मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 11:59 AM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
दिल कर रहा था के विनय को बता दूं के तुम मेरे साथ हो और निर्मल, रश्मि को पागल कुत्ते की तरह चोद रहा है और तो और, रश्मि उसका लण्ड भी चूस रही है..
लेकिन जाहिर है, मैंने ऐसा कुछ नहीं किया..

पुष्कर पहुँच कर, हम दोनों सीधे एक होटल में गये..
अंदर जाते ही, विनय ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा..
विनय – आज तो पूरा दिन, तुम्हारी चूत में लण्ड डालकर ही रखूँगा.. !! पूरी नंगी करके, चोदूंगा तुम्हें.. !!
मैं – नहीं विनय, पहले हम वो काम करेंगे जिसके लिए पुष्कर आए हैं.. !! उसके बाद, ये सब.. !!
वो भी अच्छे बालक की तरह मान गया..
वैसे भी हम जैसे लोग, भगवान से बहुत डरते हैं..

खैर, हम दोनों फ्रेश होकर मंदिर के लिए निकले..
मंदिर दर्शन के बाद प्रसाद लिया और फिर मैंने मंदिर में नीचे पूरा झुक कर विनय के पैर छुए..
विनय, काफ़ी भावुक हो गया..
उसने मुझे प्यार से कंधे पर हाथ रख कर उठाया और गले से लगा लिया..
आस पास के लोगों को लग रहा था के ये दोनों “पति पत्नी” हैं.. !!

काश, ये सच होता..
मेरे पैर छूने से, विनय काफ़ी भावुक हो चुका था..
उसने भी सिंदूर लिया और मेरी माँग में भर दिया..
अब अंजाने में ही सही, मैं उसकी पत्नी बन चुकी थी..
हम दोनों वापस, होटल में लौट आए..
रूम में आते ही, मैंने प्रसाद वगेरह अपने बैग में रख दिया..
विनय के फिर से पैर छुए और एक आदर्श पत्नी की तरह, उसका आशीर्वाद लिया..
उसने मुझे उठाकर, अपनी बाहों में ले लिया..
अब वो होने वाला था, जिसका इंतेज़ार हम दोनों ही पिछले 4 दिन से कर रहे थे..
विनय ने मेरी गाण्ड को, साड़ी के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया..

वो मुझे प्यार से हर जगह किस करते जा रहा था..
2-5 मिनट किस करने के बाद, उसने मेरी साड़ी का पल्लू गिरा दिया..
बड़े ही अच्छे से, उसने मेरी पूरी साड़ी उतार दी और अब मेरी साड़ी फर्श पर थी..
फिर उसने मुझे अपनी बाहों में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गया..
उसने फिर, अपने कपड़े भी उतार दिए..
शर्ट, जीन्स और फिर बनियान भी..
अब वो सिर्फ़, जौकी में था..
दुबले पतले निर्मल के उलट, उसका गठीला बदन मुझे बहुत पसंद आ रहा था..
मैं उसकी पीठ सहला रही थी और वो मेरे जिस्म पर कभी इधर, कभी उधर किस किए जा रहा था..
धीरे धीरे नीचे आकर, उसने अपना हाथ मेरे पेटिकोट के अंदर डाल दिया और अंदर मेरी जांघों को किस करने लगा..
कुछ देर बाद, बाहर आकर उसने मेरे ब्लाउज के हुक खोल दिए..
पेटिकोट का नाडा भी खोल दिया और उसे फ्लोर पर फेंक दिया..
अब मैं सिर्फ़, ब्रा और पैंटी में थी..
ब्रा और पैंटी, काले रंग की ही थी..
उसने मेरी दूध से सफेद रंग का जिस्म देखा और देख कर उसके मुँह में पानी आ गया..
अब उसने मेरी ब्रा निकाल दी और मेरे “नारंगी जैसे दूध” अब उसके सामने थे..

कुछ देर मेरे गोल चुचे निहारने के बाद, वो एक मम्मे को मुंह मे लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ में लेकर दबाने लगा..
बीच बीच में वो मेरे भूरे, छोटे से निप्पल को काट भी रहा था..
मेरे मुंह से – अन्म आह इस्स.. !! आह आह अहहहाहा आह अह आ आ अहहा.. !! इयै याया आ आ या अय हेया.. !! आह आह अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः आह.. !! s s s s s.. !! आ आ आ आ स स स स स स स स स.. !! इनहया याः इया या या या या या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. !! उई माआअ.. !! की आवाज़ें आ रही थीं..
मुझे “मोनिंग” करने में, काफ़ी मज़ा आ रहा था..
मैं तो चिल्ला चिल्ला कर, चुदवाना चाहती थी पर यहाँ मेरी सिसकारियों से विनय में भी कामुकता बढ़ रही थी..

