मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-11-2021, 12:25 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
मेरी माँ का यार

हाई मैं देल्ही मैं रहती हूँ मेरा नाम हेमा है. उमर अभी केवल 15 य्र्स. है. मैं एकलौती हूँ मेरी माँ अभी केवल 35 य्र्स की हैं. मेरे छ्होटे मामा अक्सर घर आया करते हैं. वे ज़्यादातर मम्मी के कमरे मैं ही घुसे रहते हैं. मुझे पहले तो कुच्छ नही लगा पर एक दिन जान ही गयी कि मम्मी अपने छ्होटे भाई यानी मेरे मामा से ही मज़ा लेती हैं. मुझे बहुत आश्चर्या हुवा पर अजीब सा मज़ा भी मिला दोनो को देखकर. मैं जान गयी मम्मी अपने भाई से फँसी है और दोनो चुदाई का मज़ा लेते हैं. मामा करीब 25 य्र्स के थे. मामा अब मुझे भी अजीब नज़रो से देखते थे. मैं कुच्छ ना बोलती थी.

घर के माहौल का असर मुझ पर भी पड़ा. मामा को अपनी चूचियों को घूरते देख अजीब सा मज़ा मिलता था. अगर पापा नही होते तो मम्मी मामा को अपने रूम मैं ही सुलाती. एक रात मम्मी के रूम मैं कान लगा दोनो की बात सुन रही थी तो दोनो की बात सुन दंग रह गयी. मामा ने कहा,

"दीदी अब तो शशि भी जवान हो गयी है. दीदी आप ने कहा था कि शशि का मज़ा भी तुम लेना."

"ओह्ह मेरे प्यारे भाय्या तुमको रोकता कौन है. तुम्हारी भांजी है जो करना है करो. जवान हो गयी है तो चोद दो साली को. जब मैं शशि की उमर की थी तो कई लंड खा चुकी थी. 5 साल से सिर्फ़ तुमसे ही चुद्वा रही हूँ. आजकल तो लड़किया 14 य्र्स मैं छुड़वाने लगती हैं." मैं चुपचाप दोनो की बात सुन रही थी और बेचैन हो रही थी.

"वह गुस्सा ना हो जाए."

"नही होगी. तुम गधे हो. पहली बार सब लड़कियाँ बुरा मानती है पर जब मज़ा पाएगी तो लाइन देने लगेगी. ज़रा चूत छातो."

"जी दीदी." वह मम्मी की चूत को चाटने लगा. कुच्छ देर बाद फिर मामा की आवाज़ आई,

"पूरी गदरा गयी है दीदी."

"हां हाथ लगाओगे तो और गदराएगी. डरने की ज़रूरत नही. अगर नखरे दिखाए तो पटक कर चोद दो. देखना मज़ा पाते ही अपने मामा की दीवानी हो जाएगी जैसे मैं अपने भयया की दीवानी हो गयी हूँ. चॅटो मेरे भाई मुझे चटवाने मैं बहुत मज़ा आता है."

"हां दीदी मुझे भी तुम्हारी चूत चाटने मैं बड़ा मज़ा मिलता है." मैं दोनो की बात सुन मस्त हो गयी. मंन का डर तो मम्मी की बात सुन निकल गया. जान गयी कि मेरा कुँवारापन बचेगा नही. मम्मी खुद मुझे चुद्वाना चाह रही थी. जान गयी की जब मम्मी को इतना मज़ा आ रहा है तो मुझे तो बहुत आएगा. ममा तो अपने सगे भाई से चुद्वा ही रही थी साथ ही मुझे भी चोद्ने को कह रही थी. मम्मी और मामा की बात सुन वापस आ अपने कमरे मैं लेट गयी. दोनो चूचियों तेज़ी से मचल रही थी और राणो के बीच की चूत गुदगुदा रही थी. कुच्छ देर बाद मैं फिर विंडो के पास गयी और अंदर की बात सुनने लगी. अजीब सा पुक्क पुक्क की आवाज़ आ रही थी. मैने सोचा कि यह कैसी आवाज़ है. तभी मम्मी की आवाज़ सुनाई दी,

"हाए थोड़ा और. साले बहन्चोद तुमने तो आज थका ही दिया."

