RE: Antarvasnax क़त्ल एक हसीना का
सारी मछलियां ऐसे बिछी हुई लग रही थी, जैसे पानी के लहर के साथ हों और उसे देखते ही राजका मन सोने को हो गया। फिर वे मुड़ी और उनकी तरफ इशारा करते हुए जल की गहराइयों में ऐसे गुम हो गई जैसे काले रंग की चादर रही हों।
वे फर्श पर बैठ गए और अपने बैग से बर्गिता ने एक चटाई निकाली, दो गिलास, मोमबत्ती और रेड वाइन की एक बोतल। उसने उसे खोलते हुए कहा कि उसे एक दोस्त की तरफ से उपहार में यह मिला था जो कि वाइनयार्ड में ही काम करता है। फिर वे उस पानी को देखते हुए अगल-बगल बैठ गए।
यह ऐसा था जैसे कोई उलटी दुनिया में सोया हुआ हो, जैसे औंधे पड़े आकाश में मछलियों, इंद्रधनुष के रंगों और अजीब-अजीब से जंतुओं को देखना, जिसे किसी ने अपनी बेहद सक्रिय कल्पना से बनाया हो । उनके ऊपर एक नीली मछली तैर रही थी।
'क्या यह देखना बहुत अच्छा नहीं लगता है कि वे कितना समय लेते हैं, उनकी जो गतिविधियां होती हैं वे कितनी निरर्थक होती हैं?' बर्गिता ने फुसफुसाते हुए कहा। उसने राजकी गर्दन पर हाथ रखा और हल्के से दबाते हुए कहा, 'क्या तुमको यह महसूस हो रहा है कि तुम्हारी धड़कन लगभग बंद हो रही है?'
राजने कहा, कुछ दिन तक समय थम जाए, तो मुझे बुरा नहीं लगेगा।'
बर्गिता ने जोर से दबाते हुए कहा। इसके बारे में सोचना भी नहीं।'
'कई बार मुझे यह लगता है, “राजकि तुम उतने बेवकूफ नहीं हो।” मैंने इस बात पर ध्यान दिया है कि एंड्रयु जब भी आदिवासी लोगों के बारे में बात करता है तो वह हमेशा उनको वे कहता है। इसीलिए तुवुम्बा के बताने से पहले मैंने एंड्रयु की कहानी के बारे में काफी कुछ अनुमान लगा लिया था। मुझे यह बात समझ में आ गई थी एंड्रयु अपने परिवार के साथ नहीं पला-बढ़ा था, कि वह कहीं का है नहीं बल्कि चीजों को बाहर से ही जानता है। जैसे कि हम यहां एक ऐसी दुनिया को देख रहे हैं जिसमें हम हिस्सा नहीं ले सकते हैं। तुवुम्बा के साथ बात करके मैं कुछ और बात भी समझ गयाः जन्म के समय एंड्रयु की स्वाभाविक रूप से गर्व करने का वह उपहार नहीं मिल पाया, जो तुमको लोगों के साथ रहने के कारण मिलता है। इसलिए उसे अपना बनाना पड़ा। पहले तो मुझे लगा कि वह अपने भाइयों के कारण शर्मिंदा है, लेकिन अब मुझे समझ में आया कि वह अपनी शर्मिंदगी से लड़ रहा है।'
बर्गिता थोड़ी कुनमुनाई। राजआगे बोलता रहा।
'कई बार ऐसा लगता है मुझे कुछ मिल गया है, अगले ही पल मैं फिर से उलझन में पड़ जाता हूं। मुझे उलझन में रहना पसंद नहीं है। मेरे अंदर इसके लिए सहनशक्ति नहीं है। इसलिए मुझे लगता है कि मेरे अंदर वह क्षमता ही नहीं है कि मैं चीजों को विस्तार में समझ सकूं। यह मेरे अंदर वह खूबी थी कि मैं अलग-अलग टुकड़ों को इस तरह से जोड़ सकूं कि उसे एक ऐसी तस्वीर का रूप दे सकूं कि उसका कुछ मतलब नजर आए।'
वह बर्गिता की तरफ झुका और उसने उसके बालों में अपना चेहरा छिपा लिया।
'भगवान ने यह बड़ा बुरा काम किया कि उसने इतने कमअक्ल आदमी को इतनी अच्छी आंखें दी,' उसने कहा, उसने कुछ ऐसा याद करने की कोशिश की जिसकी खुशबू बर्गिता के बालों की तरह थी। लेकिन वे इतने लंबे थे कि वह इस बात को भूल गया कि वह क्या था।
'तो हम क्या देख सकते हैं?' उसने पूछा।
'हर कोई मेरा ध्यान ऐसी चीजों की तरफ ले जाना चाह रहा है, जिसके बारे में मैं नहीं जानता।'
'जैसे ?'
