RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
सुरभि- क्या सच में?
सोनाली- उसी से पूछ लो.. बताओ सुशान्त..
मैं- हाँ दीदी।
सुरभि- अरे ये लंड है कि क्या है.. किसी को नहीं छोड़ा है क्या?
मैं- क्या करूँ.. मैं तो सम्भल जाऊँगा.. लेकिन ये लंड है कि मानता ही नहीं है। जो मुझे पसंद आ जाती है.. यह लंड अपना रास्ता खुद ही ढूँढ लेता है।
सोनाली- अब तक कोई ऐसी लड़की है.. जिसके पीछे तू पड़ा हो.. लेकिन वो नहीं पटी हो तुमसे?
मैं- हाँ हैं ना.. बहुत हैं.. लेकिन उनमें से एक है.. जिसके पीछे मैं पिछले 3 साल से पड़ा हुआ हूँ.. लेकिन लाइन ही नहीं दे रही है।
सुरभि- कौन है?
मैं- साधना मेम.. मेरे कॉलेज में टीचर हैं.. पिछले 3 साल से उनके लिए तड़फ रहा हूँ.. लेकिन साली की चूत अब तक मिली नहीं है।
सुरभि और सोनाली- मिल जाएगी.. जल्दी ही.. मुझे पूरा भरोसा है।
मैं- क्या बात है.. इतना भरोसा है मुझ पर?
सुरभि और सोनाली- हाँ क्योंकि जो लड़का अपनी सग़ी बहन को नहीं छोड़ता है.. वो हरामी अपनी टीचर को क्या छोड़ेगा।
मैंने हँसते हुए- हाँ यह बात भी सही है.. वैसे तुम दोनों अब मेरी बहन नहीं हो..
सुरभि और सोनाली- हाँ हमें भी भाई बोलते हुए अच्छा नहीं लगता।
मैं- हाँ आज से मैं दीदी और छोटी नहीं बोलूँगा.. आज से सुरभि को बड़ी बीवी और सोनाली को छोटी बीवी बोलूँगा।
सुरभि और सोनाली- ओके.. और हम दोनों तुमको पतिदेव।
मैं- हाँ लेकिन सिर्फ़ हम लोगों के बीच ही.. बाहर जैसे हम लोग एक-दूसरे से जैसे बात करते थे.. वैसे ही बात करेंगे।
सुरभि और सोनाली- ओके मेरे पतिदेव।
मैं- अच्छा मेरी दोनों बीवियों.. अब हमें सोना चाहिए..
दोनों मेरी बाँहों में नंगी ही सो गईं..
जब मैं सुबह उठा.. तो देखा बिस्तर पर मैं अकेला सोया हुआ हूँ।
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