Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 02:03 PM,
#52
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शहनाज़:" बेटा मुझे शर्म आती हैं, किसी ने देख लिया तो क्या कहेगा?

शादाब :" अम्मी मुझे किसी के देखने या नहीं देखने से कोई फर्क नहीं पड़ता, आपका ध्यान रखना मेरे फ़र्ज़ हैं।

शहनाज़ चुप हो गई और अपनी दोनो बांहे उसके गले में लपेट कर उससे चिपक गई। शादाब आगे बढ़ता रहा और शहनाज़ दीवानी की तरह उसका सुंदर मुखड़ा देखती रही। शादाब की छाती से उठती हुई मादक मर्दाना गंध शहनाज़ को महसूस होने लगी और वो पूरी तरह से उसमे खोती चली गई। शहनाज़ की जीभ पता नहीं कैसे अपने आप बाहर निकल गई और उसने शादाब के सीने को चूम लिया तो शादाब के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी जिसे सुनकर शहनाज़ जैसे होश में आई और अपनी गलती पर शर्म से दोहरी हो गई। दोनो गाड़ी तक अा गए थे और शादाब ने गाड़ी घर की तरफ चला दी। आज शहनाज़ पूरी तरह से अपने बेटे पर फिदा हो चली थी जबकि शादाब के मन में बार बार वहीं बात घूम रही थी कि काश तू मेरा बेटा ना होता।

थोड़ी देर बाद वो दोनो घर पहुंच गए और शादाब सब्जी लेने के लिए बाजार चला गया तो वहां उसने एक नया होटल देखा जो गांव में उसने पहली बार देखा था। वहां से उसने अपनी अम्मी की पसंद का खाना पैक कराया और घर की तरफ चल पड़ा।

उसके दिमाग में वहीं दो बाते घूम रही थी कि काश तू मेरा मेरा बेटा ना होता और मर्द के बिना औरत कितनी अधूरी होती हैं। शादाब दूसरी बात तो जल्दी ही समझ गया कि उसकी अम्मी अभी ठीक से जवान होकर पूरी तरह से खिल चुकी हैं इसलिए ज़ाहिर हैं कि उसे मर्द की कमी खलती हैं। लेकिन दादा दादी जी तो कह रहे थे कि शाहनजा ने हमेशा घर की मान मर्यादा का ध्यान रखा और गलत कदम नहीं उठाया फिर अचानक से ये क्यों बोला कि औरत मर्द के बिना अधूरी होती हैं जब मैंने उन्हें अपनी बांहों में थामा था। क्या मेरे उन्हें अपनी थामनें से उन्होंने ऐसा बोला हैं ?

उफ्फ कुछ समय नहीं अा रहा हैं ठीक से लेकिन एक बात तो साफ हैं कि अम्मी प्यार के लिए तड़प रही है। भले ही वो किसी से शर्म के मारे कुछ ना कह पाती हो लेकिन उस रात मैने उन्हें खुद देखा था किस तरह से वो खुद ही अपने आपको मसल रही थी।

शादाब ये सब सोचते हुए घर पहुंच गया और उसने देखा कि उसकी अम्मी बेड पर पड़ी हुई थी और किसी गहरी सोच में थी और खुद से ही बाते कर रही थी। शादाब उसके पास पहुंच गया और उसका गाल चूम लिया। शहनाज़ एक झटके से डरकर खड़ी हो गई लेकिन अपने बेटे को देखते ही उसे मारने लगी।

" शैतान कहीं का, मुझे डरा ही दिया था तूने तो।

शादाब:" अम्मी मैं तो बस मजाक कर रहा था। देखिए मैं आपके लिए क्या लाया हूं ?

शहनाज़ अपनी पसंद का खाना देख कर शादाब से चिपक गई और उसका मुंह चूमते हुए बोली

" बड़ा ध्यान रखता हूं तू अपनी अम्मी का, क्या बात हैं मेरे राजा ?

शादाब भी थोड़ा खुलते हुए:"

" अम्मी अब आप मेरी हीरोइन जो बन गई हैं इसलिए ध्यान भी रखना पड़ेगा और प्यार...

शहनाज़ उसकी तरफ तिरछी नजरों से देखते हुए:'

" बोल बोल ना रुक क्यों गया तू ?

शादाब आगे आकर उसके दोनो हाथ पकड़ते हुए बोला:"

" और प्यार भी करना होगा मुझे अपनी हीरोइन को।

शहनाज़ थोड़ा नाराजगी जाहिर करते हुए अपने हाथ छुड़ाने लगी और बोली:'

" जरा मेरे हाथ छोड़ एक बार फिर तुझे ठीक करती हूं, बड़ा आया मुझे प्यार करने वाला !!

शादाब ने उसके हाथ थोड़ा जोर से पकड़ लिए तो शहनाज़ को दर्द होने लगा और बोली:"

" उफ्फ तोड़ ही देगा क्या मेरे हाथ तो, कितना टाइट पकड़ा हैं बात प्यार करने की करता है और करता ज़ुल्म हैं मुझ पर।

शादाब थोड़ा उसके हाथ ढीला छोड़ते हुए:" उफ्फ करना तो प्यार ही चाहता हूं लेकिन आप तो एकदम जंगली बिल्ली जैसी खतरनाक हो, बचना तो पड़ेगा।

शहनाज़ को हंसी अा गई और फिर अगले ही पल गुस्सा करते हुए बोली:' तू बहुत ज्यादा बिगड़ गया हैं अपनी मा को जंगली बिल्ली बोलता है, तुझे सबक सिखाना पड़ेगा।

शादाब ने जिस जगह से शहनाज़ के गोरे चिट्टे हाथ पकड़े थे वहां से नीले पड़ गए थे इसलिए शहनाज़ उसे देखते हुए उसके कान में बुदबुदाई:"

" वैसे हैं तो एकदम पूरा सांड तू, देख ना कैसे हाथ नीला कर दिया मेरा। पूरा मर्द बन गया हैं।

शादाब:" उफ्फ अम्मी अभी पुरा कहां बना हूं, क्या मैं सचमुच मर्द बन गया हूं अम्मी ?

शहनाज़ अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए:"

" और नहीं तो क्या देख ना कैसे जोर से पकड़ हैं? अब तेरी शादी करनी पड़ेगी कोई तगड़ी सी लड़की देख कर ?

शादाब:" अम्मी मुझे नहीं करनी शादी, वैसे तगड़ी सी क्यों कहां आपने ?

शहनाज़ ने शादाब को बातो में लगाकर अपना एक हाथ छुड़ा लिया और उसके कान खींचते हुए बोली:"

" तगड़ी सी इसलिए क्योंकि दुबली पतली सी लड़की को तो तू पीसकर रख देगा।

शादाब अपनी अम्मी की बात सुनकर खुश हो गया और बोला:"

" क्या सच में अम्मी ?

शहनाज़ अपनी आंखे नाचते हुए:" और नहीं तो क्या ? देखा तूने अपने आपको पता नहीं क्या खाता हैं ?

शादाब :"अम्मी बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं ?

शहनाज़:" बोल दे अब जल्दी से जो बोलना है ?

शादाब;" लेकिन अम्मी आजकल के लड़के तो मोटी तगड़ी नहीं बल्कि एक दम आपके जैसी भरी हुई और पतली सी कमर वाली लड़की पसंद करते हैं ।

शहनाज़ उसके तरफ आंखे निकालते हुए :' चल कमीना कहीं का, शर्म नहीं आती अपनी मा से ऐसी बाते करते हुए तुझे?
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RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक - by desiaks - 10-08-2020, 02:03 PM

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