RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
सच कह रही हूँ….मेरी दास्तान लंबी है….कभी ना बताती अगर मेरे बाप की ज़िंदगी ख़तरे में ना होती….!
तो फिर….जल्दी से बताओ….मैं तुम्हारे बाप का यूनानी के ज़रिए इलाज करने का तय कर चुका हूँ….!
तुम समझते क्यूँ नही….मैं उनके मर्ज़ की बात नही कर रही….किसी ने उन्हे मजबूर किया है कि वो उसके लिए ग़लत किस्म के काम करते रहे….!
ब्लॅकमेलिंग….? इमरान उसे चिंतित नज़रों से देखता हुआ बोला
कॉर्निला ने सर को हाँ में हिलाया….
तो गोया….तुम उन्ही के कहने पर डॉक्टर को ले गयी थी….?
यही बात थी….
कहाँ ले गयी थी….?
हर्लें हाउस….
मशहूर इमारत है….
हाँ….वही….मैने उसे मरीज़ के कमरे में भेज कर कहने के मुताबिक उल्टे पाँव वापस हुई थी….!
अपने घर नही ले गयी थी….?
सवाल ही पैदा नही होता….
अच्छा….तो अब गाड़ी के तालूक भी सच्ची बात बता दो….!
गाड़ी उन्होने मुहैय्या की थी…. मर्सिडीस….उसी रंग और मॉडेल की जैसी हमारी गाड़ी है….
और उस सिलसिले में पोलीस ऑफीसर ने अभी तक हमारा पीछा नही छोड़ा….!
उसकी फ़िक्र ना करो….!
यक़ीन करो….मुझे सिर्फ़ उन लोगों की फ़िक्र है जो मेरे बाप को परेशान कर रहे है….!
उनसे कहो कि उन लोगों की नशानदेही कर लें….!
यही तो मुसीबत है….
अगर उन्हे मालूम हो जाए कि मैने तुम्हे उसके तालूक कुछ बता दिया है तो उनका हार्ट-फैल हो जाएगा….
और सब से ज़यादा चिंता की बात तो मैने अभी तुम्हे बताई ही नही….!
वो भी जल्दी से बता दो….?
मेरे ज़रिए वो तुम पर हाथ डालना चाहते है….
कमाल है….ओह भाई….तो क्या अब मेरा अगवा होगा….?
हो सकता है….
मैं तो बच्चों को दूध भी नही पिला सकता….
मैं नही समझी….?
हमारे यहाँ….सिर्फ़ औरतों का अगवा होता है
इस वहेम में ना पडो कि वो सिर्फ़ तुम्हारी शक्ल करीब से देखना चाहते है….
फिर क्या बात है….?
शायद….यह मालूम करना चाहते है कि तुम ने डॉक्टर के सिलसिले में मेरी हाँ में हाँ क्यूँ मिलाई थी….?
हाँ में हाँ मिलाना मेरी हॉबी है
लेकिन ठहरो क्या उन में से किसी ने तुम से गुफ्तगू की थी….?
सवाल ही पैदा नही होता….मेरे बाप ने मुझे इस पर राज़ी किया था….!
किस पर राज़ी किया था….?
यही कि मैं तुमसे ताल्लुक़ात बढ़ाउ….जब मैं यह जानती हूँ मैं हूँ तो वो क्यूँ ना जाने कि तुम माहेक्मा इंटेलिजेन्स के बहुत बड़े ऑफीसर के बेटे हो….!
इससे क्या होता है….मैं तो इस महेक्मे से तालूक रखता नही….!
शायद….कोई तालूक निकल ही आए….
आख़िर वो लेडी डॉक्टर तुम्हारी बहेन के मंगेतर की बहेन है….!
इस मंगेतर ने तो मुझे घनचक्कर बना कर छोड़ दिया है….
इस पर गौर करो….
गौर बाद में करूँगा….पहले तुम मुझसे ताल्लुक़ात बढ़ाओ….!
मैं नही समझी….?
वही करो जो वो चाहते है….मैं नही चाहते है कि मेरे इलाज करने से पहले ही तुम्हारा बाप दूसरी दुनिया में पहुँच जाए….उनका हलवा बनाना शुरू कर दिया है….!
हलवा क्या….?
जेल्ली को कहते है….
मुझे हिदायत मिली है कि तुम्हे बाहर ले जाउ….ज़्यादा से ज़्यादा दो वक़्त तुम्हारे साथ शहेर की तफरीगाहों में गुज़ार दूं….!
अगर….उन्हे मालूम हो जाए कि तुम मुझे हक़ीक़त से अगवा कर चुकी हो तो….?
जो बात मेरे और तुम्हारे दरमियाँ हुई हो उन्हे कैसे मालूम हो सकती है….
मालूम हो सकती है….
अगर मैं पोलीस को बता दूं कि लेडी डॉक्टर को हर्लें हाउस ले जाया गया था….!
तुम ऐसा नही करोगे….कॉर्निला जल्दी से बोली
क्यूँ ना करूँ….?
बात ख़त्म हो चुकी है….
और लेडी डॉक्टर हर्लें हाउस बरामद नही हुई थी….!
लेकिन….ढांप तो अभी तक नही पकड़ा जा सका….हो सकता है कि वो अभी तक हर्लें हाउस ही में छुपा बैठा हो….!
देखो….मुझ पर रहेम करो….तुम पोलीस को इत्तेला नही करोगे….!
वो फिर कोई बड़ा जुर्म कर बैठेगा….सवाल तो यह है कि उसने वो हरकत किस मक़सद के तहत की थी….?
क्या यह सच है कि वो दोनो मक़सद से अंजान है….?
बिल्कुल….ढांप ने बस उन्हे बाँध कर रखा था कोई वजह बताए बगैर….!
कॉर्निला किसी सोच में पड़ गयी….
और इमरान उसे खामोशी से देखता रहा
फिर कुछ देर बाद बोला….आख़िर उन्हे कैसे मालूम हो सकता है कि मैने झूठी गवाही दिलाई थी….!
मेरा बाप उन्हे पूरी तरह बा-खबर रखता है….वो मजबूर है….!
बहेरहाल….तो तुम इस वक़्त इसलिए आई हो कि मुझसे ताल्लुक़ात बढ़ाओ….?
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