मेरे बूब्स दिल भर के पूरे मज़े से चूसने के बाद, विनय नीचे आया और मेरी पैंटी उतार दी..
पैंटी उतार कर वो फ़ौरन बिस्तर से थोड़ा दूर खड़ा गया और उसने कहा – प्रिया, प्लीज़ अपनी टाँगें खोल दो.. !! मैं देखना चाहता हूँ, तुम्हारी चूत कैसी है.. !!
मैं भी बेशर्म हो चुकी थी.. असल में, मैं तो थी ही बेशर्म..
मैंने फ़ौरन एक “बाज़ारु छीनाल” की तरह, अपनी दोनों टांगें खोल दी..
अब मेरी “नंगी चिकनी चूत” बिल्कुल उसके सामने थी..
मैं पूरी तरह से “नंगी” थी..
टाँगें खोलने के बाद तो वो पागल सा हो गया..
ऐसा छरहरा बदन और गुलाबी रंग की सफ़ाचट चूत, शायद ही उसने पहले देखी हो..
उसने, अपना अंडरवेअर निकाल दिया..
उसका “लंबा, मोटा और तगड़ा लण्ड” सनसानता हुआ बाहर आया..
उसका लण्ड, मेरे पति के लण्ड से लंबा था और बेहद मोटा..
वो मेरे करीब आ गया और 69 के पोज़िशन में आ कर लेट गया..
अब उसका लण्ड मेरे हाथ में था और मेरी चूत उसके..
वो मेरी चूत में उंगली डालकर, अंदर बाहर कर रहा था और मैं उसके लण्ड और उसके छोटे छोटे टट्टो को सहला रही थी..
वो काफ़ी डीसेंट था, अगर कोई और होता तो अब तक लण्ड मेरे मुंह मे दे देता और शायद मैं ले भी लेती पर वो चूत मे उंगली करने मे ही तलीन था..
कुछ पल के बाद, वो फिर से सीधा हो गया..
मुझे उल्टा कर दिया और मेरी गाण्ड को सूंघने और किस करने लगा..
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था..

विनय – वाह!! प्रिया तुम्हारी गाण्ड बहुत ही खूबसूरत है.. इतनी गोल और आकर्षक गाण्ड, मैंने आज तक नहीं देखी.. एकदम चिकनी और सुंदर.. !! मज़ा आ गया.. !!
मैं – विनय, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा.. !! जल्दी से डालो, मेरी चूत में.. !!
विनय ने अब, मेरी गाण्ड पर 2-3 थप्पड़ मार दिए..
उसके मर्द के कड़क हाथ, गाण्ड पर पड़ने से मेरी सफेद गोरी चमड़ी, लाल हो गई..
दर्द हुआ पर ये “जंगलीपना” मुझे बहुत पसंद था, जो विनय ने किया था..
मुझे बहुत अच्छा लगा..
फिर उसने मुझे सीधा करके, अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया..
उसने एक ज़ोर का धक्का दिया..
मैं तो पूरी गीली हो चुकी थी पर फिर भी लण्ड जाने में थोड़ी तकलीफ़ मुझे हुई..
मेरी मुंह से – s s s s s s s s s.. !! आह आँह.. !! फूह यान्ह.. !! आ आ आ आ आ आ आ आ उंह.. !! इयान्ह ह ह ह ह ह आह आ आ आ आह ह हा.. !! उफ्फ मा ह उंह आह.. !! आराम से.. !! निकल गया..
फिर 2-3 धक्कों में, उसका पूरा लण्ड मेरी चूत में अंदर तक चला गया..
धीरे धीरे, वो मुझे चोदने लगा..

मैं भी अपनी गाण्ड उठा उठा कर उससे चुदवाने लगी..
वो मेरे बूब्स को चूस रहा था और मुझे “भकाभक” चोद रहा था..
मैंने अपने नाख़ून, उसके पीठ में घुसा दिए..
उसे खरोंचने लगी..
शायद, उसे दर्द हो रहा होगा पर वो तो मुझे चोदने में ही मस्त था..
उसका घोड़े के साइज़ का लण्ड, अंदर लेने में मुझे बहुत ज़्यादा ही मज़ा आ रहा था..
पहली बार, ऐसा हुआ था के मैं सिर्फ़ चुद नहीं रही थी बल्कि मैं प्यार से चुदवा रही थी..
अपनी चूत उसके लंड के लिए, निसार कर चुकी थी..
अपनी जवानी का मालिक उसे बना चुकी थी और दिल ही दिल में, उसे अपना “असली पति” मान चुकी थी..