'मुझे पता नहीं। वे औरतों की तरह हैं। वे मुझे ऐसी कहानियां सुनाते हैं, जिनका मतलब कुछ और होता है। उनके बीच में जो बात छिपी हो वह हो सकती है कि बहुत साफ हो, लेकिन मैंने कहा न कि मेरे अंदर वह क्षमता नहीं है कि मैं उनको देख सकूं। तुम औरतें वही बात क्यों नहीं कहती हो जो कि होती हैं? पुरुष की समझने की क्षमता को तुम लोग जरूरत से ज्यादा आंकती हो।'
'क्या यह मेरी गलती है?' उसने मुस्कुराते हुए पूछा और उसे एक चपत लगाई। उसकी गूंज पानी के अंदर गूंज उठी।
'श्श्श, उस मरी व्हाइट को मत जगाओ,' राजने कहा।
बर्गिता को यह समझने में कुछ वक़्त लगा कि उसने वाइन के गिलास को छुआ भी नहीं था।
'वाइन का एक छोटा सा गिलास भी नुकसान कर सकता है, क्या?' उसने कहा ।
'हां, यह कर सकता है,' राजने जवाब दिया। 'यह नुकसान पहुंचा सकता है।' उसने मुस्कुराते हुए उसे अपनी तरफ खींच लिया। 'लेकिन उसके बारे में बात मत करो।' फिर उसने उसे चूम लिया और उसने एक लंबी सांस ली, मानो वह न जाने कब से उस चुंबन का इंतजार कर रही थी।
राजका ध्यान गया। उसे समझ में नहीं आया कि पानी में हरी रौशनी कहां से आ रही थी, वह सिडनी के ऊपर चमक रहे चांद की रौशनी थी, या जमीन पर सर्चलाइट की रौशनी थी, लेकिन अब वह जा चुकी थी। मोमबत्ती जल चुकी थी और अब वहां पूरी तरह से अंधेरा था। तो भी उसे लग रहा था जैसे उसे कोई देख रहा था। उसने बर्गिता के पास से टॉर्च उठाई और उसे जला दिया--वह अपनी उस चटाई में नंगी लिपटी हुई थी, चेहरे पर उसके संतुष्टि का भाव था। उसने शीशे पर रौशनी डाली।
पहले तो उसे ऐसा लगा जैसे वह अपनी ही परछाईं देख रहा हो, जब उसकी आंखें रौशनी की आदी हुई, तो उसे ऐसा लगा कि उसका दिल बस धड़कन बंद करने ही वाला था। व्हाइट उसके पीछे था, उसे अपनी ठंडी बेजान आंखों से देखता हुआ। राजने सांस ली और उसके डरे हुए चेहरे के सामने शीशे पर गहरा धुआं सा जम गया, एक बहे हुए आदमी का प्रेत जो इतना बड़ा था कि लग रहा था वह पूरे तालाब को भर देगा। दांत जबड़े से बाहर निकले हुए थे, देखकर लग रहा था जैसे किसी बच्चे ने आड़ी-तिरछी लकीरों से उनको बनाया हो।
फिर वह उसके ऊपर आ गया और उसकी मृत आंखें उसके ऊपर टिक गई, जैसे नफरत से देख रही हो, लाश की तरह शरीर टॉर्च की रौशनी से तैरकर दूर जा रहा था, ऐसे जैसे लग रहा था वह कभी खत्म न होगा।
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