"अरे साली रंडी अभी तो 100 बार ऐसे ही करूँगा." मैं तड़प उठी दोनो की गंदी बातें सुनकर. जान गयी की पुक्क पुक्क की आवाज़ चुदाई की है और मम्मी अंदर चुद रही हैं. मामा मम्मी को चोद रहे हैं. तभी मम्मी ने कहा,

" हाए बहुत दमदार लंड है तुम्हारा. ग़ज़ब की ताक़त है मेरी दो बार झाड़ चुकी है. आआअहह बस ऐसे ही तीसरी बार निकलने वाला है. आअहह बस राजा निकला. तुम सच्च मैं एक बार मैं दो तीन को खुश कर सकते हो. जाओ अगर तुम्हारा मंन और कर रहा हो तो शशि को जवान करदो जाकर."

"कहाँ होगी."

"अपने कमरे मैं. जाओ दरवाज़ा खुला होगा. मुझमे तो अब जान ही नही रह गयी है." मम्मी ने तो यह कह कर मुझे मस्त ही कर दिया था. घर मैं सारा मज़ा था. मामा अपनी बड़ी बहन को चोद्ने के बाद अब अपनी कुँवारी भांजी को चोद्ने को तैय्यार थे. मां के चुप हो जाने के बाद मैं अपने कमरे मैं आ गयी. जान गयी कि मामा मम्मी को चोद्ने के बाद मेरी कुँवारी चूत को चोद्कर जन्नत का मज़ा लेने मेरे कमरे मैं आएँगे.

पूरे बदन मैं करेंट दौड़ने लगा. रूम मैं आकर फ़ौरन मॅक्सी पहनी. मैं चड्डी पहनकर सोती थी पर आज चड्डी भी नही पहनी. आज तो कुँवारी चूत की ओपनिंग थी. चूत की धड़कन इनक्रीस हो रही थी और चूचियों मैं रस भर रहा था. मॅन कर रहा था कि कह दूं मामा मम्मी तो बूढ़ी है. मैं जवान हूँ. चोदो मुझे. रात के 11:30 हो चुके थे. दरवाज़ा खुला रखा था. मॅक्सी को एक टाँग से ऊपर चड़ा दिया और एक चूची को गले की ओर से थोड़ी सी बाहर निकाल दी और उसके आने की आहट लेने लगी. मैं मस्त थी और ऐसे पोज़ मैं थी की कोई भी आता तू उसे अपनी चखा देती. अभी तक लंड नही देखा था. बस सुना था.

10 मिनिट बाद उसकी आहट मिली. मेरे रोएँ खड़े हो गये. मुझे करार नही मिला तो झटके से पूरी चूची को बाहर निकाल आँख बंद कर ली. जब 35 साल की चूत का दीवाना था तो मेरी 15-16 साल की देखकर तो पागल हो जाता. तभी वह कमरे मैं आया. मैं गुदगुदी से भर गयी. जो सोचा था वही हुवा. पास आते ही उसकी आँख मेरी बिखरी मॅक्सी पर राणो के बीच गयी. मम्मी के पास से वापस आने पर मज़ा खराब हुवा था पर अब फिर आने लगा था.

वह अपने दोनो हाथ प्लांग पर जमा मेरी राणो पर झुका तो मैने आँखे बंद कर ली. मेरी साँस तेज़ हुई मेरी चूचियों और चूत मैं फुलाव आया. मैं दोनो राणो के बीच 1 फुट का फासला किए उसे 15 साल की चूत का पूरा दीदार करा रही थी. कुच्छ देर तक वह मेरी चूत को घूरता रहा फिर मेरे दोनो उभरे उभरे अनारो को निहारता धीरे से बोला,

"हाए क्या उम्दा चीज़ है, एकदम पाव रोटी का टुकड़ा. हाए राज़ी हो जाती तो कितना मज़ा आता." और इसके साथ ही उसने झुककर मेरी चूत को बेताबी के साथ चूम लिया तो पूरे बदन मैं करेंट दौड़ा. मैं तो बहाना किए थी. चूमकर कुच्छ देर तक मेरी कुँवारी चूत को देखता रहा फिर झुककर दुबारा मुँह से चूमते एक हाथ से मेरी मॅक्सी को ठीक से ऊपर करता बोला,

"हाए क्या मस्त माल है. अब तो माँ के साथ बेटी की कुँवारी फाँक का पूरा मज़ा लूँगा." मैने अपने बहन्चोद मामा के मुँह से अपनी तारीफ़ सुनी तो और मस्त हुई. चूत पे किस से बहुत गुदगुदी हुई और मन किया की उससे लिपट कर कह दूं की अब नही रह सकती तुम्हारे बिना मैं तैय्यार हूँ लूटो मेरी कुँवारी चूत को मामा. पर चुप रही. तभी मामा बेड पर बैठ गये और मेरी राणो पर हाथ फेर मेरी चूत को सहलाने लगा. उससे चूत पर हाथ लगवाने मैं इतना मज़ा आ रहा की बस मन यह कहने को बेताब हो उठा कि राजा नगी करके पूरा बदन सहलाओ. मम्मी का कहना सही था कि हाथ लगाओ, मज़ा पाते ही लाइन क्लियर कर देगी. तभी उसकी एक उंगली चूत की फाँक के बीच मैं आई तो मैं तड़प कर बोल ही पड़ी,

"हाए कौन?"