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद, उसने पोज़िशन चेंज की..
उसने मुझे उल्टा किया और पीछे से मेरी चूत में अपना मूसल सा लंड ठूंस दिया..
इस स्टाइल को “डॉगी स्टाइल” कहते हैं..
चूत में लण्ड डालने के पहले, उसने मेरी गाण्ड पर 2-3 थप्पड़ और मारे जो मुझे पहले की तरह काफ़ी पसंद आए..
उसका रफ हाथ जब भी मेरी गाण्ड पर पड़ता, मैं सिहर उठती..
पीछे से चोदने में शायद उसे महारत हासिल थी क्यों के उसके स्ट्रोक्स अब तेज हो गये थे..
काफ़ी ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था, वो मुझे..
कुछ देर चोदने के बाद, उसका निकल गया..
मेरी चूत के अंदर ही, उसने अपनी बेहद गाढ़ी क्रीम निकाल दी..
फिर कुछ देर, लण्ड अंदर ही रखा..
मुझे वैसी ही पोज़िशन में रहना अच्छा लगा क्यों के धीरे धीरे, उसके लण्ड का पानी रिस रिस के मेरे अंदर आ रहा था..
लण्ड बाहर निकाल कर, वो मेरे बगल में सो गया..
मैं भी उसके चौड़े सीने पर अपना सिर रख कर सो गई..
उसी तरह 1 या 2 घंटे सोने के बाद, मैं उठी..
वो कमरे में नहीं था..
रूम में, मैं अकेले ही थी.. वो बाहर गया था..
मैंने बाथरूम में जाकर नहा लिया और रूम में आकर, कपड़े पहन लिए..
वो आया और उसके साथ एक वेटर भी था..

स्पेशल लंच का बंदोबस्त किया था, उसने..
वेटर ने लंच डेकोरेट किया और विनय ने उसे टिप दी..
फिर हमने, साथ में लंच किया..
लंच करते समय –
विनय – धन्यवाद, प्रिया.. !! तुम बहुत खूबसूरत हो.. !! तुम्हारे दूध और गाण्ड का तो मैं दीवाना हो गया हूँ.. !! अब मैं हमेंशा तुम्हारे साथ रहूँगा.. !!
मैं – तुमने भी आज मुझे, मेरे लोडू पति से ज़्यादा मज़ा दिया है.. !! लेकिन अब हमें हर कदम, बड़े संभाल कर रखना होगा.. !!
विनय – तुम जैसा कहोगी, मैं वैसा करूँगा…
मैं – तुम मुझे कभी भी मैसेज नहीं करोगे और ना ही कॉल करोगे… जब मैं मिस कॉल दूँगी तभी कॉल करोगे… देहरादून में मेरे काफ़ी रिश्तेदार आते जाते हैं घर पर, इसलिए घर पर मिलना मुश्किल है… हम बाहर ही मिला करेंगे…

विनय मेरी बातें सुनकर काफ़ी खुश हो गया क्यों के उसे इतनी होशियार लड़की जो मिल गई थी, एक्सटर्नल अफेयर करने के लिए..
वैसे भी रश्मि इतनी खूबसूरत नहीं थी और शायद, उसे मैं कुछ ज़्यादा ही पसंद आ गई थी..
मैंने भी अपनी बातों, अदा, जलवों और नखरों से उसे दीवाना बनाने की पूरी कोशिश की थी और काफ़ी हद तक उसमे सफल भी रही थी..
लंच करने के बाद, उसने कहा के अब निकलते हैं…
4 बज चुके थे और हमें जोधपुर वापस लौटना था..
पर इधर, मेरे दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था..
मैं – विनय, मैं आपके लिए कुछ करना चाहती हूँ क्यों के इतना अच्छा सेफ टाइम और प्लेस शायद ही, हमें दुबारा मिले…
विनय – हाँ हाँ कहो… क्या करना चाहती हो…
मैं – विनय, हमेशा से मेरी तमन्ना थी के मैं किसी मर्द के सामने खुद नंगी होऊं पर हमेशा से ही निर्मल मेरे कपड़े उतारते हैं जबकि मुझे अपने कपड़े उतारने का मौका नहीं मिला… मैं तुम्हें बहुत चाहती हूँ इसलिए तुम्हारे सामने मैं तुम्हारे लिए, खुद नंगी होना चाहती हूँ…
विनय मेरी बात सुन कर, काफ़ी खुश हो गया..
वो बेड पर बैठ गये और मैं उनके सामने थी.
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 11:59 AM

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