RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
कुछ दिनों बाद कबीर के मामा-मामी, यानी समीर के माता-पिता, कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर गए, समीर को घर पर अकेला छोड़कर। समीर जब घर पर अकेला होता था, तो घर, घर नहीं रहता था, बल्कि क्लब हाउस होते हुए मैड हाउस बन जाता था। इस बार भी वैसा ही हुआ। समीर ने अपने साथियों को हाउस पार्टी पर अपने घर बुलाया; कबीर तो खैर वहाँ मौजूद था ही। आपको यह जानने की उत्सुकता होगी, कि ब्रिटेन की टीनएज पार्टियों में क्या होता है। टीनएज पार्टियाँ हर जगह एक जैसी ही होती हैं। जब सोलह सत्रह साल के लड़के-लड़कियाँ मिलते हैं, तो वे आपकी और मेरी तरह किस्से सुनते-सुनाते नहीं हैं, बल्कि अपनी सरगर्म हरकतों से किस्से रचते हैं; उस रात भी उस पार्टी में एक ख़ास किस्सा रचा गया।
टीनएज पार्टियों में दो ची़जें अनिवार्य होती हैं; एक तो संगीत, और दूसरी शराब। संगीत वही होता है, जिस पर थिरका जा सके; मगर वैसा संगीत न भी हो तो भी जवान लड़के-लडकियाँ ख़ुद ही अपनी ताल पैदा कर लेते हैं। और जब शराब भीतर जाए, तो फिर वो किसी ताल के मोहता़ज भी नहीं रहते। कुछ ही देर में वे या तो जोड़ों में बँट जाते हैं, या जोड़े बनाने में मशगूल हो जाते हैं, और पार्टी खत्म होते तक कुछ नए जोड़ों की ताल मिल जाती है, और कुछ पुराने जोड़ों की ताल टूट जाती है।
समीर के घर संगीत का इंत़जाम तो पहले से ही था... सोनी का होम थिएटर, बोस के स्पीकर्स के साथ। शराब का इंत़जाम भी उसने कर लिया था। हालाँकि ब्रिटेन में अठारह साल से कम के बच्चों का शराब खरीदना और माता-पिता की म़र्जी के बिना शराब पीना गैर-कानूनी है, मगर समीर ने बिस्मिल, के ज़रिये भारत सरकार की दुकान से शराब मँगा ली थी। वैसे बिस्मिल म़जहबी कारणों से ख़ुद शराब नहीं पीता था; मगर ऊपर से पैसे लेकर गैरकानूनी तरह से शराब बेचने में उसे कोई दिक्कत नहीं थी।
लगभग सात बजे समीर के साथी आना शुरू हुए। सबसे पहले आई टीना। टीना समीर की गर्लफ्रेंड थी। लम्बी गोरी सिक्खनी, यानी पंजाबी सिख लड़की।
‘‘हाय कबीर!’’ टीना ने कबीर को देखकर हाथ आगे बढ़ाया।
कबीर को, टीना को देखकर बहुत कुछ होता था। उसकी धड़कनें ते़ज हो जाती थीं, और आँखें चोरबा़जारी करने लगती थीं; मगर वह टीना से हाथ मिलाने का कोई मौका हाथ से जाने न देता। इस बार भी उसने तपाक से हाथ बढ़ाया, या यूँ कहें कि हाथ ख़ुद-ब-ख़ुद बढ़ गया। मगर टीना का हाथ छूते ही उसकी धड़कनें कुछ इस ते़जी से बढ़ीं, कि उसे लगा कि अगर तुरंत हाथ न हटाया, तो उसका दिल सीने से उछलकर टीना के पैरों में जा गिरेगा। सो हाथ जिस ते़जी से बढ़ा था, उसी ते़जी से पीछे भी आ गया। वैसे उसे ब्रिटेन की लड़कियों में यह बात बहुत अच्छी लगती थी, कि लड़कों से हाथ मिलाने में कोई शर्म या संकोच न करना, और थोड़ी निकटता बढ़ने पर गले मिलने में भी वही तत्परता दिखाना। उस रात की पार्टी से कबीर यही उम्मीद लगाए हुआ था, कि समीर की सखियों से उसकी निकटता गले लगने तक बढ़े।
