RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
तरुण ने मेरी पत्नी का इशारा देख लिया था। तरुण ने तुरंत फुर्ती से उठकर अपने बार से एक व्हिस्की और एक जीन की बोतल निकाली और दो गिलास में व्हिस्की और एक गिलास में जीन डालने लगा तो दीपा ने जोर से कहा, "तरुण, रुको, मेरे गिलास में भी व्हिस्की डालो। आज मैं अपने पति को दिखाना चाहती हूँ की एक स्त्री भी पुरुष का मुकाबला कर सकती है। "
दीपा ने तरुण के हाथ से व्हिस्की की बोतल ले कर अपने गिलास में भी व्हिस्की डाली। तरुण भौंचक्का सा देखता ही रह गया। मेरे भी आश्चर्य का ठिकाना नहीं था। मैंने देखा तो दीपा ने व्हिस्की के साथ कुछ भी मिलाया नहीं और वह गिलास को देखते ही देखते साफ़ कर गयी। व्हिस्की अंदर जाने से दीपा ने कुछ देर के लिए अपनी आँखें मूंद लीं। उसे व्हिस्की का टेस्ट जमा नहीं पर दीपा कैसे भी व्हिस्की को गटागट पी गयी। मैंने सोचा हाय, आज तो जीन और व्हिस्की का खतरनाक मिलन हो गया था। आज तो क़यामत आने वाली है।
मैंने और तरुण ने भी अपने गिलास खाली किये। तरुण ने फिर अपनी गंभीर आवाज में कहा, "देखो हमारे पास पूरी रात पड़ी है। आप जो सुनना चाहते हो वह एक लम्बी कहानी है। आज हमें बहु बात करनी है। बातें करने से पहले क्यों न हम अपने कपडे बदलें और फिर आराम से बात करें। बात कर के हम चाहें तो सुबह थोड़ी देर के लिए सो सकते हैं। दीपक, तुम मेरे नाईट सूट को पहनलो। दीपा भाभी क्या मैं आप को टीना की कोई नाईटी दूँ?"
मैंने दीपा की और इशारा करते हुए तरुण को बोला, " लाओ भाई। मैं तो एक मर्द हूँ। मुझे खुले में कपडे बदलने में कोई झिझक नहीं है। तुम इस मैडम को पूछो, क्या इसे कोई एतराज है?"
तरुण ने अपना एक नाईट सूट मेरी तरफ बढ़ाया। मैंने उसे अपने हाथों में लिया और दीपा और तरुण के सामने अपने कपडे उतारे ओर सिर्फ जांघिया पहने हुए तरुण का कुर्ता पहना और फिर जांघिया भी निकाल दिया और पजामा पहना। ऐसा करते हुए, मेरा आधा खड़ा लण्ड सब को दिख गया। मैंने उसे छुपाने की कोशिश नहीं की। मैं मेरी बीबी को दिखाना चाहता था की मर्द को औरत की तरह फ़ालतू की शर्म नहीं होती। दीपा मेरे लण्ड का तरुण के सामने मुझे प्रदर्शन करते हुए देख कर चौंक गयी और कुछ सहम भी गयी। दीपा और मैं वैसे भी रात को अंदर के कपडे नहीं पहनते थे।
दीपा ने तरुण की और मुड़ते हुए लहजे में कहा, "सुना और देखा तुमने तरुण? मेरे पति कितने बेशर्म और निर्लज्ज हैं? खुद को नंगा होने में शर्म नहीं पर क्या वह अपनी पत्नी को भी दूसरे के सामने नंगी करवाना चाहते हैं?"
मैंने पट से कहा, "अरे भाई तरुण कोई दुसरा या बाहर का थोड़े ही है? अभी अभी तो तुम कह रही थी की हम तरुण के करीबी हैं और तरुण हमारा अपना करीबी है और हमको एक दूसरे से कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए?"
दीपा ने कहा, "बात अगर जिद की है, तो मैं भी पीछे हटनेवालों में से नहीं हूँ। अगर मेरे पति ही मुझे नंगी करना चाहते हैं तो भला मैं क्यों पीछे हटूंगी? बात आज इज्जत की है। अगर वह जिद्दी हैं तो मैं डबल जिद्दी हूँ। मुझे तुम्हारे या टीना के कपडे यहीं पर पहनने में कोई एतराज नहीं है। लाओ, कहाँ है टीना का नाईट गाउन?" दीपा की आवाज में साफ़ थरथर्राहट थी। मैं समझ गया की दीपा को अच्छी खासी चढ़ गयी है।
तरुण ने जल्दी से चुन कर टीना का वह नाईट गाउन निकाला जो एकदम पतला और लगभग पारदर्शी सा था। तरुण ने अपने हनीमून पर टीना के लीये वह ख़रीदा था।
तरुण ने आगे से थोड़ा झुक कर बड़े अदब से कहा, "भाभीजी, भले ही मैं आपके खूबसूरत बदन को सेक्सी नजर से देखता हूँ और उसे चाहता हूँ, पर इसका मतलब यह नहीं है की आप मेरे लिए बड़े सम्मान के पात्र नहीं हो। दीपक तो पागल हो गया है। अरे उसे शिष्टता का भी ध्यान है के नहीं?"
फिर मेरी और मुड़ कर बोला, "भाई आप का दिमाग ठिकाने नहीं है। आप को मुझे सम्हालना चाहिए। उसकी जगह आप तो मेरी भाभी को ही परेशान कर रहे हो। मैं अकेला ही काफी हूँ भाभी को परेशान करने के लिए। मेरा दिमाग वैसे ही बिगड़ा हुआ है, उसे और मत बिगाड़ो।"
तरुण ने दीपा से कहा, "भाभी, भाई का भी दिमाग खराब है। उनकी मत सुनो। स्त्रियों का पुरुषों से कोई मुकाबला ही नहीं है। स्त्रियाँ पुरुषों से कहीं ज्यादा ऊँची और कई गुना ज्यादा महत्वपूर्ण है। जो काम स्त्रियां कर सकती हैं क्या वह पुरुष कर सकता है? क्या पुरुष बच्चों को जनम दे सकता है?"
फिर तरुण ने मुझे कहा, "भाई फ़ालतू की बातें मत करो यार! क्या मेरी भाभी मेरे सामने अपने कपडे बदलेगी? आप को शिष्टता का ध्यान ना हो पर मुझे तो है ना?"
और फिर दीपा को कहा, "भाभीजी आप रुक जाओ। मैं यहां से चला जाता हूँ। आप आराम से अपने कपडे बदलो तब तक मैं भी अपना नाईट गाउन पहनकर आता हूँ।"
|