"मैं हूँ मेरी जान, तुम्हारा चाहने वाला. हाए अच्छा हुवा तुम जाग गयी. क्या मस्त जवानी पाई है. आज मैं तुमको??.." और किसी भूखे कुत्ते की तरह मुझे अपनी बाँहो मैं कसता मेरी दोनो चूचियों को टटोलता बोला,

"हाए क्या गदराई जवानी है." मैं अपने दोनो उभारों को उसके हाथ मैं देते ही जन्नत मैं पहुँच गयी. वा मेरे चेकने गाल पर अपने गाल लगा दोनो को दबा बोला,

"बस एक बार चखा दो, देखो कितना मज़ा आता है."

"हाए मामा आप छ्चोड़ो यह क्या कर रहे हैं आप. मम्मी आ जाएगी."

"मम्मी से मत डरो. उन्होने ही तो भेजा है. कहा है कि जाओ मेरी बेटी जवान हो गयी है. उसे जवानी का मज़ा दो. बहुत दिनो से ललचा रही हो, बड़ा मज़ा पओगि. मम्मी कुच्छ नही कहेंगी." और इसके साथ ही मेरी चूचियों को मॅक्सी के ऊपर से कसकर दबाया तो मेरा मज़ा सातवे आसमान पर पहुँच गया.

"मम्मी सो गयी क्या?" मैने पूछा तो वह बोला,

"हां. आज तुम्हारी मम्मी को मैने बुरी तरह थका दिया है. अब वे रात भर मीठी नींद सोएंगी. बस मेरी रानी एक बार. देखना मेरे साथ कितना मज़ा आता है." और उसने दोनो निपल को चुटकी दे मुझे राज़ी कर लिया. सच आज उसकी हरकत मैं मज़ा आ रहा था. दोनो निपल्स का नशा राणो मैं उतर रहा था.

"मामा आप मम्मी के साथ सोते हैं. वह तो आपकी बहन हैं."

"आज अपने पास सुला कर देखो, जन्नत की सैर करा दूँगा. हाए कैसी मतवाली जवानी पाई है. बहन है तो क्या हुवा. माल तो बढ़िया है मम्मी का."

"दरवाज़ा खुला है." मैने मज़े से भरकर कहा. मेरी नस नस मैं बिजली दौड़ रही थी. अब बदन पर कपड़ा बुरा लग रहा था. उसने मेरी चूचियों को मसल्ते हुवे मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया. उसे मेरी जैसी कुँवारी लड़कियों को राज़ी करना आता था. होंठ चुसते ही मैं ढीली हो गयी. मामा मेरी मस्ती को देख एकदम से मस्त हो गये. धीरे से मेरे बदन को बेड पर कर मेरी चूचियों पर झुक कर मेरी रान पर हाथ फेरते बोले,

"अब तुम एकदम जवान हो गयी हो. कब मज़ा लोगि अपनी जवानी का. डरो नही तुमको कली से फूल बना दूँगा. मम्मी से मत डरो, उनके सामने तुमको मज़ा दूँगा बस तुम हां कर दो." हाथ लगवाने मैं और मज़ा आ रहा था. मैं मस्त हो उसे देखती बोली,

"मम्मी को आप रोज़ ??."

"हां मेरी जान तुम्हारी मम्मी को रोज़ चोद्ता हूँ. तुम तैय्यार हो तो तुमको भी रोज़ चोदेन्गे. हाए कितनी खूबसूरत हो. ज़रा सा और खोलो ना. तुमसे छ्होटी छ्होटी लड़कियाँ चुद्वाती हैं." मैं तो जन्नत मैं थी. मामा चूचियों को दबाए एक हाथ गाल पर और दूसरा राणो के बीच फेर रहे थे.

"मुझसे छ्होटी छ्होटी?"

"हां मेरी जान. ज़्यादा बड़ी हो जाओगी तो इसका मज़ा उतना नही पओगि जितना अभी. तुम्हारी एकदम तैय्यार है बस हां कर दो."

