Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 12:55 PM,
#4
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शहनाज़ अपने बेटे की बात से खुश हो गई और आगे बढ़ कर उसका माथा चूम लिया और बोली :" बेटा अल्लाह तुझे हमेशा बुरी नजर से बचाए।मेरा बेटा वैसे भी कितना सुंदर है तो ऐसे में नजर तो लग ही सकती हैं !!.

ऐसा कहकर वो अपने बेटे को एकटक देखने लगी तो शादाब ने अपनी अम्मी को मजाक में बोला : अम्मी अगर आप मुझे ऐसे देखती रहेगी तो और का तो मुझे पता नहीं लेकिन आपकी नजर जरूर लग जाएगी !!

शहनाज़: बेटे एक मा की नजर अपने बेटे को कभी नहीं लगती हैं, मैं तो बस ये देख रही थी कि तुम सच में बहुत खूबसूरत दिखते हो!

शादाब अपनी मा की बात पर झेंप सा गया और बात को बदलते हुए बोला:"

" अम्मी मुझे बहुत तेज भूख लगी हैं,अगर आपकी इजाज़त हो तो खाना खाया जाए !!

शहनाज़ थोड़ा फिक्र करते हुए:" अरे तेरी नजर उतारने के चक्कर में मैं तो भूल ही गई थी कि मेरा लाडला बेटा भूखा हैं, अा जा चल जल्दी खाना खाते हैं।

उसके बाद दोनो मा बेटे खाने की टेबल पर बैठ गए और शहनाज़ ने खाने का एक निवाला बनाया और शादाब के मुंह के करीब लाते हुए बोली: इतने साल के मेरा बेटा आया हैं अपने हाथ से खाना खिलाऊंगी तुझे।

शादाब अपनी मा का इतना प्यार देखकर खुश हो गया और बड़े प्यार के साथ अपना मुंह खोल कर निवाला खा लिया। एक के बाद एक निवाले बनाकर शहनाज़ अपने बेटे को खिलाने लगी।

शादाब को अपनी अम्मी का ख्याल आया और वो भी अपने हाथ से निवाला बनाकर अपनी मा के लाल सुर्ख होंठो के पास ले गया तो शहनाज़ ने अपना मुंह खोलते हुए निवाला खा लिया। दोनो मा बेटे बहुत प्यार के साथ एक दूसरे को खाना खिला रहे थे।

शादाब खाना खाते हुए:" अम्मी ये सब इतना जायकेदार खाना आपने खुद बनाया हैं क्या ?

शहनाज खुश होते हुए:" बिल्कुल बेटा, अपने लाडले के लिए मैंने खुश तेरी पसंद का सभी कुछ बनाया हैं।

शादाब:" ओह अम्मी, मन करता है कि आपके हाथ चूम लू।

इतना कहकर शादाब ने अपनी अम्मी के हाथो को चूम लिया तो शहनाज खुश के मारे फूली नहीं समाई और अपने बेटे को खीर खिलाते हुए बोली :"

" बेटा खीर कैसी लगी तुझे ? बचपन में तो तुझे बहुत पसंद थीं, रोज खीर खाया करते थे तुम

शादाब:" अच्छी बनी हैं अम्मी, मुझे पहले से ही दूध और उससे बनी चीज़े बहुत पसंद हैं।

दोनो मा बेटे बात करते हुए खाना खा रहे थे कि तभी शहनाज़ को एक झटका सा लगा और शादाब ने तेजी से पानी का गिलास अपनी अम्मी की तरफ उठा कर बढ़ा दिया तो जल्दबाजी में वो पूरा ग्लास शहनाज़ की छाती पर गिर गया जिस कारण उसका बुर्का पूरी तरह से भीग गया। शादाब ने दूसरा ग्लास उठा कर जल्दी से अपनी अम्मी को पिलाया तो उसे कुछ सुकून मिला और वो थोड़ा नॉर्मल हुई।

