RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
मैं- वही तो.. कुछ देर इंतज़ार नहीं हो रहा है.. मन हो रहा है कि बस शुरू हो जाऊं और खास करके तुम दोनों ने कपड़े भी इतने हॉट पहने हैं कि मैं तो क्या.. कोई बूढ़ा भी कंट्रोल नहीं कर पाएगा।
सुरभि और सोनाली एक साथ हंसने लगीं।
मैं- ह्म्म्म्म .. ओके.. जो करना है.. जल्दी करो।
सुरभि- हाँ बस अब शुरू ही कर देती हूँ।
मैं लण्ड पर हाथ फेरता हुआ बोला- हाँ जल्दी करो।
सोनाली- ओके आओ.. अब शुरू करते हैं।
इतना सुनते ही मैंने सीधा सुरभि को बांहों में लिया और चूमने लगा।
तभी सोनाली बीच में आई और हम दोनों को अलग करते हुए बोली- अभी रूको.. वो हम दोनों को हाथ पकड़ कर सामने एक जगह पर ले गई.. जहाँ एक मोटी मोमबत्ती रखी थी। उसने मोमबत्ती जलाई और मेरे कंधे पर एक धोती रख कर सुरभि की ओढ़नी से गाँठ बाँध दी और बोली- अब फेरे शुरू करो..
मैं बोला- मैं फेरा अलग स्टाइल में शुरू करूँगा।
मैंने सुरभि को गोद में उठा लिया.. मेरा एक हाथ उसकी नंगी कमर पर था और दूसरा नंगी पीठ पर कर घूमने लगा।
दो फेरे लेने के बाद मैंने सोनाली को भी बुला लिया और हम तीनों ने मिल कर फेरे पूरे किए। फेरे पूरे होने के बाद मैंने दोनों की माँग को भरा और मंगलसूत्र पहनाया।
इस तरह हम तीनों की शादी हो गई और आज मुझे एक नहीं दो-दो बीवियाँ चोदने को मिल गई थीं। मैंने दोनों को गले से लगाया।
मैं- अब तो तुम दोनों मेरी बीवियाँ बन गई हो.. चलो सुहागरात मनाते हैं।
सुरभि और सोनाली एक साथ बोलीं- हाँ हम दोनों कमरे में जा रही हैं.. ‘आप’ कुछ देर में आना।
मैं- आप?
सुरभि- हाँ.. पत्नियाँ अपने पति का नाम नहीं लेती हैं।
मैं- ओहो.. तो चलो हम भी साथ चलते हैं।
सुरभि और सोनाली एक साथ बोलीं- नो कुछ देर बाद आना.. आप हमारे पतिदेव हैं।
मैं- अपने पति को तड़फा रही हो..
सुरभि- नहीं तड़फा नहीं रही हूँ.. बस कुछ देर बाद आ जाइएगा।
मैं- ठीक है.. जैसी आपकी इच्छा।
सोनाली- हाँ ये हुई ना हमारे पति जैसी बात..
दोनों गाण्ड मटकाती हुई कमरे में चली गईं और मैं लण्ड सहलाता हुए इंतज़ार करता रहा। कुछ देर इंतज़ार के बाद मुझे अन्दर बुलाया.. मैं जैसे ही अन्दर गया।
|