"मैं तो अभी बहुत छ्होटी हूँ." और दोनो राणो को पूरा खोल दिया. मामा चालाक थे. पैर खोलने का मतलब समझ गये. मुस्काराकार मेरे होंठ चूम बोले,

"मेरी छ्होटी बहन को तो तुम जानती हो, अभी 16 की भी नही है. उसकी चूचियों भी तुमसे छ्होटी हैं. वह भी मुझसे खूब चुद्वाती है." और चूत के फाँक को चुटकी से मसला तो मैं कसमसकर बोली,

"हाए मामा अपनी छ्होटी बहन को भी मेरी मम्मी की तरह चोद्ते हो?"

"हां यहाँ रहता हूँ तो तुम्हारी मम्मी को यानी अपनी बड़ी बहन को चोद्ता हूँ और घर मे मैं अपनी छ्होटी बहन यानी तुम्हारी मौसी को खूब हचक कर चोद्ता हूँ तभी वह सोने देती है. तुम्हारी चूचियाँ तो खूब गदराई हैं. बोलो हो राज़ी." और मॅक्सी के गले से हाथ अंदर डाला तो मैं राज़ी हो गयी और बोली,

"राज़ी हूँ पर मम्मी से मत बताना." मैं उसे यह एहसास नही होने देना चाहती थी कि मैं तो जाने कब से राज़ी हूँ. उसके पास आते ही पूरा मज़ा आने लगा. मैं अपना 15 साल का ताज़ा बदन उसके हवाले करने को तैय्यार थी. अगर वह मम्मी को चोद्कर ना आए होते तो मेरी कुँवारी चूत को देखकर चोद्ने के लिए तैय्यार हो जाते. पर वह मम्मी को चोद्कर अपनी बेकरारी को काबू मैं कर चूक्के थे. वा मेरी नयी चूचियों को हाथ मैं लेते ही मेरी कीमत जान गये थे. मेरे लिए यह पहला चान्स था. मामा मुझसे ज़बरदस्ती ना कर प्यार से कर रहे थे. अब तक वह मेरी नंगी चूत को देख उसपर हाथ फेर चूम भी चूक्के थे पर मैं अभी तक उनका लंड नही देखा था. मॅक्सी के अंदर हाथ डाल चूचियों को पकड़ और बेकरार कर दिया था. मामा नेदुबारा मॅक्सी के ऊपर से चूचियों को पकड़कर कहा,

"मम्मी से मत डरो. मम्मी ने पूरी छ्छूट दे दी है. बस तुम तैय्यार हो जाओ." और चूचियों को इतनी ज़ोर से दबाया की मैं तड़प उठी.

"मुझे कुच्छ नही आता." मैं राज़ी हो बोली तो उसने कहा,

"मैं सिखा दूँगा." और मेरे गाल काटा तो मैं बोली,

"ऊई बड़े बेदर्द हो मामा." मेरी इस अदा पर मस्त हो गाल सहलाते मॅक्सी पकड़ कर बोले,

"इसको उतार दो."

"हाए पूरी नंगी करके."

"हां मेरी जान मज़ा तो नंगे होने मैं ही आता है. बोलो पूरा मज़ा लोगि ना."

"हां."

"तो फिर नंगी हो मैं अभी आता हूँ." वह कमरे से बाहर चला गया. मैं कहाँ थी, बता नही सकती थी. पूरे बदन मैं चईटियाँ चलने लगी. चूत फुदकने लगी थी. मैं पूरी तरह तैय्यार थी. मैने जल्दी से मॅक्सी उतार दी और पूरी नंगी हो बेड पर लेट गयी. मम्मी तो चुद्वाने के बाद अपने कमरे मैं आराम से सो रही थी और अपने यार को मेरे पास भेज दिया था. मैं अपने नंगे जवान बदन को देखती आने वाले लम्हो की याद मैं खोई थी कि मेरी माँ का यार वापस आया. मुझे नंगी देख वह खिल उठा. पास आ पीठ पर हाथ फेर बोले,

"अब पओगि जन्नत का मज़ा." मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेर मज़ा दे उसने झटके से अपनी लूँगी अलग की तो उनका लंड मेरे पास आते ही झटके खाने लगा. अभी उसमे फुल पवर नही आया था पर अभी भी उसका कम से कम 6 इंच का था. मैं ग़ज़ब का लंड देख मस्ती से भर गयी. वह बेड पर आए और पीछे बैठ मेरी कमर पकड़कर बोले,

"गोद मैं आओ मेरी जान." मेरा कमरा मेरे लिए जन्नत बन गया था. अब हम दोनो ही नंगे थे. जब मामा की गोद मैं अपनी गांद रखी तो मामा ने फ़ौरन मेरी दोनो चूचियों को अपने दोनो हाथों मैं ले बदन मैं करेंट दौराया.

