RE: Mastaram Stories ओह माय फ़किंग गॉड
शाम लगभग 6 बजे नींद खुली. अप्रेल के दिन थे, शाम गहरी हो रही थी. मैं उठने की कोशिश की तो पाया की सोमलता अभी भी मुझे जकड़े हुए सो रही थी. मेरी पीठ से चिपक के मेरी सीने को पकडे सोई थी. मैंने उसकी नींद को तोडना उचित न समझते हुए उसकी हाथ को धीरे से उठाकर उसकी ओर करवट बदली. सोमलता का चेहरा नींद में किसी बच्ची जैसा मासूम था. हालाँकि चेहरे से उम्र और दुःख के निशान साफ़ झलक रहे थे. मुझे उस वक़्त मुझसे बड़ी औरत पर बड़ा प्यार आ रहा था. मेरे हाथ उसकी जुल्फों को धीरे-धीरे सहलाने लगे. वह धीरे-धीरे साँस ले रही थी. उसकी आँखों में एक शांति, एक संतुष्टि थी. शायद मेरी हाथो की हरकत से उसकी नींद खुल गयी. धीरे से आँख खोली तो मुझे अपनी आखों में झाकता पाया. मै मुस्कुरा दिया. उसने मुझे अपनी ओर खींचते हुए पास आई. हमदोनो इतने पास थे की दोनों की छातियाँ एक-दुसरे पर दबाव दे रहे थे. उसने अपना चेहरा मेरे कंधे में छिपा लिया और मेरे कंधे को चूमने लगी. होंठो का प्यार पाकर मेरा सोया लिंग नींद से जग गया और उसकी जन्घो को चीरते हुए खड़ा होने लगा. अचानक लंड पर सोमलता की उंगलिया फिरने लगी जो लंड को और ज्यादा उकसा रही थी. वह अभी भी मुझे चूम रही थी.
अचानक वह चेहरा मेरे चेहरे के सामने लाकर पूछी – “बाबु, उस दिन तुमने जो फिल्म दिखाई थी, उसमे वह औरत अपने लड़के का लंड चूस रही थी. क्या यह गन्दा नहीं होता है?”
मैंने उसकी बालों को सहलाते हुए कहा – “नहीं मेरी सोमा, अगर शारीर साफ़ हो तो कुछ भी गन्दा नहीं होता. ना मेरा लंड, ना तुम्हारा बुर.”
वह मुस्कुराकर बोली – “अच्छा, तुमको भी चुसवाने का बड़ा मन कर रहा होगा?”
मैंने कहा – “क्यों नहीं. जब मेरी प्रेमिका मासिक में रहती थी और हम चुदाई नहीं कर पते थे तो वह मुझे इसी तरह ठंडा करती थी.”
सोमा थोड़ा मायूस होकर बोली – “लेकिन बाबु मुझे चुसना नहीं आता है. तुम मुझे वो वाली फिल्म दिखा सकते हो?”
मैंने कहा – “हाँ, क्यों नहीं. चलो मेरे कमरे में.”
मेरे मन में तो लड्डू फुट रहे थे. लंड चुसवाने के सपना सब को होता है, लेकिन अभी भी हमारे देश की लड़कियां, बीबियाँ, औरतें इसको अच्छा काम नहीं समझती है. इसलिय मैं वाकई में किस्मतवाला था जो उसने खुद मुझे प्रस्ताव दिया. मैं उसको अपने कमरे में लाया और कंप्यूटर ओं कर दी. सुबह से हमारे बदन में कपड़े का एक धागा तक नहीं था. फिल्म शुरू हो गयी और ओरल सेक्स का सीन भी आ गया. सोमा रानी बड़ी ध्यान से पोर्न स्टार की चुसाई देख रही थी. मेरा लंड तो अपना चमड़ा फाड़ने को बेताब हो रहा था. मैं एक कुर्सी कर स्क्रीन की ओर पीठ कर बैठ गया और सोमा मेरी दोनों जांघो के बीच बैठ गयी. इस तरह वह मेरी लिंग को चूस सकती थी और कंप्यूटर स्क्रीन को देख भी सकती थी. अब शुरू हुआ लंड चुसाई के कार्यक्रम. टीवी देखकर खाना बनाते बहुत सारे औरतों को आपने देखा होगा लेकिन पोर्न फिल्म देखकर लंड चूसने वाली एक शायद पहली औरत होगी.
सोमा घुटनों के सहारे बैठ गयी. फिल्म में औरत ने बिना हाथ लगाए लड़के के लंड को उपर से नीचे तक चाटती है. वैसे ही सोमा ने मेरे फनफनाते नाग को गर्म जीभ से चाट दी. मेरे मुँह से ज़ोरदार सिसकी निकली. सोमा ने मेरी ओर देखा. मेरी आँखों में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे. फिर से उसने लंड को उपर से नीचे चाटी. मैं आँख बंद कर सिसिकी को काबू में करने की बेकार कोशिश कर रहा था. पोर्न फिल्म के अनुसार वह मेरी लिंग को चूम चाट रही थी. अब उसने मेरे लंड को पूरा मुँह में डालकर सर को आगे पीछे करने लगी. मेरा कड़क लंड उसकी गले तक जा पहुंचा. वह खांसते हुए लंड हो बाहर निकाली और हांफने लगी. मैंने उसकी सर को बालों से पकड़ कर लंड को फिर से मुँह में डालकर सर को आगे पीछे करने लगा. अब वह बड़ी आराम से मुझे मुख-मैथुन का सुख दे रही थी.
अब उसने फिल्म देखना बंद कर दी और दोनों हाथो से लंड को पकड़ कर चूसने लगी. चूसने के दौरान काफी मात्रा में लार निकला जो चाप-चाप की आवाज पैदा कर रही थी. वह मेरी गोटियों से खेलते हुए लंड को चूसने लगी. मैं सातवे आसमान में था. मेरा लिंग का सुपारा फुल गया था और दर्द कर रहा था. चूँकि आज काफी बार बिर्य निकला था इसलिए इतनी जल्दी झड़ने वाला नहीं था, इसलिए सोमा धीरे-धीरे चूसने की गति बड़ा रही थी. एक हाथ से लंड को पकड़ दूसरा हाथ उसकी चुचियों पर चला गया. वह खुद अपनी चुचियों को मसल रही थी. यह देख मेरा लंड और अकड़ गया. सुपारे का दर्द मेरी जान निकल रहा था. अब मैं झड़ने वाला था. मैंने उसकी सर को लंड से अलग करने की कोशिश की लेकिन वह चुसे जा रही थी
. “आआह्हह्हह... सोमाआआआअ..... मेरा निकल रहा है..... अआह्ह्ह” एक तेज धार के साथ मेरा बांध टूट गया. ढेर सारा मुठ उसकी चुचियों पर जा गिरा. वह मुठ गिरने के वावजूद चुसे जा रही थी. लंड अकड़ कर 3-4 पिचकारी में मुठ निकाला और लटक गया. सोमा लंड को चुसे जा रही थी, जैसे वह सारा पानी निकल कर ही दम लेगी. मैंने उसको उठाकर जांघो पर बिठाया और उसकी होंठो को चूसने लगा. मैंने अपने बिर्य का स्वाद चखा. हम दोनों अगले 10-15 मिनट तक चूसते रहे. दोनों का बदन मेरे बिर्य से गन्दा हो गया, इसलिए
फिर से हमें बाथरूम जाना पड़ा.
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