RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
मेरी बात सुन कर दीपा ने सहमति में कुछ भी बोले बगैर अपना सर हिलाया। मेरी पत्नी सोच में पड़ गयी। मैंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, "देखो तरुण ने क्या कहा? उसने कहा की जब अपने, मतलब टीना, ही यहां नहीं है तो वह तुमसे क्या उम्मीद रखे? इसका मतलब है अभी तक तरुण तुम्हें अपनी नहीं समझता। क्या तुम तरुण को अपना समझती हो? तरुण शायद यही कहना चाह रहा था की अपने ही उसे शांत कर सकते हैं।"
मेरी बात सुन कर दीपा का चेहरा कुछ मुरझा सा गया। उसने कहा, "मैंने तरुण को हमेशा अपना समझा है। तभी तो उसकी इतनी सारी छेड़ने वाली हरकतों के बावजूद भी मैंने उसे ज्यादा कुछ नहीं कहा। क्या इतना कुछ करने पर भी तरुण मुझे अपनी नहीं समझता? यह तो गलत है ना?"
मैंने कहा, "वह शायद इस लिए तुम्हें अपनी नहीं समझता क्यों की तरुण जब जोश में आ कर तुम्हारे साथ कभी कुछ ज्यादा छूट ले लेता है तो तुम बिगड़ जाती हो। बात तो सही है। क्यूंकि तुम तरुण और मेरे बिच में फर्क समझती हो। तरुण अगर तुम्हें अपनी मान भी ले तो तुम उसे पत्नी की तरह प्यार थोड़े ही करने दोगी? मेरा यह मानना है की तरुण के इस हाल में औपचारिक ढाढस देने से कोई फर्क नहीं पडेगा। अभी तो प्यार से उसका दिमाग घुमाने की जरुरत है और वह एक पत्नी ही कर सकती है। हाँ अगर चाहो तो तुम जरूर कर सकती हो, क्यूंकि वह तो तुम्हें अपनी पत्नी की तरह ही मानने के और प्यार करने के सपने देखता है, पर वह जानता है की तुम उसे अपना नहीं मानती। क्या मैं गलत कह रहा हूँ?"
मुझे मेरी बीबी का अभिप्राय जानना था। दीपा की आँखें भर आयी थीं। उसने मेरी और देखा और बोली, "दीपक मुझे तुमको एक बात बतानी है। तुम ठीक कह रहे हो। उस दिन जब वह आटे के डिब्बे वाला किस्सा हुआ था ना? याद है? उस दिन बाथरूम में तरुण ने मुझे बहुत परेशान किया था। उसने मेरी ब्रेअस्ट्स दबायी मसली और मुझे लिपट कर किस भी की। वह तो मैंने तुम्हें बताया पर एक बात मैंने तुमसे छुपाई वह यह थी की मैं जब निचे बैठकर उसके पतलून से आटा साफ़ कर रही थी तब उसने अपना लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया था। मतलब लण्ड पतलून के अंदर था पर उसने धक्का मार कर उसे मेरे मुंह में डाल दिया। मैं उसकी हरकतों से इतनी परेशान हो गयी थी की मैंने उसे हाथ जोड़कर मुझे छोड़ने के लिए यह कहा की मैं बाद में वह जो कहेगा वह करुँगी पर उस समय मुझे जाने दे।"
मैं मेरी बीबी की और खुले मुंह देखता ही रहा। मेरा चेहरा देख कर दीपा कुछ सहम गयी और बोली, "मुझे माफ़ कर देना पर मुझे अपने आप पर इतनी नफरत हो गयी थी की क्या बताऊं? तुम्हें यह बता नहीं सकी। मैं उसके चंगुल से भागना चाहती थी। और आज शामको जब हम बाहर निकले और तुम जब फ़ोन पर तुम्हारी बहन से बात कर रहे थे तब पता है उसने क्या किया?"
मैंने पूछा, "क्या किया?"
दीपा ने कहा, "उसने मुझसे वह वचन पूरा करने को कहा।""
मरे लिए तो मेरी भोली बीबी की यह बात एक बिजली गिरने जैसी थी। हालांकि मैं समझ गया था की तरुण ने क्या माँगा होगा, फिर भी मैंने पूछा, "क्या वचन माँगा उसने?"
दीपा ने मुरझाती हुई आवाज में नजरें झुकाते हुए कहा, "उसने मुझे उससे चुदवाने का वचन आज मांग लिया।"
मैंने जैसे बिजली गिरी हो ऐसे आश्चर्य दिखाते हुए पूछा, "क्या? दीपा तुम क्या कह रही हो? फिर तुमने क्या कहा?"
दीपा की आँखों में आँसूं भर आये। वह बोल नहीं पा रही थी। आखिर में उसने कहा, "मैं क्या कहती? मैंने उसे कहा, यह उसने गलत किया है। उसने मुझसे धोखाधड़ी की है। पर मैं करूँ तो क्या करूँ? मैंने उसे वचन जो दे दिया था?" उसने मेरी और प्रश्नात्मक दृष्टि से देखा।
मैंने मेरी बीबी को ढाढस दिलाते हुए कहा, "धोखे से दिया गया वचन पालने की तुम्हें कोई जरुरत नहीं है। वैसे मुझे लगता है की यह अच्छा ही हुआ की तुमने उसे ऐसा वचन दिया।"
दीपा ने मेरी और पैनी नजर से देखा और पूछा, "क्यों? तुम ऐसा क्यों कहते हो?"
मैंने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ कहा, "यह तो बहुत ही अच्छा हुआ क्यूंकि अब तुम्हें अगर तरुण चोदता भी है तो तुम्हें कोई रंज नहीं होना चाहिए। वैसे भी तो तुम्हें उससे चुदवाना पडेगा ही क्यों की तुमने वचन जो दिया है? तो बेहतर ही की तुम तरुण को यह एहसास दिलाओ की टीना नहीं है तो क्या हुआ? तुम पत्नी भले ही नहीं हो पर तुम उसे पत्नी का प्यार क्यों नहीं दे सकती? तुम उसे यह एहसास दिलाओ की तरुण भी तुम्हारा अपना है। तरुण का भी तुम पर अधिकार है। तुम सिर्फ अपने पति की ही नहीं, तरुण की जरुरत का भी ध्यान तुम एक पत्नी की तरह रख सकती हो। जैसे टीना नहीं है तो तुम तरुण के खाने का ख्याल रख सकती हो वैसे ही आज जब टीना नहीं है तो क्या तुम तरुण की दूसरी जरूरतों का ध्यान नहीं रख सकती? क्या तुम तरुण को एक पत्नी का प्यार नहीं दे सकती? क्या तुम तरुण को नयी जिंदगी नहीं दे सकती? क्या प्यार का मतलब सिर्फ छेड़खानी करना या हंसी मजाक करना ही है?"
|