कर पा रही थी। शायद कर्नल साहब ने उसे सुनीता की रजामंदी समझकर उसका हाथ पकड़ा और धीरे से सरका कर अपनी दो टाँगों के बिच रख दिया और फिर अपना हाथ हटा लिया।
उधर परदे पर लड़की ने लड़के का मोटा और लंबा लण्ड अपने हाथों में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी। लड़का भी लड़की की पीठ, गाँड़ और जाँघों को सहलाने और टटोलने लगा। कैमरा मेन ने समंदर के किनारे छिछरे पानी में प्रेम क्रीड़ा करते हुए दोनों नंगे बदन और इर्दगिर्द के वातावरण को इतनी बखूबी फिल्माया था की हॉल में बैठे हुए सारे पुरुष दर्शकों का लण्ड खड़ा हो गया और महिला दर्शकों की चूत गीली हो गयी ।
|