10-08-2020, 12:35 PM,
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desiaks
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RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
‘‘आसमान में उड़ना चाहता था।’' माया ने हँसते हुए कहा, ‘‘मुझे कबीर किसी बिगड़े हुए बच्चे सा लगता था, जिसे न तो अपनी राह ही मालूम थी और न ही मंज़िल। मुझे लगता था कि मैं कबीर को सही रास्ता दिखा सकती थी; मगर कबीर को मेरे बताए रास्ते पर चलकर मिला क्या? कबीर अपनी ज़िन्दगी में रोमांच चाहता था, मगर उसे मिली नौ से पाँच की नौकरी; कबीर खुले आसमान में उड़ना चाहता था, और वह बँध गया एक डेस्क और कम्प्यूटर से। कबीर किसी महान मकसद के लिए जीना चाहता था, और उसे मिला, माया का अपार्टमेंट सजाने के लिए। कबीर कोई खज़ाना खोज निकालना चाहता था, और उसे मिली बँधी-बँधाई सैलरी। कबीर की कल्पनाओं में थी, उसका हाथ थामकर उड़ने वाली एक परी, और उसे मिली उस पर लगाम कसने वाली माया। प्रिया, कबीर का भटकाव वह नहीं था, जो वह चाहता था... कबीर को तो मैं भटका रही थी... मैं ठगिनी माया, अपने साथ बाँधकर। कबीर की मंज़िल उसकी आवारगी में ही है, और इस आवारगी में उसकी हमस़फर तुम्हीं बन सकती हो प्रिया, मैं नहीं।’'
‘‘माया, ये क्या कह रही हो?’' कबीर ने चौंकते हुए कहा।
‘‘एंड यू कबीर; तुम नीचे अपने घुटनों पर बैठो।’’ माया ने आँखें तरेरते हुए कबीर से कहा।
‘माया?’ कबीर कुछ और चौंका।
‘‘कबीर आई सेड, गेट ऑन योर नीज़ नाउ।’' माया ने हुक्म किया।
कबीर घबराते हुए अपने घुटनों पर बैठ गया।
‘‘गुड बॉय।’’ माया ने मुस्कुराकर कहा, ‘‘अब प्रिया का हाथ अपने हाथों में लो, और उससे प्रॉमिस करो कि उसकी दहलीज़ के भीतर हो या बाहर; तुम्हारी आवारगी हमेशा उसके हाथों को थामे रहेगी।’’
कबीर ने मुस्कुराकर माया की ओर देखा। मोहिनी माया को वह त्याग रहा था, माया के ही आदेश से। प्रिया ने हाथ बढ़ाकर कबीर को ख़ुद में समेट लिया।
* * *
‘‘तो ये थी कबीर की कहानी।’’ मैंने कहानी खत्म करते हुए मीरा की आँखों में झाँककर देखा। उसकी आँखों में अब भी एक उलझन सी बाकी थी।
‘‘हूँ... वेरी इंटरेस्टिंग एंड इंस्पाइरिंग स्टोरी; पूरी रात कैसे बीत गई पता ही नहीं चला।’’ मीरा ने मुस्कुराकर कहा, ‘‘मगर एक बात समझ नहीं आई।’’
‘क्या?’ मैंने पूछा।
‘‘यही, कि माया के बदन में जो आग और जलन सी उठी थी, वह क्या थी? ऐसा क्यों और कैसे हुआ था?’’
‘‘उसे समझने के लिए परेशान न हो मीरा; हर ची़ज किसी कारण से ही होती है... कहानी में उसकी भी ज़रूरत थी।’’ मैंने समझाया।
‘‘अच्छा अब चलती हूँ, मेरी फ्लाइट का समय भी हो रहा है; आपके साथ बहुत अच्छा समय बीता... मैंने आपका फ़ोन नंबर नोट कर लिया है, वी विल कीप इन टच।’’
‘‘श्योर मीरा; टेक केयर एंड हैव ए हैप्पी जर्नी।’’ मैंने हैंडशेक के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया। मीरा ने मुझसे हाथ मिलाकर अपना हैंडबैग उठाया और वेटिंग लाउन्ज से बाहर निकल गयी।
थोड़ी ही देर में मेरा मोबाइल फ़ोन बजा। फ़ोन मीरा का था।
‘‘काम! मेरे बदन में जलन हो रही है... बॉटम से आग सी उठ रही है, प्ली़ज हेल्प मी।’’ मीरा फ़ोन पर चीखी।
मैंने फ़ोन को कान से हटाते हुए अपना हाथ झटका, ‘‘उ़फ, इन कमबख्त हाथों में वाकई कोई जादू है।’’ कहते हुए मैं लाउन्ज के बाहर मीरा की ओर दौड़ा।
समाप्त
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