RE: DesiMasalaBoard साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन
फिर नीतू ने कुमार के कानों के पास अपना मुंह ले जा कर कहा, "क्या तुम्हें पता है की अभी इस वक्त हम अकेले ही नहीं है जो इस ट्रैन में एक दूसरे से इतने घने प्यार में मशगूल हैं?"
कुमार ने नीतू की और आश्चर्य से देखा और बोले, "क्या मतलब?"
नीतू ने कहा, "मैं क्या कहूं? मुझे कहते हुए भी बड़ी शर्म आ रही है। यह जो सुनीताजी हैं ना? जिन्होंने तुम्हें बचाने की भरसक कोशिश की थी? वह भी काफी तेज निकली! मैंने अभी अभी देखा की पहले उनके बिस्तर में ज्योतिजी के पति कर्नल साहब घुसे हुए थे। पता नहीं कबसे घुसे हुए होंगे और उन्होंने सुनीता जी के साथ क्या क्या किया होगा? फिर वह बाहर निकल आये तो कुछ देर बाद अभी अभी सुनीताजी के पति सुनीलजी अपनी पत्नी सुनीताजी की बर्थ में उनके कम्बल में घुसे हुए हैं। शायद इस वक्त जब हम बात कर रहे हैं तो वह कुछ और कर रहे होंगे।"
कुमार को यह सुनकर नीतू की बात पर विश्वास नहीं हुआ। वह बोल पड़े, "नीतू तुम क्या कह रही हो? एक ही रात में दो दो मर्दों से लीला? भाई कमाल है! यह पुरानी पीढ़ी तो हम से भी आगे है!" फिर कुछ सोच कर बोले, "उनको जो करना है, करने दो। हम अपनी बात करते हैं। हम बात क्यों कर रहे हैं? भाई हम भी तो कुछ करें ना?"
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हमें अबतक की कहानी से दो सिख मिलती है। पहली यह की हम ने देखा की कामवासना की ज्वाला मैं कैसे कैसे नामी और अच्छे ओहदे पर बैठे साहबान भी झुलस सकते हैं। कई बार उन्हें सही या गलत का ख्याल नहीं रहता। ट्रैन में जस्सूजी को उकसाने में कुछ हद तक सुनीता का हाथ जरूर था, पर अगर किसी ने यह देख लिया होता और सबके सामने जाहिर कर दिया होता की जस्सूजी जैसे बड़े ही सम्मानित और जाने माने देश भक्त आर्मी के अफसर किसी और की बीबी के बिस्तर में जा कर उसके साथ भद्दी हालात में पाए गए, तो उनकी क्या इज्जत रह जाती?
चाहे बड़ा ही गणमान्य हो या हमारे जैसा आम व्यक्ति हो, अगर उस की जाँघों के बिच का लण्ड या चूत सक्रीय है तो वह कोई भी खूबसूरत सेक्सी स्त्री या पुरुष की और आकर्षित होना स्वाभाविक है। यह कुदरत का नियम है। उसमें भी यदि उन्हें कोई ऐसी स्त्री या पुरुष मिल जाए जो उनकी काम क्रीड़ा में साथ देने में इंटरेस्टेड हो तो कुछ ना कुछ कहानी बन ही जाती है।
पर यहां यह ख़ास तौर से गणमान्य व्यक्तियों को चाहिए की ऐसी कोई पारस्परिक सहमति से स्त्रीपुरुष की काम क्रीड़ा हो तो भी लोगों की नजरों से दूर बंद दरवाजे में हो वही बेहतर है। टिका टिपण्णी अथवा बदनामी करने वालों की कोई कमी नहीं है।
दूसरी बात यह की सबसे पहले तो यह समझ लें की कभी भी कोई भी महिला से उनकी शत प्रतिशत मर्जी के बिना जबरदस्ती करना गलत एवं गैर कानूनी दंडनीय अपराध होने के उपरांत बड़ा ही खतरनाक और महंगा साबित हो सकता है।
अगर सहमति से भी मैथुन होता है तो यह ध्यान रखना चाहिए की कहीं आप पर यह दाव उलटा ना पड़ जाए। इस लिए जिस किसी भी महिला से आप शारीरिक सम्बन्ध जोड़ते हों तो उसकी सम्पूर्ण सहमति होनी जरुरी है। धन, नौकरी, प्रमोशन इत्यादि लालच देकर किसी महिला को फांसने की कोशिश करना भी जुर्म है।
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