"ठीक से बैठो तभी असली मज़ा मिलेगा. देखना आज मेरे साथ कितना मज़ा आता है." नंगी चूचियों पर उसका हाथ चला तो आँख बंद होने लगी. अब सच ही बड़ा मज़ा आ रहा था.

"हेमा."

"जी"

"कैसा लग रहा है?" मेरी गांद मैं उसका खड़ा लंड गड़ रहा था जो एक नया मज़ा दे रहा था. अब मैं बदहवास हो उसकी नंगी गोद मैं नंगी बैठी अपनी चूचियों को मसलवाती मस्त होती जा रही थी. तभी मामा ने चूचियों के टाइट निपल को चुटकी से दबाते पूछा,

"बोलो मेरी जान."

"हाए अब और मज़ा आ रहा है. मामा."

"घबराव नही तुमको भी मम्मी की तरह पूरा मज़ा दूँगा. हाए तुम्हारी चूचियाँ तो दीदी से भी अच्छी हैं." वह मेरी मस्त जवानी को पाकर एकदम से पागल से हो गये थे. निपल की च्छेड़च्छाद से बदन झनझणा गया था. तभी मामा ने मुझे गोद से उतारकर बेड पर लिटाया और मेरे निपल को होंठ से चूस्कर मुझे पागल कर दिया. हाथ की बजाए मुँह से ज़्यादा मज़ा आया. मामा की इस हरकत से मैं खुद को भूल गयी. उसको मेरी चूचियाँ खूब पसंद आई. मामा 10 मिनिट तक मेरी चूचियों को चूस चूस्कर पीते रहे. चूचियों को पीने के बाद मामा ने मुझसे राणो को फैलाने को कहा तो मैने खुश होकर अपने बहन्चोद मामा के लिए जन्नत का दरवाज़ा खोल दिया. पैर खोलने के बाद मामा ने मेरी कुँवारी चूत पर अपनी जीभ फिराई तो मैं तड़प उठी. वह मेरी चूत को चाटने लगे. चत्वाते ही मैं तड़प उठी. मामा ने चाटते हुवे पूछा,

"बोलो कैसा लग रहा है?"

"बहुत अच्छा मेरे राजा."

"तुम तो डर रही थी. अब दोनो का मज़ा एक साथ लो." और अपने दोनो हाथ को मेरी मस्त चूचियों पर लगा दोनो को दबाते मेरी कुँवारी गुलाबी चूत को चाटने लगे तो मैं दोनो का मज़ा एक साथ पा तड़पति हुई बोली,

"हाए आआहह बस करो मामा ऊई नही अब नही."

"अभी लेती रहो." मुझे ग़ज़ब का मज़ा आया. वह भी मेरी जवानी को चटकार मस्त हो उठे. 10 मिनिट तक चाटते रहे फिर मुझे जवान करने के लिए मेरे ऊपर आए. मामा ने पहले ही मस्त कर दिया था इसलिए दर्द कम हुवा. मामा भी धीरे धीरे पेलकर चोद रहे थे. मेरी चूत एकदम ताज़ी थी इसलिए मामा मेरे दीवाने होकर बोले,

"हाए अब तो सारी रात तुमको ही चोदुन्गा." मैं मस्त थी इसलिए दर्द की जगह मज़ा आ रहा था.

"मैं भी अब आपसे रोज़ चुद्वाउंगी." उस रात मामा ने दो बार चोदा था और जब वह अगली रात मुझे पेल रहे थे तो अचानक मम्मी भी मेरे कमरे मैं आ गयी. मैं ज़रा सा घबराई लेकिन मामा उसी तरह चोद्ते रहे. मम्मी पास आ मेरी बगल मैं लेट मेरी चूचियों को पकड़कर बोली,

"ओह बेटी अब तो तुम्हारी चोद्ने लायक हो गयी है. लो मज़ा मेरे यार के तगड़े लंड का."

"ओह मम्मी मामा बहुत अच्छी हैं. बहुत अच्छा लग रहा है." अब मैं और मम्मी दोनो साथ ही मामा से चुद्वाते हैं.
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-11-2021, 12:25 PM

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