पानी से गीला हो जाने के कारण शहनाज का बुर्का उसके जिस्म से पूरी तरह से चिपक गया था जिस कारण उसकी चूचियो का उभार साफ़ नजर आने लगा और उनकी बनावट पुरी तरह से उभर रही थी जिससे साफ़ पता चल रहा था कि उसकी चूचियां सच में बहुत तगड़ी और मस्त है। शादाब की नजरे एकदम से अपनी अम्मी के सीने पर पड़ी तो उसकी सांसे तेज गति से चलने लगी। शहनाज को जैसे ही अपने बेटे की नजरो का आभास हुआ तो उसने अपनी चुचियों की तरफ देखा तो उसे बहुत शर्म महसूस हुई और तेजी से उठकर अंदर कमरे में भाग गई। उसकी सांसे तेज गति से चल रही थी और गला पूरी तरह से सूख गया था। उसका चेहरा शर्म के मारे लाल सुर्ख हो चुका था और चूचियां तेज सांसों के साथ उपर नीचे हो रही थी। उसने अपना बुर्का उतार दिया और उसके नीचे से गीला सूट भी उतार कर एक दूसरा सूट पहन लिया और उसके बाद फिर से बाहर की और चल पड़ी जहां उसका बेटा बैठा हुआ था। शहनाज़ के पैर बुरी तरह से कांप रहे थे और वो बहुत बड़ी उलझन में थी कि उसके इस तरह भागने से शादाब क्या सोच रहा होगा।

खैर कांपते हुए कदमों के साथ वो फिर से अपने बेटे के सामने टेबल पर बैठ गई और उसके कुछ भी बोलने से पहले खुद ही सफाई देने लगीं:

" बेटा वो पानी गिरने के कारण कपडे गीले हो गए थे जिस कारण मुझे ठंड लग रही थी इसलिए मैं एक दम से चली गई थी।

शादाब तो डर रहा था कि कहीं उसकी अम्मी उसे डांट ना करे क्योंकि वो अपनी मा की चूचियां घूरते हुए पकड़ा गया था। अपनी अम्मी की बात सुनकर शादाब ने सुकून की सांस ली और खीरे खाने लगा। दोनो मा बेटे जानते थे कि शहनाज़ के भागने की असली वजह क्या थी लेकिन दोनो ही डरे हुए थे इसलिए किसी की हिम्मत आगे सवाल पूछने की नहीं हो रही थी। शादाब के मुकाबले शहनाज की हालत ज्यादा खराब थी क्योंकि वो बहुत ज्यादा शर्मीली जिस्म की औरत थी इसलिए जब से अाई थी उसकी नजर एक बार भी शादाब से नहीं मिल पाई थी और वो चुपचाप मुंह नीचे किए हुए खीर खा रही थी और उसके हाथ कांप रहे थे। शादाब की नजर अपने आप ही ना चाहते हुए भी बार बार फिर से अपनी अम्मी के सीने पर पड़ रही थी लेकिन इस बार उसे पहले की तरह कुछ नजर नहीं आ रहा था।

शादाब:" अम्मी आप ठीक तो हो ? क्या हुआ आपके हाथ इतने क्यों कांप रहे है ?

अपने बेटे की बात सुनकर शर्म के मारे शहनाज़ का चेहरा शर्म से एक दम बिल्कुल लाल हो गया और उसे लगा जैसे उसकी सांसे रुक सी गई है। उसने बड़ी मुश्किल से अपनी हिम्मत बटोरकर नीचे ही मुंह किए हुए कहा:" बेटा वो पानी गिरने से ठंड ठंड लग गई थी ना शायद इसलिए!

कमरे में एसी चल रही थी और तापमान बिल्कुल ठीक था इसलिए सर्दी लगने का तो कोई सवाल नही था, शादाब को भले ही सेक्स और जिस्म के बारे में कुछ नहीं पता था लेकिन इतना वो जरूर समझ गया था कि उसकी अम्मी ठंड की वजह से नहीं बल्कि किसी और वजह से कांप रही है।
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RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक - by desiaks - 10-08-2020, 12:55 PM

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