RE: kamukta Kaamdev ki Leela
"सेक्स" डायरेक्टली बोलके नमिता एक दम
से घबरा गई लेकिन ज़्यादा रिएक्ट नहीं की जबकि रेवती और रिमी अपनी दीदी की और देखने लगी जैसे कोई जुर्म का कुबूल किया गया हो। रिमी मन ही मन खुश हो गई के उसकी प्यारी नमिता दीदी अपनी दास्तां खुद सुनाने वाली थी! वोह चुप चाप दीदी की और देखने लगी।
नमिता सोचने लगी के ना जाने कैसे स्लिप हो गई उसकी जिब में से इतना करवा सच! लेकिन अब जब सच्चाई का सामना हो ही चुकी थी, वोह पीछे नहीं हटने वाली थी।
नमिता : अरे घबरा किऊ रही हो?? नाम लेने में क्या है!! (नटखट मुस्कुराहट देती हुई)
रिमी : दीदी!!!! क्या कह रही हों आप? ओह गॉड!!!
रेवती : इंपॉसिबल!!! दीदी???? (हैरानी में डूबी हुई)
नमिता : प्रॉब्लम क्या है? (उठ जाती है एक बलखाती पोज लके) क्या राहुल मर्द नहीं?? (नमखरे दिखाकर) क्या में लड़की नहीं??
रेवती : ओह गॉड!! मेरा सर घूम रहा है!! दीदी क्या बोल रही हो आप????
रिमी : पकड़ी गई चोरनी!!!! सुनो सुनो गाववालो!!!! (एक मैगजीन को मोड़के भोंपू बनाती हुई)
नमिता : देख! (घुस्से में) अगर तुम लोगो ने किसी ने भी मुझसे राहुल से छीनने की कोशिश की तो (नाटकीय अंदाज में) तो कुछ भी कर बैठूंगी!!!
रेवती और रिमी हैरान होकर एक दूसरे को देखने लगी। नमिता मन ही मन अब रिमी को सजा देने की ठान ली और जब रेवती आगे कोंटिनियू करने वाली थी तो उसकी कोहनी कस कर जकड़ लेती है नमिता "रुक!!! मेरी बात खतम नही हुई!"
रिमी और रेवती अब पसीना बहाने लगी और नमिता अचानक उठ के अपनी ड्रॉअर में से एक अजीब वस्तु निकली जिसे देख दोनों बहने अपनी आंखें चौड़ी करके दीदी को देखने लगे!
वोह वस्तु एक काले रंग के बेल्ट था जिस के साथ एक काला लंबा वस्तु अटैच किया गया था जो किसी पुरुष लिंग से कम नहीं दिख रहा था।
ऐसी अजीब वस्तु देखकर रिमी और रेवती पसीना पसीना हो गई क्योंकि उन्हें पता लगने में विलंब नहीं हुई के की वोह किस काम में आता था। घबराहट में दोनों बहने बराबर थी लेकिन फिर एक तेज़ सिटी की आवाज़ आगयी हल्की सी। नमिता रिमी को देखने लगी और फिर दोनों मिलके रेवती के, जिसने घबरहट के मारे मुत दिया था वहीं के वहीं बैठी हुई।
रिमी : शीट! (उठ जाती है जगह से) रेवती दी क्या है यह??
रेवती रोने की कगार पे थी। उस वस्तु को देखकर उसकी पैंटी मूत से गीली हो गई थी, उसे समझ नहीं आ रही थी के नमिता दीदी ऐसा क्यों कर रही थी।
नमिता : रेवती मी बेबी! अभी तो बहुत कुछ देखनी बाकी है! तो हां (रिमी की और देखकर) तुम यह नहीं जानना चाहोगी के राहुल और मेरे बीच क्या क्या हुआ था! हूं?
रिमी अब और पसीना पसीना होने लगी। खेल तो हसी मज़ाक में शुरू हुई थी, लेकिन अब मामला संगीन होने लगी थी। वोह कुछ बोली नहीं बल्कि वहीं घबराहट और उत्सुकता लिए खड़ी रही। मन ही मन अपनी आप को कोस रही थी इस खेल को शुरू करने के लिए!
नमिता वोह बेल्ट अब पहन लेती है और बेहद कस के अपनी कमर के साथ एडजस्ट करती है। होंठों पे मुस्कान, हाथ को कमर में लिए और आंखो में तेज़ आग! यह थी नमिता की हुलिया जो दोनों बहनों को स्तब्ध बनाए रखी।
नमिता : (हौले हौले अब रिमी की और चलने लगी) रिमी मेरी प्यारी बहन!!!!! आ मेरे पास आ!