थोड़ी ही देर में समीर के दूसरे साथी भी आना शुरू हो गए। कुछ जोड़ों में थे और कुछ अकेले थे। जो जोड़ों में थे, उनके हाथ एक दूसरे की बाँहों या कमर में लिपटे हुए थे; और जो अकेले थे, उनके हाथ बोतलों पर लिपटे हुए थे; कुछ शराब की, और कुछ कोकाकोला या स्प्राइट की... जिनके भीतर भी शराब ही थी। जो लड़कियाँ अपने बॉयफ्रेंड के साथ थीं, उन्होंने बहुत छोटे और तंग कपड़े पहने हुए थे; जो लड़कियाँ अकेली थीं, उन्होंने उनसे भी छोटे और तंग कपड़े पहने हुए थे। कबीर ने इतनी सारी, और इतनी खूबसूरत लड़कियों को इतने कम और तंग कपड़ों में अपने इतने करीब पहली बार देखा था। उसे बचपन के वे दिन याद आने लगे, जब वह किसी केक या पेस्ट्री की शॉप में पहुँचकर वहाँ सजी ढेरों रंग-बिरंगी, क्रीमी, प्रूâटी, चॉकलेटी पेस्ट्रियों को देखकर दीवाना हो जाता था और मुँह में भरा पानी कभी-कभी लार के रूप में छलक कर टपक भी पड़ता था; मगर फ़र्क यह होता था, कि वहाँ उसे एक या दो पेस्ट्री खरीद दी जातीं, जो मुँह के पानी में घुलकर उसकी लालसा पूरी कर जातीं; यहाँ उसे अपनी लालसा पूरी करने की ऐसी कोई गुंजाइश नहीं दिख रही थी।
पार्टी शुरू हुई, और युवा ऊर्जा चारों ओर बिखरने लगी। म्यू़िजक लाउड था, और उस पर थिरकते क़दम ते़ज थे। लड़के-लड़कियों के हाथ कभी एक दूसरे की कमर जकड़ते, तो, कभी बियर की बोतल और शराब के प्याले पकड़ने को लपकते। उनके होंठ, शराब के कुछ घूँट भीतर उड़ेलने को खुलते, और फिर जाकर अपने साथी के होंठों पर चिपक जाते। धीरे-धीरे शराब उनके कदमों की ताल बिगाड़ने लगी, और कुछ देर बाद सिर चढ़कर बोलने लगी।
अचानक ही एक लड़का लहराकर फर्श पर गिरा और लोटने लगा। उसे गिरता देख कबीर घबराकर चीख उठा, ‘‘इसे क्या हुआ?’’
‘‘नथिंग; ही जस्ट वांट्स टू लुक अंडर गल्र्स स्कट्र्स।’’ समीर ने हँसते हुए कहा।
‘‘व्हाट कलर आर हर पैंटी़ज, टेल मी व्हाट कलर आर हर पैंटी़ज, ब्लैक इस सेक्सी, सेक्सी, ब्लू इस क्रे़जी, क्रे़जी...।’’ नशे में धुत एक लड़के ने गाना शुरू किया।
‘‘गाए़ज स्टॉप दिस, आई नीड टॉयलेट।’’ अचानक टीना की चीखती हुई आवा़ज आई।
‘‘ओए! किसी को टॉयलेट आ रही हो तो इसे दे दो; शी नीड्स टॉयलेट।’’ एक सिख लड़के ने ठहाका लगाया।
‘‘शटअप! देयर इ़ज समवन इन द टॉयलेट फॉर पास्ट ट्वेंटी मिनट्स।’’ टीना फिर से चीखी।
‘‘आर यू होल्डिंग योर पी फॉर ट्वेंटी मिनट्स? गाए़ज, लेट्स हैव ए होल्ड योर पी चैलेन्ज।’’ सिख लड़के ने बाएँ हाथ से अपनी टाँगों के बीच इशारा किया।
‘‘टीना, पिस ऑन दिस गाए।’’ किसी ने फ़र्श पर लोट रहे लड़के की ओर इशारा किया, ‘‘ही है़ज फेटिश फॉर गल्र्स पिसिंग ऑन हिम।’’
फ़र्श पर लोटता हुआ लड़का, पीठ के बल सरकते हुए टीना के पैरों के पास पहुँचा और गाने लगा, ‘‘पिस ऑन माइ लिप्स एंड टेल मी इट्स रेनिंग, पिस ऑन माइ लिप्स एंड टेल मी इट्स रेनिंग...।’’
‘‘पिस आ़फ्फ।’’ टीना ने उसके बायें कंधे को ठोकर मारी, और दौड़ती हुई किचन के रास्ते से बैकगार्डन की ओर भागी।
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