रिमी : दीदी! तुम पागल हो गई हो!! जाओ आप यहां से!!!
रिमी भागने ही वाली थी के नमिता उसकी कलाई जकड़ लेती है और पीछे की और खीच देती है! रिमी सीधा अपने दीदी कि बाहों में आ गई और कुछ पल के लिए नज़र से नजर मिल गई। रेवती को अब ना जाने क्यों मज़ा आने लगी! वोह एक तकिया गोद में लिए बिस्तर पर बैठी दोनों को को देखने लगी।
नमिता बिना संकोच किए अपनी ताप्ती होंठ अपने बहन कि रसीले होंठ पे चिपका देती है और एक तेज़ खुमार दोनों के जिस्म पे गुजरने लगी, मानो फिर सेहलाब उठी हो! इस सीन को हैरानी से रेवती देखने लगी और तकिया को कस के जकड़ ल लेती है अपनी सीने पर।
फिर क्या! स्तन दबाई और गर्दन चुसाई चलती रही और रिमी बेझिझक साथ दे रही थी। सच पूछिए तो नए नए आए उभर को मसले जाने पर उसके जिस्म में मीठी मीठी एहसास जागने लगी।
नमिता और रिमी के दरमियान कुछ सन्नाटा सा छाने लगी और दोनों एक दूसरे में जैसे खो गए। नमिता फिर एक बार एक हल्की चुम्मी पसर देती है उसकी बहन की होंठ पर और अब की बड़ उसकी जुल्फों को हटके उसकी मखमली गर्दन को चूमने लगी। रिमी अब बिना विरोध किए आंखे बंद कर लेती है। देखते देखते उसकी पूरी गर्दन गीली होने लगी और फिर उसकी कान के पास जाके प्यार से फुसफुसाई "रिमी! में ही राहुल भइया हूं!"
रिमी की आंखें बरी बारी हो गई और अपनी दीदी की जगह सचमुच राहुल की तस्ववुर करने लगा गई। एक प्रेमी कि तरह वोह नमिता को कस के जकड़ लेती, जिससे नतीजा यह हुई के नमिता की बेलटवली नकली लिंग अब उसकी बहन की योनि पर चुभने लगी। उफ्फ यह एहसास से रिमी अपनी होंठ काटने लगी।
नमिता की ज़्यादा वजन होने से रिमी को डोमिनेट करना कोई बरी बात नहीं थी। उल्टा, इस खेल में बहुत मजा आ रहा था क्योंकि नकली लिंग लिए नमिता को एक मर्द की शक्ति का अनुभव हो रही थी। ऐसी खेल उसके लिए कोई बरी बात नहीं थी दोस्तों! दरअसल मेडिकल कॉलेज में अक्सर रैगिंग होती थी लेकिन रिमी के साथ आज वोह सारी हद पार करना चाहती थी!
बिना किसी और विलंब की रिमी मदहोशी की इस आलम में खोने लगी और नमिता को ही राहुल समझके फोरण अपने दीदी के नकली लिंग को जकड़ के मसलने लगी। लिंग तो नकली थी, लेकिन ऐसे जकड़े जाने से मानो नमिता की जिस्म में एक तूफानी लहर दौड़ गई और राहुल के साथ बीते सारे के सारे हसीन दस्ताए को याद करके वोह भी अपनी बहन की योनि को कस के जकड़ लेती है!
नमिता : कुछ ऐसा किया था राहुल ने मेरे साथ!!
रेवती जो अपनी बहन की सोषण देख रही थी, अचानक से एक चुटकी बजाई और चिल्ला उठी "बस!!!!! स्टॉप इट यू बोथ!!!" उसकी आवाज़ सने रिमी की टंद्र टूट गई और अपनी दीदी को धकेलती हुई कमरे में से भाग गई। नमिता को भी होश अगई धीरे से और नीचे देख खुद की हुलिया पे शर्म आ गई।
"शीट! यह मैंने किया कर दिया!!!!" शर्म के मारे उसने रेवती को भी अपना मुंह नहीं दिखा पाई और उनके कमरे के बरामदे में से गजोधरी एक फूल की पत्ती को सहलाती हुई बोल परी "इतनी जल्दी भी क्या है! नमिता रानी! जो फ्ल तुमने चखी है, वहीं के वहीं पहले अपनी बहन को तो चाखाओ!!"
इतना कहना था के वोह झट से वहा से गायब हो गई और धीरे धीरे शाम से रात हो गई।
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